कानपुर नगर निगम की मनमानी: बिल संशोधन की जगह कार्रवाई, गृहकर पूरा जमा होने पर भी संपत्ति पर सील
कानपुर नगर निगम ने एक संपत्ति पर गृहकर पूरी तरह जमा होने के बावजूद सील लगा दी। नागरिकों का आरोप है कि नगर निगम ने बिल संशोधन की बजाय मनमानी कार्रवाई की। मामले ने शहर में नाराजगी फैला दी है और नागरिक न्याय की उम्मीद कर रहे हैं।

जागरण संवाददाता, कानपुर। मनमाने गृहकर को लेकर आक्रोश बढ़ता जा रहा है। महापौर व नगर आयुक्त के आदेश के बाद भी बिल संशोधन करने के बजाए कार्रवाई की जा रही है। इसके चलते भवन स्वामी परेशान हो रहे है। पूरा गृहकर जमा होने के बाद भी अप्रैल 2022 से गृहकर बढ़ाकर ब्याज सहित बिल भेज दिया। संशोधन के लिए लोगों ने पत्र भी दिया लेकिन बिल संशोधन करने के बजाए संपत्ति में सील लगा दी।
बर्रा विश्वबैंक में स्थित शिवम गेस्ट हाउस में सील लगा दी। पूरा धन वित्तीय वर्ष 2024-25 का जमा है। इसे बाद भी पुराने साल से गृहकर बढ़ाकर बिल भेज दिया। इसको लेकर 10 अक्टूबर 2025 को भवन संख्या सी 1/14 शिवम गेस्ट हाउस पर कर ज्यादा भेज देने के लिए जोन तीन में पत्र भी दिया कि उनका बिल संशोधित कर दिया जाए। चालू वित्तीय वर्ष छोड़कर बाकी कर जमा है। इसके अलावा कोई बकाया नहीं है। 1,23,941 रुपये कर लगा कर नोटिस भेज दिया। बिल संशोधित न करके सील कर दिया।
यह एक मामला नहीं है। ऐसे तमाम मामले है। कांग्रेस पार्षद दल के नेता सुहेल अहमद, भाजपा पार्षद दल के नेता नवीन पंडित, पार्षद अवधेश त्रिपाठी, नीरज बाजपेई ने पिछले दिनों सदन में मामला उठाया था कि पहले कई गुणा तक बढ़ा कर गृहकर का बिल भेज दिया बाद में पत्र देने और सुविधा शुल्क के चलते गृहकर कम कर दिया।
पार्षद सुहेल अहमद ने मामला उठाया था कि एक मकान पर पहले छह लाख रुपये कर भेजा बाद में डेढ़ लाख रुपये कर दिया। यह कैसे हो सकता है। इसकी जांच करायी जाए। सदन ने अफसरों को आदेश दिए है कि एक कमेटी बनायी जाए और अब तक कम हुए गृहकर के मामलों की जांच करायी जाए। कैसे इतना बढ़ गया और फिर कैसे इतना कम हो गया।
महापौर प्रमिला पांडेय ने बताया कि ऐसे मामलों की जांच करायी जाएगी। साथ ही गड़बड़ी करने वालों पर कार्रवाई की जाएगी। अफसरों व पार्षदों की कमेटी बनायी जाएगी।
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