कानपुर निगम की लापरवाही ने ली एक और जान, खुले नाले में गिरा बुजुर्ग
कानपुर के नवाबगंज में एक दुखद घटना घटी। 69 वर्षीय रज्जनलाल कूड़ा फेंकने गए और खुले नाले में गिर गए। तेज बहाव के कारण उनका शव एक किलोमीटर दूर मिला। उनकी पत्नी जो ड्यूटी से लौटीं उन्हें इस दुर्घटना के बारे में पता चला। परिवार ने नाले पर स्लैब न होने के कारण हुई इस दुर्घटना पर दुख व्यक्त किया है।

जागरण संवाददाता, कानपुर। नगर निगम की लापरवाही के चलते एक और जान चली गई। खुले नाले में बुजुर्ग के गिरने से मौत हो गई। इससे पहले भी इस वर्ष खुले नाले में गिरने से छह लोगों की मौत हुई है।
नवाबगंज ख्यौरा के परमियापुरवा में मंगलवार शाम घर से कूूड़ा फेंकने निकले एक बुजुर्ग खुले नाले में गिर गए। काफी देर तक न लौटने पर स्वजन ने ढूंढना शुरू किया। इसीबीच करीब एक किलोमीटर दूर पहलवानपुरवा के पास एक बच्ची ने नाले में शव उतराता देख लोगों को जानकारी दी। मामले में दिवंगत के बेटे ने नाले की स्लैब न होने से हादसा होने का लगाया आरोप लगाया है। हालांकि पुलिस का कहना है कि अब तक कोई तहरीर नहीं आई है।
ख्यौरा के परमियापुरवा निवासी 69 वर्षीय रज्जनलाल का एक माह पहले पथरी का आपरेशन हुआ था। वह पत्नी सौभाग्यवती व बेटी मोनी के साथ रहते थे। जबकि बेटा आशीष अपनी पत्नी व बच्चे के साथ बारासिरोहि मे किराये पर मकान रहता है। आशीष ने बताया कि मां फजलगंज लोहामंडी स्थित फैक्ट्री में काम करती हैं। मंगलवार शाम करीब चार बजे पिता घर से एक बोरे में कूड़ा भरकर फेंकने गए थे, लेकिन काफी देर बाद भी घर नहीं लौटे तो मोनी ने मुझे फोन कर बताया, जिसके बाद मां भी रात में ड्यूटी से घर आ गई।
सभी पिता को ढूंढते रहे और रात में नवाबगंज थाने में पुलिस को उनके लापता होने की जानकारी दी, जहां पुलिस ने उन्हें बताया कि एक बुजुर्ग का शव एक बच्ची ने पहलवानपुरवा में देखा था। पहचान उस समय न होने पर शव को मोर्च्युरी में रखवाया है। इसके बाद पुलिस ने जब शव की फोटो दिखाई तो स्वजन ने पहचान की।
आशीष ने बताया कि हो सकता है कूड़ा फेंकने के दौरान पिता फिसलकर नाले में गिर गए हों और डूबने से उनकी मौत हो गई। पानी का बहाव इन दिनों काफी तेज है, जिससे शव करीब एक किलोमीटर दूर पहलवानपुरवा के पास नाले में मिला है। नवाबगंज थाना प्रभारी केशव तिवारी ने बताया कि बुजुर्ग का नाले में शव मिला है। अब तक कोई तहरीर नहीं मिली है। तहरीर मिलने पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
पूर्व में भी नाले में गिरने से लोगों की जा चुकी जान:
जनवरी से जुलाई तक छह लोगों की मौत हो चुकी है। जुलाई में ही गोविंदनगर में दो दिन से लापता रेलवे कर्मी की नाले में गिरने से मौत हुई थी। वहीं जून में टाइल्स ठेकेदार काशव खुले नाल में मिला था। इसके अलावा महाराजपुर, जेके प्रथम चौराहे, खलासी लाइन, गांधीग्राम में भी नाले में गिरने से मौत हो चुकी है।

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