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    दीनू गैंग घोषित होने के बाद छावनी बनी कानपुर कचहरी, वकीलों में नाराजगी, फोर्स तैनात

    Updated: Tue, 09 Sep 2025 02:24 PM (IST)

    कानपुर में वकील दीनू उपाध्याय के गिरोह को इंटर रेंज गैंग घोषित किए जाने से वकीलों में नाराजगी है। कचहरी में वकीलों की मीटिंग को देखते हुए पुलिस ने सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी है। दीनू गैंग के सदस्यों पर लोगों को धमकाने अपहरण करने मारपीट लूट और रंगदारी मांगने जैसे गंभीर आरोप हैं। पुलिस इस मामले में कार्रवाई कर रही है और फरार सदस्यों की तलाश जारी है।

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    कानपुर कचहरी में वकीलों में आक्रोश है।

    जागरण संवाददाता, कानपुर। दीनू गैंग घोषित होने के बाद वकीलों में नाराजगी है। इसको लेकर मंगलवार को कचहरी में एक बैठक होनी थी। उनकी नाराजगी व माहौल बिगड़ने की आशंका पर दो दर्जन से ज्यादा थानों का फाेर्स और क्यूआरटी पुलिस आयुक्त कार्यालय पर तैनात रही।

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    पिंटू सेंगर हत्याकांड में जेल में बंद अधिवक्ता दीनू उपाध्याय के गिरोह को पुलिस ने इंटर रेंज गैंग (आसपास के जनपदों में भी अपराध) घोषित किया है। गैंग का सरगना दीनू को बनाया गया, जबकि उसमें 20 अन्य सदस्य हैं। इसमें हिस्ट्रीशीटर राम खिलावन, विमला देवी, शुभम कुमार, अजय शर्मा, उपेंद्र सिंह भदौरिया, उदय नारायण, आलोक मिश्रा, अनूप शुक्ला, अरिदमन सिंह, धर्मेंद्र यादव, धीरज दुबे, दीपक जादौन, गोपाल सिंह, मनु उपाध्याय, नारायण भदौरिया, नीरज दुबे, संजय उपाध्याय, सत्येंद्र त्रिवेदी, श्रोत गुप्ता, विकास ठाकुर हैं। इनमें 15 से ज्यादा आरोपित वकील हैं, जिन पर कई-कई मुकदमे दर्ज हैं।

    वकीलों का आरोप है कि बिना जांच पड़ताल के पुलिस ने दीनू गैंग से वकीलों को जोड़कर उन्हें गैंग्स्टर का आरोपित बना दिया। इसको लेकर वकीलों ने मंगलवार को बैठक की। इस बैठक के बीच माहौल बिगड़ने की सूचना पर पुलिस आयुक्त कार्यालय परिसर में कोतवाली, हरबंश मोहाल, कर्नलगंज, कोहना, कलक्टरगंज, बाबूपुरवा, काकादेव, पनकी समेत दो दर्जन से ज्यादा थानों का फोर्स तैनात कर छावनी बना दिया गया। दोपहर करीब तीन बजे के बाद जब बैठक खत्म हुई तब जाकर फोर्स भी वापस अपने-अपने थाने लौट गई।

    नौ सदस्य जेल जा चुके, 11 फरार

    पिंटू सेंगर हत्याकांड में जेल में बंद अधिवक्ता दीनू उपाध्याय के गिरोह को पुलिस ने इंटर रेंज गैंग (आसपास के जनपदों में भी अपराध) घोषित कर दिया है। इसका सरगना वह खुद है, जबकि गैंग में 20 अन्य सदस्य शामिल हैं। दीनू के अलावा गैंग के नौ सदस्यों को पुलिस जेल भेज चुकी है, जबकि 11 अभी फरार हैं। 

    डीसीपी सेंट्रल श्रवण सिंह ने बताया कि नवाबगंज निवासी धीरज उपाध्याय उर्फ दीनू अपने गैंग के सदस्यों के साथ मिलकर लोगों को धमकाकर उनके मकान व दुकानें कब्जाता था। विरोध करने वालों का अपहरण कर उनसे मारपीट, लूट और रंगदारी मांगता थी, जिससे दीनू व उनके गैंग के खिलाफ भय बना हुआ था। उस पर पिंटू सेंगर की हत्या में शामिल होने का भी आरोप है, जिस मुकदमे में वह इस समय सोनभद्र जेल में है। उसके खिलाफ 24 मुकदमे विभिन्न थानों में दर्ज हैं।

    दीनू और उसके साथियों का इंटर रेंज गैंग घोषित किया गया है, जिसमें दीनू को सरगना बनाया गया है। गैंग के सदस्यो में हिस्ट्रीशीटर राम खिलावन, विमला देवी, शुभम कुमार, अजय शर्मा, उपेंद्र सिंह भदौरिया, उदय नारायण, आलोक मिश्रा, अनूप शुक्ला, अरिदमन सिंह, धर्मेंद्र यादव, दीपक जादौन, गोपाल सिंह, मनु उपाध्याय, नारायण भदौरिया, नीरज दुबे, संजय उपाध्याय, सत्येंद्र त्रिवेदी, श्रोत गुप्ता, विकास ठाकुर हैं। इन सबके खिलाफ लूट-डकैती, रंगदारी, धमकी समेत धाराओं में कई मुकदमे दर्ज हैं। 

    मारपीट करते कई वीडियो हो चुके प्रचलित

    दीनू और उसके गैंग के सदस्यों के एक दर्जन से ज्यादा वीडियो मारपीट करते प्रचलित हो चुके हैं। कुछ साल पहले जेड स्क्वायर में मारपीट व तोड़फोड़ करते वीडियो प्रचलित हुआ था तो एक वीडियो नवाबगंज का घर के अंदर एक युवक को बंधक बना मारपीट करते प्रचलित हुआ था। इनमें मुकदमे भी दर्ज हुए थे।