Kanpur Explosion: पहले भी धमाकों से कांप चुका है शहर, फिर भी नहीं लिया सबक; करवा चौथ से पहले मची खलबली
कानपुर में दीपावली से पहले अवैध पटाखा भंडारण के कारण मेस्टन रोड पर धमाका हुआ। पुलिस ने पिछली घटनाओं से सबक नहीं लिया। 2024 में सीसामऊ और 2019 में नौबस्ता में भी ऐसे हादसे हुए थे, जिनमें कई जानें गईं। पुलिस ने लीकेज सिलिंडर को कारण बताकर मामलों को रफादफा किया, जबकि हकीकत कुछ और थी।

मेस्टन रोड मिश्री बाजार स्थित दुकान जिसके सामने धमाका हुआ था उसी दुकान से भारी मात्रा में पटाखे निकल गए।जागरण
जागरण संवाददाता, कानपुर। दीपावली का त्योहार नजदीक आते ही सुरक्षा मानकों को ताक पर रखकर शहर में अवैध पटाखों के भंडारण का खेल शुरू हो जाता है। अवैध भंडारण के चलते धमाके की यह कोई पहली घटना नहीं है।
इससे पहले भी धमाकों के चलते लोगों की जान जा चुकी है, लेकिन पुलिस ने ऐसी घटनाओं से भी कोई सबक नहीं लिया और करवा चौथ त्योहार से दो दिन पहले मेस्टन रोड के मिश्री बाजार मोड़ के पास ही धमाका हो गया। गनीमत तो यह रही कि अभी पटाखों को बाजार नहीं सजा था।
अगर, बाजार सजा होता तो शायद हादसा और बड़ा हो सकता था। हालांकि पुलिस के आलाधिकारी धमाके को लेकर कुछ भी स्पष्ट बताने की स्थिति में नहीं दिखे। बोले, जांच चल रही है।
शहर में अवैध पटाखा भंडारण के चलते अक्टूबर 2024 में सीसामऊ थानाक्षेत्र के गांधी नगर में धमाका हुआ था, जिसमें दंपती की मौत हो गई थी। आज तक यह तय नहीं हो सका कि आखिर विस्फोट क्यों हुआ हुआ था।
दंपति अपने मोपेड से घर लौटा था। तब दावा किया गया था कि छोटे वाले सिलिंडर में विस्फोट की वजह से यह घटना हु़ई है। जबकि मौके पर छोटा सिलिंडर का कोई अवशेष मौके पर नहीं मिलने से सवाल खड़े हुए थे।
यह भी पढ़ें- Kanpur Explosion Update: मेस्टन बाजार विस्फोट की चपेट में आए घायलों के जख्म गंभीर, बोलने, सुनने और देखने में असमर्थ
इसी तरह अक्टूबर 2019 में दिवाली से पहले नौबस्ता के द्विवेदी नगर में हुए एक विस्फोट में दो लोग घायल हुए थे। इतना ही कुछ साल पहले पुलिस से बचने के लिए कल्याणपुर सीएचसी में अवैध पटाखों का भंडारण किया गया था, जिसमें धमाका होने से भी कई लोग घायल हुए थे।
इधर, नजीराबाद थानाक्षेत्र के नेहरू नगर में भी धमाके के चलते कुछ लोग घायल हो गए थे। यह सभी घटनाएं अवैध पटाखों के भंडारण से जुड़ी मानी गई थी, लेकिन कल्याणपुर के सीएचसी में हुए धमाके को छोड़कर पुलिस ने सभी घटनाओं में दूसरे कारण बताकर मामले को रफादफा कर दिया था।
इनमें ज्यादा मामलों में पुलिस ने लीकेज सिलिंडर में आग लगने से धमाका होने को ही असली वजह बताया था। जबकि प्रत्यक्षदर्शियों की कहानी कुछ और ही बयां कर रही थीं।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।