यूपी में IGRS रैंकिंग में कानपुर की स्थिति अच्छी नहीं, 12 विभागों को कारण बताओ नोटिस
कानपुर में जन शिकायतों के समाधान में ढिलाई बरतने पर 12 विभागों को कारण बताओ नोटिस भेजा गया है। आईजीआरएस रैंकिंग में कानपुर की खराब स्थिति के कारण यह कदम उठाया गया है। जिलाधिकारी ने सभी विभागों को शिकायतों का समय पर निपटारा करने का निर्देश दिया है, अन्यथा कार्रवाई की चेतावनी दी है।

जागरण संवाददाता,कानपुर। जनता की शिकायतों के समाधान में लापरवाही अब विभागीय अधिकारियों पर भारी पड़ेगी। शासन की आईजीआरएस (इंटीग्रेटेड ग्रीवांस रिड्रेसल सिस्टम) रैंकिंग में जिले की स्थिति में आई भारी गिरावट के बाद जिलाधिकारी जितेन्द्र प्रताप सिंह ने नगर निगम सहित 12 विभागाध्यक्षों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। नोटिस में शिकायतों का गलत निस्तारण करने वाले कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई के आदेश दिए गए हैं।
बीते छह माह में आईजीआरएस पोर्टल पर दर्ज शिकायतों के गुणवत्ताहीन निस्तारण, समय सीमा से बाहर समाधान और शिकायतकर्ताओं से संपर्क न करने जैसी शिकायतें सामने आईं। शासन स्तर से आई रिपोर्ट में पाया गया कि कई विभागों ने शिकायतों को बिना जांच औपचारिक रूप से निस्तारित दिखा दिया। जिसके कारण जिले की रैंकिंग गिर गई।
जिन विभागों को नोटिस भेजे गए हैं, उनमें नगर निगम, मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय, सहायक श्रमायुक्त, जलकल विभाग, दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (केस्को), उपजिलाधिकारी सदर और बिल्हौर, कानपुर विकास प्राधिकरण (केडीए), बेसिक शिक्षा विभाग, उत्तर प्रदेश जल निगम और प्रांतीय खंड लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) शामिल हैं।
शासन से मिली रिपोर्ट के अनुसार, सितंबर माह में शिकायत निस्तारण में 140 में से केवल 110 अंक मिले हैं। यह 78.57 प्रतिशत का औसत है, जिससे जिले की रैंकिंग गिरकर 70वें से 73वें स्थान पर पहुंच गई। जिलाधिकारी की लगातार चेतावनियों और निर्देशों के बावजूद विभागों की कार्यशैली में कोई खास सुधार नहीं दिखा। बीते माह तक 19 विभागों की कुल 78 शिकायतें डिफाल्टर सूची में दर्ज मिली। इनमें सबसे खराब स्थिति नगर निगम और लोक निर्माण विभाग की है। अकेले अपर नगर आयुक्त कार्यालय की 38 और पीडब्ल्यूडी की 13 शिकायतें लंबित मिली। जल निगम, विद्युत वितरण और राजस्व विभागों की स्थिति भी चिंताजनक बताई जा रही है।
शिकायत निस्तारण के लिए जिलाधिकारी ने चार अपर जिलाधिकारियों को नोडल अधिकारी बनाकर शिकायतों के समयबद्ध और गुणवत्तापूर्ण निस्तारण की जिम्मेदारी सौंपी थी। डीएम ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि कोई भी शिकायत सात दिन से अधिक लंबित न रहे। जिन विभागों की शिकायतें बार-बार डिफाल्टर सूची में आ रही हैं, उनके अधिकारियों से स्पष्टीकरण तलब किया गया है।संतोषजनक जवाब न मिलने पर संबंधित अधिकारियों के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
शिकायत निस्तारण में लापरवाही बरतने पर 12 विभागों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है। गलत निस्तारण करने वाले कर्मचारियों के खिलाफ जिलाधिकारी की ओर से कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। आरोपित कर्मचारियों की चरित्र पंजिका में दंडात्मक रूप से प्रतिकूल प्रविष्टि दर्ज करने के निर्देश जारी किए गए हैं।
डा.राजेश कुमार, एडीएम सिटी प्रभारी आईजीआरएस

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