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    कानपुर-कबरई ग्रीन फील्ड हाईवे निर्माण को लगी फाइनल मुहर, इन जिलों के 93 गांवों की जमीन का अधिग्रहण

    By ritesh dwivedi Edited By: Anurag Shukla1
    Updated: Thu, 31 Jul 2025 07:00 AM (IST)

    कानपुर-कबरई ग्रीन फील्ड हाईवे के निर्माण की स्वीकृति मिल गई। सितंबर माह में हाईवे निर्माण के लिए जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। इसके लिए करीब 93 गांवों की जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा। इसमें कानपुर महोबा और हमीरपुर के गांव शामिल हैं। कानपुर के सबसे ज्यादा 49 गांव की जमीन है।

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    सितंबर माह में हाईवे निर्माण के लिए जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।

    रितेश द्विवेदी, जागरण संवाददाता, कानपुर। सड़क परिवहन मंत्रालय से कानपुर-कबरई ग्रीन फील्ड हाईवे के निर्माण की स्वीकृति मिल गई। आगामी सितंबर माह में हाईवे निर्माण के लिए जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। हाईवे निर्माण के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने तीन जिलों के 93 गांव की जमीन का अधिग्रहण करेगा।

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    इसमें कानपुर के 49, महोबा-कबरई के 09 और हमीरपुर के 35 गांव की फाइनल सूची तैयार की गई है। कानपुर-कबरई ग्रीन फील्ड हाईवे के निर्माण के लिए केंद्र सरकार लगभग 3700 करोड़ रुपये का बजट खर्च करेगी। 

    कानपुर-कबरई हाईवे निर्माण का रास्ता साफ हो चुका है। लगभग 112 किमी लंबा यह ग्रीन फील्ड हाईवे कानपुर नगर, देहात, हमीरपुर और महोबा सीमा से छतरपुर में इकोनामिक कारीडोर से जोड़ा जाएगा। अभी कानपुर से हमीरपुर टू लेन हाईवे पर नौबस्ता से हमीरपुर के ट्रैफिक लोड ज्यादा होने से जाम लगता है। सबसे ज्यादा सड़क दुर्घटनाएं भी इसी सड़क पर होती हैं।

    ग्रीन फील्ड हाईवे को रिंग रोड के पास रमईपुर में मगरासा के पास से जोड़ा जाएगा, जिससे भोपाल और मुंबई तक का सफर आसान हो जाएगा। इसके बनने से कानपुर-सागर मार्ग पर यातायात का भार कम होगा। साथ ही सड़क हादसों में कमी आएगी। करीब तीन माह पूर्व कानपुर-कबरई ग्रीन हाईवे का अलाइमेंट स्वीकृति के लिए प्रस्ताव मंत्रालय भेजा गया था,मंत्रालय ने स्वीकृति देने से पूर्व एनपीजी (नेशनल प्लानिंग ग्रुप) से अनापत्ति लेने के लिए प्रस्ताव भेज दिया था।

    इन दोनों विभागों से स्वीकृति मिलने के बाद एनएचएआइ के अधिकारी अलाइमेंट स्वीकृति के साथ ही भूमि अधिग्रहण के लिए गजट प्रकाशन के लिए भेज दिया गया है। इसी सप्ताह गजट को प्रकाशित किया जाएगा। गजट प्रकाशन की तिथि से 21 दिनों के अंदर आपत्तियों को स्वीकार करते हुए प्रशासन निस्तारण करेगा। इसके बाद भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।

    ग्रीन फील्ड हाइवे बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे की तरह ही बनेगा। वर्ष 2021 में केंद्र सरकार ने कानपुर-सागर नेशनल हाइवे के समानांतर महोबा जिले के कबरई तक ग्रीन हाइवे बनाने का निर्णय लिया था, जो अब साकार होने जा रहा है।

    अलाइमेंट बदला, फतेहपुर जिले से नहीं गुजरेगा हाईवे

    कानपुर-कबरई ग्रीन फील्ड हाईवे में पहले चार जनपदों को शामिल करते हुए अलाइमेंट तैयार किया गया था, जिसमें फतेहपुर जनपद की सीमा से होते हाईवे का अलाइमेंट तैयार किया गया था, लेकिन जो अलाइमेंट पास हुआ है, उसमें फतेहपुर जनपद की सीमा से हाईवे नहीं गुजरेगा। ग्रीन फील्ड हाईवे का अलाइमेंट कानपुर-सागर हाईवे के दाएं तरफ का फाइनल किया गया है, जबकि इससे पहले इस हाईवे के बाएं का अलाइमेंट फतेहपुर सीमा से होकर गुजरता, लेकिन स्वीकृति अलाइमेंट में केवल कानपुर नगर, हमीरपुर और महोबा जनपद ही आएंगे।

    1139 हेक्टेयर भूमि का तीन जिलों में होगा अधिग्रहण

    भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण 112 किमी लंबे हाईवे निर्माण के लिए 1139 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण करेगा। जिसमें सबसे ज्यादा भूमि हमीरपुर जनपद में 35 गांव की पांच सौ हेक्टेयर, कानपुर जिले में 49 गांव में 387 हेक्टेयर और महोबा में नौ गांव में 252 हेक्टेयर भूमि के अधिग्रहण की प्रक्रिया सितंबर माह से शुरू होगी।

    तहसील क्षेत्र के जमीन अधिग्रहण के चिन्हित गांव की संख्या

    • कानपुर सदर तहसील-18
    • कानपुर घाटमपुर तहसील-31
    • हमीरपुर सदर तहसील-19
    • हमीरपुर मौदहा तहसील-16
    • महोबा सदर तहसील-09

    यह होता है ग्रीन फील्ड हाईवे

    ग्रीन फील्ड हाईवे, नए ग्रामीण क्षेत्रों को जोड़ते हुए बनाया जाता है। इसके लिए नए इलाकों को चिन्हित किया जाएगा। ग्रीन हाईवे बनाने का मकसद घनी आबादी क्षेत्र को छोड़कर ग्रामीण क्षेत्रों को जोड़कर विकसित करने का होगा।

    कानपुर-कबरई ग्रीन फील्ड हाईवे निर्माण की स्वीकृति मिल गई है। इसी सप्ताह गजट का प्रकाशन करने के आदेश दिए गए हैं। हाईवे निर्माण के लिए तीन जनपदों के 93 गांव की जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा। सितंबर माह से जमीन अधिग्रहण शुरू कर दिया जाएगा। इससे पहले अगस्त माह में गजट प्रकाशन की तिथि के साथ ही 21 दिनों में आपत्तियों का निस्तारण किया जाएगा।

    पंकज यादव, परियोजना निदेशक, एनएचएआई