Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    कानपुर में अलग-अलग जगह दो महिलाओं समेत सात ने फंदा लगा की आत्महत्या, प्रताड़ना से लेकर बीमारी वजह

    Updated: Tue, 16 Sep 2025 07:12 PM (IST)

    कानपुर में अलग-अलग थाना क्षेत्रों में दो महिलाओं समेत सात लोगों ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। ये घटनाएं रेलबाजार हनुमंत विहार रावतपुर कल्याणपुर जूही सचेंडी और नौबस्ता में हुईं। पारिवारिक कलह प्रेम संबंध में विवाद नशे की लत और बीमारी से तंग आकर लोगों ने यह कदम उठाया। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

    Hero Image
    सूरज गुप्ता व कुलदीप कुमार का फाइल फोटो। स्वजन

    जागरण संवाददाता,कानपुर। शहर में अलग-अलग स्थानों पर हुई घटनाओं में दो महिलाओं समेत सात ने फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। घटनाएं शहर के रेलबाजार, हनुमंत विहार, रावतपुर, कल्याणपुर जूही, सचेंडी और नौबस्ता थानाक्षेत्रों में हुई। स्वजन की सूचना पर पहुंची पुलिस और फोरेंसिक टीम ने जांच पड़ताल कर साक्ष्य जुटाए।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    घटना एक : रेलबाजार निवासी मोंटी ने बताया कि आठ साल पहले उसकी शादी 25 वर्षीय दीपा से हुई थी। उनकी आठ साल की बेटी आरोही है। उन्होंने बताया कि सास फूलमती के निधन के बाद से वह ससुराल में रहते थे। उनका साला गोपी शराब का लती है जिसके चलते दीपा का उससे आए दिन विवाद होता था। सोमवार शाम गोपी शराब पीकर आया तो बहन दीपा से फिर विवाद शुरू हो गया। मोंटी ने बताया कि विवाद की जानकारी पर वह बेटी आरोही को लेकर घर से बाहर चले गए, कुछ देर बाद लौटकर आए तो देखा कि पत्नी ने कमरा बंदकर खिड़की से दुपट्टे के सहारे फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली।

    घटना दो : हनुमंत विहार थानाक्षेत्र के आशा नगर निवासी 35 वर्षीय सूरज गुप्ता हलवाई का काम करते थे। परिवार में पत्नी आरती, दो बेटी साधवी, सान्या और एक बेटा आर्यन है। छोटे भाई रजनीश गुप्ता ने बताया कि सूरज का अक्सर छोटी–छोटी बातों को लेकर भाभी से विवाद होता रहता था। कल शाम को भाई सूरज शराब पीकर घर आए तो उनका भाभी से झगड़ा हो गया। दोनों को समझाकर शांत कराया। जिसके बाद सबने छत पर खाना खाया। देर रात सूरज वाशरूम जाने के लिए नीचे उतरकर आया और कमरा बंद कर रस्सी से फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। कुछ देर बाद भाभी नीचे उतरकर कमरे में पहुंची तो भाई का शव फंदे पर लटकता मिला।

    घटना तीन : मूलरूप से इटावा, भरथना के मल्हौसी गांव निवासी 35 वर्षीय राजमिस्त्री जुआर सिंह बारासिरोही में विपिन कुमार के मकान में ढाई साल से रहते थे। परिवार में पत्नी ज्योति, बच्चे ऋतिक और साक्षी हैं। भाई राजा ने बताया कि जुआ व शराब के लती थे, जिसकी वजह से सोमवार रात दंपती के बीच विवाद हुआ था। झगड़े के बाद बच्चों को मायके में छोड़ने के बाद ज्योति ड्यूटी के लिए अस्पताल चली गई थी, मंगलवार दोपहर घर लौटी तो पति का शव फंदे पर लटकता मिला।

    घटना चार : रावतपुर थानाक्षेत्र के आनंद नगर निवासी 22 वर्षीय अवधेश पांडेय ओला चालक था। परिवार में पिता सरोज, मां सरला और बहन राधिका है। स्वजन ने बताया कि अवधेश का इलाके में ही रहने वाली एक महिला से प्रेम संबंध था। जिसका वह लोग विरोध करते थे, जिससे आए दिन विवाद होता था। पिछले माह सरोज ने बेटे को डेढ़ लाख की बाइक भी दिलवाई थी, जिस पर महिला को बिठाकर घुमाते हुए उन्होंने बेटे को देख लिया था। जिसके बाद दोनों के बीच विवाद हुआ और देर रात अवधेश ने कमरे में फंदा लगाकर जान दे दी। सुबह स्वजन सोकर उठे तो इकलौते बेटे का शव फंदे पर लटका देखा तो उनका रो-रोकर बुरा हाल हो गया।

