कानपुर में डायल-112 के सिपाही ने की छेड़छाड़, झोपड़ी में घुसकर महिला का पकड़ा हाथ
कानपुर के घाटमपुर में डायल-112 के सिपाही पर एक महिला से छेड़छाड़ का आरोप लगा है। महिला की सास ने शिकायत दर्ज कराई है, जिसमें सिपाही पर नशे में परेशान करने और झोपड़ी हटवाने की धमकी देने का आरोप है। पीड़िता ने बताया कि सिपाही रैन बसेरा में अवैध रूप से रह रहा है और पहले भी ऐसी हरकतें कर चुका है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

संवाद सहयोगी, जागरण, घाटमपुर(कानपुर)। सिपाही ने शनिवार रात सड़क किनारे झोपड़ी डालकर रहने वाले परिवार की महिला से छेड़खानी की। महिला की सास ने थाने पर शिकायत की है। आरोप लगाया कि सिपाही कई दिनों से परेशान कर रहा है। नशे में धुत होकर घटना करता है और विरोध करने पर झोपड़ी हटवाने की धमकी देता है। पुलिस जांच कर रही है।
पीड़िता ने बताया कि वे लोग परिवार के साथ सड़क किनारे डेरा डालकर लोहा पीटने का काम करते हैं। आरोप लगाया कि कूष्मांडा देवी मंदिर स्थित रैन बसेरा में डायल-112 का एक सिपाही तीन माह से रह रहा है। आरोप लगाया कि वह नशेबाज है और उनके पास आकर उनके बच्चों से शराब मंगवाता है। मना करने पर गंदी गालियां देता है।
आरोप है कि शनिवार रात करीब डेढ़ बजे वह उनकी झोपड़ी के आसपास घूम रहा था। उनकी बहू बाथरूम को निकली तो उसने हाथ पकड़ लिया। शोर मचाने पर परिवार के सभी लोग पहुंचे। विरोध करने पर वह गाली-गलौज करते हुए कहने लगा कि यह उसकी रात की ड्यूटी है।
आरोप लगाया कि वह कहता है कि अगर उसकी बात न मानी तो वह उन्हें सड़क किनारे से हटवा देगा। महिला का कहना है कि आरोपित पहले भी ऐसी हरकतें कर चुका है। कई बार उसे समझाया गया कि वह उनकी बहू , बेटियों के साथ छेड़खानी न करे। लेकिन, वह मानता ही नहीं है। मामले में एसीपी कृष्णकांत यादव ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है।
अवैध रूप से रैन बसेरा में बना रखा है कब्जा
कूष्मांडा देवी मंदिर का रैन बसेरा राहगीरों के लिए है। लेकिन, पुलिस कर्मियों ने करीब पांच माह से यहां अवैध रूप से कब्जा कर रखा है। नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी डा. महेंद्र कुमार ने बताया कि करीब पांच माह पहले एक सिपाही ने मौखिक रूप से कमरा न मिलने की बात कहकर रैन बसेरा में चार से पांच दिन रुकने की अनुमति मांगी थी। लेकिन, इसके बाद कई पुलिस कर्मी उसमें पहुंच गए हैं। बीते दिनों कोतवाली प्रभारी से रैन बसेरा खाली कराने के लिए कहा गया था, लेकिन अभी तक खाली नहीं हो सका है। उन्होंने बताया कि वह एसीपी से मिलकर रैनबसेरा खाली कराने के लिए कहेंगे। क्योंकि सर्दियों में राहगीरों के रुकने के लिए इंतजाम किए जाने हैं।

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