कानपुर में जीएसटी फर्जीवाड़ा! एक मकान, एक दुकान और दो फर्म से सरकार को लगाया पांच करोड़ का चूना
कानपुर में जीएसटी का बड़ा फर्जीवाड़ा उजागर हुआ है, जिसमें एक मकान, दुकान और दो फर्मों ने मिलकर सरकार को पांच करोड़ रुपये का चूना लगाया। आरोपियों ने फर्जी दस्तावेजों से जीएसटी रजिस्ट्रेशन कराकर फर्जी बिल जारी किए और इनपुट टैक्स क्रेडिट का गलत दावा किया। पुलिस और जीएसटी विभाग संयुक्त रूप से जांच कर रहे हैं और आरोपियों को जल्द गिरफ्तार करने की बात कही जा रही है।
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जागरण संवाददाता, कानपुर। बिठूर के एक मकान की एक ही दुकान में दो फर्म खोल पांच करोड़ रुपये से ज्यादा के राजस्व का चूना लगा दिया गया। इसको लेकर राज्य कर विभाग के अधिकारियों ने बिठूर थाने में दो रिपोर्ट दर्ज कराई हैं। इन फर्म ने फर्जी तरीके से आइटीसी ली। जो फर्म हैं भी नहीं उनसे खरीदारी दिखाई। साथ ही जो फर्म निरस्त हैं, उनसे भी खरीदारी दिखाई है।
ये जांच में आया सामने
जांच में पाया गया कि फर्में सर्कुलर ट्रेडिंग से जुड़ी थीं और एकदूसरे को आइटीसी पास कर रही थीं। विभागीय अधिकारियों ने इन दोनों फर्म की जांच जून में की थी। राज्य कर विभाग की सहायक आयुक्त कविता श्रीवास्तव ने बिठूर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई है। उनके मुताबिक बिठूर निवासी अभिनव त्रिपाठी की त्रिपाठी इंटरप्राइजेज के घोषित व्यापार स्थल की जांच 26 जून को की गई।
इनकी है दुकान
यह दुकान राजेश कुमार तिवारी की है। राजेश कुमार तिवारी ने बताया गया कि उन्होंने परिसर में 20 दुकान बनाई हैं। इसमें दुकान नंबर 18 फर्म स्वास्तिक स्टील व सीमेंट को किराए पर दी थी लेकिन कोई किरायानामा नहीं था। इसे फर्जी तरीके से बनाकर जीएसटी पंजीयन ले लिया। सहायक आयुक्त के मुताबिक फर्म ने वित्तीय वर्ष 2024-25 पोर्टल में दिख रही 74,51,431.82 रुपये की आइटीसी की जगह 2,83,11,734 84 की आइटीसी क्लेम कर ली गई।
कुल इतने का फर्जी क्लेम
इस तरह 2,08,60,303.02 रुपये की फर्जी आइटीसी क्लेम की गई। इतना ही नहीं इस फर्म ने वित्तीय वर्ष 2023-24 में 1,24,12,500 रुपये की खरीद ऐसी फर्मों से की जो या तो निरस्त हैं, या सर्कुलर ट्रेडिंग में लिप्त है। साथ ही वित्तीय वर्ष 2024-25 में 1,58,62,550 रुपये के माल की खरीद भी फिर ऐसी ही फर्मों से की गई। इस तरह 2,83,55,961 रुपये की खरीद का धोखा दिया गया। थाना प्रभारी प्रेमनारायण विश्वकर्मा ने बताया कि सहायक राज्यकर आयुक्त की तहरीर पर दंपती के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई है मामले की जांच कर कार्रवाई की जाएगी।
एक रिपोर्ट ये भी
दूसरी रिपोर्ट उपायुक्त विनय कुमार गौतम ने दर्ज कराई है। यह रिपोर्ट उसी दुकान के पते पर बनाई गई स्वास्तिक स्टील व सीमेंट पर दर्ज कराई गई है जिसकी मालिकिन बिठूर निवासी रानी त्रिपाठी हैं। 28 जून को इसकी जांच हुई। दुकान में कोई भी सामान नहीं था। साथ ही वहां कोई कारोबार नहीं हो रहा था। इस फर्म ने वित्तीय वर्ष 2024-25 में 1,89,32,700 रुपये की खरीद और 44,200 रुपये की बिक्री दिखाई लेकिन उसने टर्नओवर शून्य घोषित किया।
एक ये फर्म बनाई
इस फर्म ने इसी दुकान में बनी दूसरी फर्म त्रिपाठी इंटरप्राइजेज को 35,55,027 रुपये की बोगस आइटीसी पास की। फर्म त्रिपाठी इंटरप्राइजेज ने आगे युग इंटरप्राइजेज को 29,40,784 रुपये की बोगस आइटीसी पास की और इसके बाद युग इंटरप्राइजेज ने उसी आइटीसी को स्वास्तिक स्टील व सीमेंट को पास कर दी।
जांच में ये आया सामने
इस जांच में साफ हो गया कि ये फर्म एकदूसरे को बोगस आइटीसी बिना किसी वास्तविक खरीद के पास कर रही थीं। इतना ही नहीं फर्म ने वित्तीय वर्ष 2024-25 में पोर्टल में दिख रही 47,92,960 रुपये की आइटीसी की जगह 2,45,59,989 रुपये की आइटीसी क्लेम कर ली। इस प्रकार 1,97,67,028 रुपये की फर्जी आइटीसी निकाल ली गई। इस तरह फर्म ने 2,27,18,732 रुपये की धोखाधड़ी की।

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