    घटना पांच : मूलरूप से फतेहपुर जनपद के रेलबाजार, बाकरगंज हरिजन बस्ती निवासी 35 वर्षीय कुलदीप कुमार नगर पालिका में संविदा पर सफाईकर्मी थे। परिवार में पत्नी ज्योति, बेटी आरोही, आराध्या है। भाई प्रदीप ने बताया कि भाभी व बच्चे जूही बाकरगंज स्थित मकान में रहते थे, जबकि भाई फतेहपुर में रहकर काम करते थे। बताया कि 15 दिन पहले भाई के साले बाकरगंज निवासी मुकेश की बीमारी से मौत हो गई थी, जिस पर वह शहर आए थे। भाई ने अपनी बाइक बेंचकर साले की तेहरवीं की थी। भाई सुमित ने बताया कि कुलदीप ने पत्नी ज्योति से फतेहपुर चलने को कहा, लेकिन वह राजी नहीं थी। भाभी आए दिन भाई को प्रताड़ित करतीं थीं, जिस पर कल देर रात कुलदीप ने बाकरगंज स्थित दादी शांतिदेवी घर जाकर फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली।

    घटना छह : मूलरूप से कानपुर देहात जनपद के शिवली हृदयपुर गांव निवासी 32 वर्षीय प्राइवेट कर्मी धर्मेंद्र यादव एक साल से सचेंडी के संजय नगर भौंती स्थित ससुराल में रह रहे थे। पत्नी उर्मिला की पिछले साल दीपावली पर प्रसव के दौरान मौत हो गई थी। परिवार में दो बच्चे हैं। छोटे भाई शिवपूजन ने बताया कि पत्नी की मौत के बाद से भाई अवसाद में चल रहे थे और शराब के लती हो गए थे। कल रात शराब पीकर आने के बाद भाई ने फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली।

    घटना सात : नौबस्ता के राजीव विहार में 58 वर्षीय यशोदा देवी कश्यप ने बीमारी से तंग आकर फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। उनका शव कमरे में पंखे से दुपट्टे के सहारे लटकता मिला। दोपहर बाद बेटा अंश घर पहुंचा तो घटना की जानकारी हुई। बेटे अंश ने बताया कि घटना के वक्त मां घर पर अकेली थी। सात साल पहले पिता के निधन के बाद से वह मानसिक से रूप बीमार थी। उनका इलाज भी चल रहा था। नौबस्ता थाना प्रभारी शरद तिलारा ने बताया कि बीमारी के चलते महिला के आत्महत्या की बात सामने आई है।

    यह भी पढ़ें- चोरों की दहशत के बीच दिखा कुछ ऐसा...पुलिस हैरान, घर में पकड़ने दौड़ी तो अंदर चल रहा था गंदा खेल

    अवसाद से घिरे लोग आमतौर पर लोगों से कटने लगने हैं और उनके व्यवहार में बदलाव आ जाता है। इस पर नजर रखनी चाहिए स्वजन या दोस्तों को सचेत रहते हुए ऐसे लोगों से बात करके उनकी परेशानी जानने का प्रयास करना चाहिए। अगर ऐसे व्यक्ति को लगता है कि वह अपनी समस्या या भावना किसी से साझा नहीं कर सकता है तो किसी मनोचिकित्सक या मंडलीय मनोविज्ञान केंद्र में संपर्क कर सकते हैं।

    - डा.संध्या शुक्ला, प्रवक्ता मंडलीय मनोविज्ञान केंद्र

    आत्महत्या का ख्याल आने के ये हैं संकेत

    • अवसाद का लगातार रहना
    • मानसिक स्थिति का एकसमान नहीं रहना
    • बेचैनी और घबराहट का होना
    • जिस चीज़ में पहले खुशी मिलती थी, अब उसमें दिलचस्पी ना होना
    • दिमाग में हमेशा नकरात्मक बातों का आना
    • भविष्य को लेकर नकारात्मक दृष्टिकोण का होना
    • शराब और नशीली दवाओं के उपयोग में वृद्धि
    • दोस्तों, परिवार और समुदाय से अलगाव

    नकारात्मक विचार आए तो क्या करें

    • परिवार,दोस्त या किसी विश्वसनीय व्यक्ति से अपनी भावनाओं को साझा करें
    • मनोचिकित्सक या काउंसलर से संपर्क करें।
    • कई हेल्पलाइन हैं, जो 24 घंटे सातों दिन काम करती हैं उनसे मदद लें।
    • नियमित व्यायाम, संतुलित आहार और पर्याप्त नींद लेकर मानसिक स्तर को ठीक करें।