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    अच्छी खबर.. कानपुर के मेडिकल कालेज के ट्रामा सेंटर में बनेंगे दो हैलीपैड, मरीजों को एयर लिफ्ट की मिलेगी सुविधा, बजट जारी

    Updated: Sat, 22 Nov 2025 06:05 AM (IST)

    कानपुर मेडिकल कॉलेज के ट्रामा सेंटर में दो हेलीपैड बनाए जाएंगे। मरीजों को एयरलिफ्ट करने की सुविधा मिलेगी, जिसके लिए बजट जारी हो गया है। इससे गंभीर मरीजों को तुरंत बेहतर इलाज के लिए पहुंचाया जा सकेगा और समय की बचत होगी। हेलीपैड निर्माण से ट्रामा सेंटर की क्षमता में वृद्धि होगी।

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    जागरण संवाददाता, कानपुर। जीएसवीएम मेडिकल कालेज के एलएलआर अस्पताल परिसर में बनने वाले 300 बेड के ट्रामा सेंटर के लिए 168 करोड़ की धनराशि पहली किश्त के रूप में शासन की ओर से स्वीकृत की गई है। 495 करोड़ की लागत से बनने वाले छह मंजिला भवन का निर्माण वर्ष 2027 तक करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसके निर्माण के लिए शासन की ओर से पीडब्ल्यूडी को कार्यदायी संस्था के लिए नामित किया गया है। ट्रामा सेंटर में घायल व मरीजों को एयर लिफ्ट करने के लिए दो हेलीपैड का निर्माण भी किया जाएगा।

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    जीएसवीएम मेडिकल कालेज के प्राचार्य प्रो. संजय काला ने बताया कि 300 बेड का एपेक्स ट्रामा सेंटर ट्रामा इंस्टीट्यूट की तरह काम करेगा। इसमें ट्रामा भवन के साथ इंस्टीट्यूट की भी सुविधा होगी। जहां पर डाक्टर, पैरा मेडिकल और टेक्नीशियन उच्च मानक की पढ़ाई कर सकेंगे। दो वर्ष में 495 करोड़ की धनराशि से बनने वाले प्रदेश के पहले एपेक्स ट्रामा सेंटर इंस्टीट्यूट की तरह बनाया जाएगा। जहां पर गंभीर से गंभीर मरीज के इलाज के साथ पठन-पाठन के लिए अकादमी की सुविधा होगी।

     

    छह मंजिला ट्रामा इंस्टीट्यूट में 200 बेड के साथ 100 बेड का आइसीयू भी होगा। इसकी छत पर एयर एंबुलेंस के लिए दो हेलीपैड होंगे, यह प्रदेश का पहला ट्रामा सेंटर होगा जहां से मरीज और घायलों को एयर लिफ्ट किया जा सकेगा। वर्ष 2027 से पहले इसको तैयार करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। जीएसवीएसएस पीजीआइ के नोडल डा. मनीष सिंह ने बताया कि ट्रामा इंस्टीट्यूट में देशभर से डाक्टर, पैरा मेडिकल और टेक्नीशियन प्रशिक्षण हासिल करने के लिए आएंगे।

     

    प्रदेश का पहला ट्रामा इंस्टीट्यूट चिकित्सा व्यवस्था को नई दिशा देगा। 300 बेड के ट्रामा सेंटर में हर विद्या के विशेषज्ञों की टीम करीब 15 आपरेशन थियेटर की मदद से मरीजों के जीवन को सुरक्षित करेगी। इसमें 50 बेड का आपदा प्रबंधन वार्ड में वार्ड भी बनाने की योजना है। जिसका प्रयोग ट्रेन हादसा, बस हादसा और किसी प्रकार की आपदा की स्थिति में घायलों के जीवन को सुरक्षित करने में किया जाएगा। इसमें जांच के लिए दो सीटी स्कैन मशीन, एक एमआरआइ मशीन, दो डिजिटल एक्सरे, एक इको, ओपीजी मशीन, पैथोलाजी, स्किल लैब की योजना हैं। ट्रामा सेंटर में 100 बेड का अत्याधुनिक इंटेंसिव केयर यूनिट (आइसीयू) होगा।