'बिटिया तुम IAS बनो...', UPSC की तैयारी कर रही छात्रा से कानपुर DM ने किया ऐसा वादा, खूब हो रही तारीफ
कानपुर के जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह ने जनसुनवाई के दौरान एक 25 वर्ष पुराने मकान कब्जा मामले को सुलझाया। इसी दौरान उनकी मुलाकात राजकुमार कुशवाहा की बेटी देवांशी से हुई जो यूपीएससी की तैयारी कर रही है। आर्थिक तंगी के कारण कोचिंग फीस भरने में असमर्थ देवांशी की मदद के लिए डीएम ने अपना मोबाइल नंबर दिया और कोचिंग संचालक से बात करके फीस भरने की व्यवस्था की।

शिवा अवस्थी, कानपुर। जनसुनवाई में शिकायत के बाद 25 वर्ष पुराना मकान का कब्जा हट गया। नौबस्ता के राजकुमार कुशवाहा इसे लेकर शुक्रवार को डीएम जितेन्द्र प्रताप सिंह को धन्यवाद देने कलेक्ट्रेट पहुंचे। डीएम ने पूछा- साथ में ये आपकी बेटी है, बिटिया कहां तक पढ़ी है। क्या कर रही है।
बिटिया देवांशी बोली- गोविंद नगर में डीबीएस कॉलेज से स्नातक का दूसरा साल है। इंटरमीडिएट में अच्छे अंक आने पर तत्कालीन मंडलायुक्त ने सम्मानित किया था। मन में संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की परीक्षा पास करके आइएएस बनने का सपना है, लेकिन आर्थिक तंगी बाधा है।
डीएम ने बिटिया से किया वादा, खूब हो रही तारीफ
फिर क्या, डीएम साहब ने उसे अपना मोबाइल फोन नंबर दिया। शिक्षक व अभिभावक जैसे पढ़ाई को लेकर मार्गदर्शन करते हुए बोले- मेधावी बिटिया तुम IAS बनो, कोचिंग की फीस हम भर देंगे।
डीएम ने फीस भरने का किया वादा
तत्काल कोचिंग संचालक को फोन कर प्रवेश देकर फीस उनसे लेने की गुजारिश की। इससे पिता-पुत्री भाव-विभोर हो गए। चेहरे पर संतुष्टि के भाव लेकर वापस अपने घर लौटे। ये देख जनसुनवाई में उपस्थित लोग भी वाह-वाह कर उठे।
डीएम ने 25 साल पुराना कब्जा छुड़वाया
जिलाधिकारी से जनसुनवाई के दौरान कुछ दिन पहले नौबस्ता हमीरपुर रोड पुरानी बस्ती के राजकुमार ने बताया था कि 25 साल पहले मकान किराये पर देते समय 1.30 लाख रुपये पगड़ी ली थी। अब संबंधित व्यक्ति जबरन रहते हुए व्यवसाय कर रहा है। आर्थिक तंगी के कारण पगड़ी की धनराशि नहीं लौटा पा रहे हैं।
परिवार डीएम को धन्यवाद कहने कार्यालय पहुंचा था
आरोपित 1.65 लाख रुपये मांग रहा है। जिलाधिकारी ने एसीएम प्रथम राजेश कुमार को निस्तारण के निर्देश दिए। एसीएम ने मामले में समझौता कराकर मकान खाली करा दिया। शुक्रवार को राजकुमार उस पर ही धन्यवाद देने डीएम को पहुंचे।
इसी दौरान बेटी देवांशी व जिलाधिकारी के बीच संवाद में उसकी जिंदगी को नया मोड़ मिला। जिलाधिकारी ने जिले का चार्ज संभालने के कुछ दिन बाद ही घाटमपुर के तहरापुर निवासी नेत्र दिव्यांग मुन्ना सिंह की दो बेटों शोभित, कन्हैया व बेटी कुंती की मूसानगर स्थित बीआरडी इंटर कॉलेज में 18 हजार रुपये फीस जमा कराई थी। इससे बच्चे फिर स्कूल जाने लगे। कॉलेज प्रबंधन से उन्होंने 50 प्रतिशत फीस माफ करा दी थी।
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