मैं क्विट कर रहा हूं…इसमें कोई इन्वॉल्व नहीं, इतना लिखकर IIT कानपुर में पीएचडी कर रहे शोधार्थी ने दी जान
आईआईटी में रसायन विज्ञान विभाग के शोधार्थी अंकित यादव ने सोमवार को आत्महत्या कर लिया। वह यूजीसी फेलोशिप के जरिए जुलाई 2024 से जुड़े थे और आईआईटी हॉस्टल के रूम नंबर 103 में रहते थे। आईआईटी प्रशासन के मुताबिक उन्होंने ऐसा क्यों किया इसके बारे में जानकारी नहीं है। घटना शाम करीब सवा पांच बजे की है। पुलिस और फोरेंसिक टीम मौके पर है।

जागरण संवाददाता, कानपुर। आईआईटी में पीएचडी के शोधार्थी ने सोमवार को आत्महत्या कर ली। उसका शव छात्रावास के कमरे में फंदे से लटका हुआ मिला। कमरे का दरवाजा अंदर से बंद था। संस्थान के सुरक्षाकर्मियों ने दरवाजा तोड़कर उसे बाहर निकाला और संस्थान के अस्पताल ले गए। यहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
कमरे के अंदर सुसाइड नोट बरामद हुआ है। इसमें लिखा हुआ था, मैं क्विट कर रहा हूं, यह मेरा अपना निर्णय है। इसमें कोई इन्वॉल्व नहीं है। पुलिस और फोरेंसिक ने जांच कर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। शोधार्थी के परिजनों को घटना की जानकारी दे दी गई है।
यह है पूरा मामला
नोएडा के सेक्टर 71 निवासी 24 वर्षीय अंकित यादव आईआईटी से केमिस्ट्री विभाग से पीएचडी कर रहा था। उसने पिछले वर्ष ही दाखिला लिया था। वह संस्थान के हॉस्टल नंबर सात के एच ब्लॉक के कमरा नं. 103 में रह रहा था।
सोमवार की शाम को उसका दरवाजा काफी देर तक बंद था। उसकी एक सहपाठी उससे मिलने के लिए आई। उसने कमरे का दरवाजा खटखटाया, लेकिन खुला नहीं।
कई बार खटखटाने के बावजूद अंदर से कोई आवाज नहीं आई। छात्रा ने ब्लाक के अन्य छात्रों को जानकारी दी। उन्होंने सुरक्षाकर्मियों को बुलाया। आखिर में दरवाजा तोड़ा गया तो सबके होश उड़ गए। अंकित यादव फंदे से लटका हुआ था।
आनन फानन उसे संस्थान के स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। पुलिस को सूचना दी गई। सूचना मिलते ही कल्याणपुर इंस्पेक्टर सुधीर कुमार, चौकी इंचार्ज अमित कुमार और फोरेंसिक की टीम मौके पर पहुंची। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
डीसीपी पश्चिम राजेश कुमार सिंह ने बताया कि छात्र ने फंदा लगाकर जान दी है। कमरे के अंदर सुसाइड नोट भी मिला। छात्र के मोबाइल, लैपटॉप और अन्य सामान की जांच कराई जा रही है।
परिजनों को संस्थान की ओर से जानकारी दे दी गई है। उनसे बातचीत की जाएगी। पिता रामसूरत यादव हैं जो नोएडा के जागृति अपार्टमेंट में रहते हैं। छात्र ने आत्महत्या क्यों की, इस संबंध में अधिकारी कोई वजह नहीं बता पाए।
आईआईटी दिल्ली से किया एमटेक
अंकित यादव ने आईआईटी दिल्ली से केमिस्ट्री में एमटेक किया है। उसकी सीपीआई स्कोर आठ के करीब था। पढ़ाई में अच्छा था। साथियों ने उसे रविवार की रात दस बजे छात्रावास और परिसर में टहलते हुए देखा था।
वह एक होनहार शोधार्थी थे, जो जुलाई 2024 में यूजीसी फेलोशिप के साथ संस्थान में शामिल हुए थे। इस हादसे की वजह अभी अनिश्चित है। पुलिस और फोरेंसिक टीम की जांच में आईआईटी संस्थान सक्रिय रूप से सहयोग कर रहा है।
संस्थान ऐसी दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं को रोकने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाने के लिए प्रतिबद्ध है। दुख की इस घड़ी में, संस्थान एक होनहार शोधकर्ता के असामयिक निधन पर शोक व्यक्त करता है और शोक संतप्त परिवार को शक्ति प्रदान करने की प्रार्थना करता है।
-प्रो. मणींद्र अग्रवाल, आईआईटी निदेशक
पिछले साल छात्रा ने दी थी जान
पिछले वर्ष दस अक्टूबर को पीएचडी की शोधार्थी प्रगति खरया ने आत्महत्या की थी। वह मूल रूप से सनिगवां की रहने वाली थी। कमरे में सुसाइड नोट मिला था, जिसमें उसने अपनी मृत्यु के लिए किसी को जिम्मेदार नहीं ठहराया था।
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