Kanpur Murder: पुलिस जांच उलझाने के लिए अल्लाह-ओ-अकबर लिखकर भेजा गया था फिरौती लेटर, अल-कायदा से जोड़ा था कनेक्शन
फिरौती पत्र पढ़कर पुलिस को पहले यही लगा कि मामला सांप्रदायिक हो सकता है। उसमें लिखा था मैं नहीं चाहता कि आपका त्योहार बर्बाद हो। आप मेरे हाथ में पैसा रखो और लड़का एक घंटे बाद आपके पास होगा। हम कल आपको फोन करेंगे। इसके बाद अल्लाह-हु-अकबर लिखा है। जबकि सही प्रयोग अल्लाह-ओ-अकबर है। इसी से पुलिस ने अंदाजा लगाया कि इसे लिखने वाला मुस्लिम नहीं होगा और पढ़ा लिखा भी कम होगा।

जागरण संवाददाता, कानपुर। कुशाग्र के हत्यारोपितों ने अपनी योजना में पुलिस को भी बरगलाने का पूरा इंतजाम किया था। इसी वजह से फिरौती पत्र में अल्लाह-ओ-अकबर लिखकर दिया गया और मोबाइल पर भेजे मैसेज में अलकायदा का जिक्र किया।
फिरौती पत्र पढ़कर पुलिस को पहले यही लगा कि मामला सांप्रदायिक हो सकता है। उसमें लिखा था, मैं नहीं चाहता कि आपका त्योहार बर्बाद हो। आप मेरे हाथ में पैसा रखो और लड़का एक घंटे बाद आपके पास होगा। हम कल आपको फोन करेंगे। इसके बाद अल्लाह-हु-अकबर लिखा है। जबकि सही प्रयोग अल्लाह-ओ-अकबर है। इसी से पुलिस ने अंदाजा लगाया कि इसे लिखने वाला मुस्लिम नहीं होगा और पढ़ा लिखा भी कम होगा।
फिरौती पत्र में आगे लिखा गया कि इस लड़के की गाड़ी और उसका मोबाइल दोनों अपके घर के पास होटल द सिटी क्लब के पास खड़ी है। मैं आपका नुकसान नहीं चाहता। आगे लिखा मैं आपसे बार-बार बोल रहा हूं कि घबराओ ना। आप अल्लाह पे भरोसा रखो। पूछताछ में हत्यारोपित प्रभात ने भी बताया कि उनकी योजना थी कि मामले को सांप्रदायिक रंग दे दिया जाए, ताकि पुलिस उधर भटके और इधर वह अपने घर से शव को ठिकाने लगा सके।
गड्ढे में छिपाया था कुशाग्र का मोबाइल, खुलेंगे कई राज
डीसीपी सेंट्रल प्रमोद कुमार ने बताया कि प्रभात से हत्या के बाद कुशाग्र का मोबाइल फिरौती पत्र के अनुसार स्कूटी के पास नहीं डाला था, बल्कि उसे स्विच आफ करके जरीब चौकी के पीछे रेलवे लाइन के किनारे के गड्ढे में डाल दिया था। कड़ाई से पूछताछ होने पर प्रभात ने मोबाइल बरामद करा दिया। पुलिस इस मोबाइल की फोरेंसिक जांच कराने जा रही है, ताकि इसमें कोई राज छुपा हो तो वह भी सामने आ सके।
सीसी फुटेज ने खोला हत्याकांड का घटनाक्रम
पुलिस को कुशाग्र हत्याकांड से जुड़े घटनाक्रम की कड़ियां जोड़ने में सीसी फुटेज से बड़ी कामयाबी मिली है। संयुक्त पुलिस आयुक्त आनंद प्रकाश तिवारी ने बताया कि जरीब चौकी से लेकर प्रभात शुक्ला के घर तक तमाम सीसी फुटेज चेक किए गए हैं, जिसमें दोनों अपनी-अपनी स्कूटी से आते दिखाई पड़ रहे हैं। प्रभात के हाते के सामने लगे सीसी कैमरे में साफ दिखाई पड़ रहा है कि हाते में प्रभात आगे-आगे, जबकि कुशाग्र हेलमेट लगाए पीछे चल रहा है। उस समय शाम के 4:32 बज रहे थे। दोनों सीधे उसी कोठरी में पहुंचे जहां से कुशाग्र का शव बरामद हुआ है। तीन गुणा आठ फीट की कोठरी में केवल एक गद्दा पड़ा है और पंखा लगा हुआ है।
यह कोठरी घर से बाहर एक कोने में बनी है। शाम 5:18 बजे प्रभात कोठरी से बाहर निकला, शर्ट बदलकर सफेद शर्ट पहनी और कुशाग्र की स्कूटी लेकर चला गया। इसके बाद शाम करीब छह बजे प्रभात दोबारा कोठरी के अंदर गया। इस बार अंदर जाकर उसने शव को रस्सी से बांधा और ऊपर से कंबल डाल दिया। देखने पर लग रहा था, जैसे कोई सोया हुआ है। प्रभारी निरीक्षक नजीराबाद कौशलेंद्र सिंह जब मौके पर पहुंचे तो कोठरी में ताला लगा था। हालांकि ऊपर चाभी रखी हुई थी, जिसके बाद कोठरी खोलकर शव बाहर निकाला गया।
13 अक्टूबर को था जन्मदिन
कुशाग्र ने 13 अक्टूबर को अपना 17वां जन्मदिन मनाया था। घर में हुई पार्टी में खूब जश्न मना था। कुशाग्र ने पिता से बालिग होने के बाद अच्छी बाइक दिलाने की मांग की थी। किसी पता था कि उसकी यह हसरत पूरी नहीं हो सकेगी। वहीं परिवार वालों ने बताया कि कुशाग्र इस्कान से जुड़ा था और धार्मिक गतिविधियों में शामिल रहता था।
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प्रभात के पिता और बहन भी शक के दायरे में
एक बड़ा सवाल है कि क्या कुशाग्र की हत्या प्रभात ने अकेले की, या उसके साथ और भी कोई शामिल था। सीसी फुटेज में कोठरी में और कोई जाते तो नहीं दिखाई दे रहा, लेकिन पुलिस प्रभात के होमगार्ड पिता सुनील कुमार शुक्ला जो कि दक्षिण में तैनात हैं और छोटी बहन को शक के दायरे में रख रही है। दोनों को थाने बुलाकर पूछताछ की गई।

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