कानपुर में 3 हजार करोड़ की परियोजना के तहत 8 किमी लंबा बनेगा 'गंगा पथ', सीधे घाटों से जुड़ेगा
कानपुर में 3 हजार करोड़ रुपये की लागत से 8 किलोमीटर लंबा 'गंगा पथ' बनेगा। यह परियोजना शहर के घाटों को सीधे जोड़ेगी, जिससे श्रद्धालुओं और पर्यटकों को सुविधा होगी। इससे शहर के आर्थिक विकास को भी बढ़ावा मिलेगा और रोजगार के अवसर सृजित होंगे। यह कानपुर के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने में मदद करेगा।

जागरण संवाददाता, कानपुर। अटलघाट से शुक्लागंज के पुराने गंगापुल तक प्रस्तावित आठ किमी लंबे फोरलेन गंगापथ परियोजना को शासन से सैद्धांतिक मंजूरी मिल चुकी है। इस परियोजना का डीपीआर (विस्तृत परियोजना रिपोर्ट) बनाने के लिए सेतु निगम और केडीए ने मिलकर कार्य शुरू कर दिया है। सेतु निगम ने केडीए उपाध्यक्ष से टेंडर निकालने के लिए आधिकारिक स्वीकृति मांगी हैं। स्वीकृति मिलने के बाद डीपीआर बनाने के लिए टेंडर के माध्यम से कंपनियों को आमंत्रित किया जाएगा।
करीब तीन हजार करोड़ रुपये की लागत वाली इस परियोजना के लिए शासन ने सेतु निगम को डीपीआर तैयार करने के निर्देश दिए हैं, जबकि केडीए इसके लिए बजट उपलब्ध कराएगा। सेतु निगम, पीडब्ल्यूडी और सिंचाई विभाग की संयुक्त तकनीकी टीमें तीन माह पहले गंगा नदी के किनारे नाव से निरीक्षण किया था। इस दौरान तीन विभागों के अधिकारियों ने गंगा बैराज के अटलघाट, सरसैया, रानीघाट, भैरोघाट और परमट घाट के साथ ही पुराने गंगा पुल तक निरीक्षण किया था। इस दौरान टीम ने वीआइपी रोड से गंगा पथ को जोड़ने की संभावनाओं पर भी विचार किया था। निरीक्षण रिपोर्ट के आधार पर अब डीपीआर की कार्रवाई को आगे बढ़ाया जा रहा है।
इंजीनियरों का कहना कि टेंडर प्रक्रिया पूरी होने के बाद डीपीआर बनाने से पहले तकनीकी अध्ययन और दूसरा भू-वैज्ञानिक व पर्यावरणीय मूल्यांकन भी किया जाएगा। इस दौरान गंगा किनारे मिट्टी की क्षमता, तट संरक्षण, संभावित पिलर लोकेशन, अप्रोच रोड और घाटों के बीच सुरक्षित कनेक्टिविटी जैसे बिंदुओं पर रिपोर्ट तैयार करेगी।
पटना की तरह की बनेगा गंगा पथ
परियोजना की रूपरेखा बनाने से पहले मंडलायुक्त के.विजयेन्द्र पांडियन ने सेतु निगम, पीडब्ल्यूडी और सिंचाई विभाग की संयुक्त टीम को पटना के गंगा पथ का निरीक्षण करने के लिए भेजा था, ताकि निर्माण करने वाली कंपनी के साथ बातचीत करने के साथ ही लीगल स्थिति का भी आंकलन पहले से कर लिया जाए। इसी टीम ने पटना गंगा पथ माडल को आधार बनाकर कानपुर की स्थितियों के अनुरूप तकनीकी प्रस्ताव तैयार करके शासन भेजा था।
पटना में निर्माण करने वाली कंपनी करेगी मदद
निरीक्षण करने वाले इंजीनियरों का कहना है कि गंगा किनारे की संरचना इस तरह के फोरलेन पथ के लिए अनुकूल है और तकनीकी चुनौतियां भी सीमित हैं। टीम ने उन बिंदुओं की पहचान भी की है जहां इंटरचेंज, कर्व और लिंक रोड की जरूरत होगी। रिपोर्ट बनाने के लिए पटना में निर्माण करने वाली कंपनी से भी मदद ली गई है। वहीं गंगा पथ से सीधे घाटों के जुड़ने से धार्मिक, सांस्कृतिक और पर्यटन गतिविधियों को नई दिशा भी मिलेगी। इसके साथ ही शहर के भीतर वैकल्पिक और सुगम यातायात मार्ग तैयार होगा।
गंगा पथ का डीपीआर बनाने के लिए सेतु निगम को टेंडर निकालने की प्रक्रिया को पूरा करने के लिए कहा गया है। डीपीआर बनाने के लिए केडीए बजट उपलब्ध कराएगा। टेंडर के माध्यम से डीपीआर बनाने के लिए कंपनियों को आमंत्रित किया जाएगा।
अभय पांडेय, सचिव, केडीए
गंगा पथ का टेंडर निकालने के लिए केडीए से अनुमोदन मांगा गया है। डीपीआर निर्माण के लिए केडीए बजट उपलब्ध कराएगा। जल्द ही टेंडर प्रक्रिया की कार्रवाई को पूरा किया जाएगा।
एसके सुमन, परियोजना प्रबंधक, सेतु निगम

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