Telegram वाला Work From Home पड़ा भारी, कानपुर में लिंक पर क्लिक करते ही चार लोगों के साथ हो गया कांड
कानपुर के कल्याणपुर में साइबर ठगों ने निवेश और वर्क फ्रॉम होम का झांसा देकर चार लोगों से 32.43 लाख रुपये ठग लिए। रंजीत शाह से ऑनलाइन ट्रेडिंग के नाम प ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, कानपुर। कल्याणपुर में अलग-अलग घटनाओं में निवेश और वर्क फ्राम होम का झांसा देकर साइबर ठगों ने दो महिलाओं समेत चार लोगों से 32.43 लाख रुपये हड़प लिए।
ठगी का अहसास होने पर पीड़ितों ने पुलिस से शिकायत की। अपर पुलिस उपायुक्त पश्चिम कपिल देव सिंह ने बताया कि साइबर सेल की रिपोर्ट पर सभी मुकदमे दर्ज किए गए हैं।
घटना एक : आवास विकास तीन निवासी रंजीत शाह के पास कुछ दिन पहले वाट्सएप पर एक अज्ञात नंबर से आनलाइन ट्रेडिंग का आफर आया था। संपर्क करने पर ठगों ने उन्हें एक वेबसाइट के जरिए ट्रेडिंग कराने का झांसा दिया। शुरुआत में 30 हजार रुपये जमा कराए।
आरोप है कि मोटा मुनाफा दिखाकर ठगों ने उन्हें फंसाया और फिर जीएसटी, करेंसी कन्वर्जन समेत अन्य शुल्क के नाम पर अलग-अलग किस्तों में उनसे करीब 22 लाख रुपये जमा करा लिए। जब उन्होंने मुनाफे की रकम निकालने की कोशिश की तो निकला नहीं। फोन नंबर भी बंद हो गए।
घटना दो : अंबेडकरपुरम निवासी शिखा पांडेय के मुताबिक बीती तीन मई को उन्होंने इंस्टाग्राम पर वर्क फ्राम होम से संबंधित एक विज्ञापन देखा। विज्ञापन में दिए गए वाट्सएप नंबर पर संपर्क करने पर ठगों ने उनसे जानकारी ली और एक लिंक भेजा। लिंक खोलते ही वह टेलीग्राम एप पर पहुंच गईं।
पीड़िता के मुताबिक टेलीग्राम पर जालसाज ने उन्हें एक आनलाइन पोर्टल पर टास्क पूरा करने के लिए यूजर आइडी और पासवर्ड दिया। शुरुआती टास्क पूरे करने पर कुछ रुपये वापस भी किए गए। इसके बाद मनी टास्क का लालच देकर अधिक निवेश पर ज्यादा लाभ का झांसा दिया गया।
भरोसा जमने के बाद ठगों ने बड़ी रकम लगाने का दबाव बनाया। बाद में टास्क अधूरा होने का बहाना बनाकर भुगतान रोक दिया गया और बार-बार रुपये जमा कराने को कहा गया। आरोप है कि ठगों ने चार लाख 17 हजार 467 रुपये की ठगी कर ली।
घटना तीन : मिर्जापुर की रहने वाली निशा ने बताया कि उनके मोबाइल फोन पर वाट्सएप के जरिए एक अनजान व्यक्ति का संदेश आया, जिसमें वर्क फ्राम होम का झांसा देकर टेलीग्राम के लिंक पर लाइक और रिव्यू करने का काम बताया गया।
उन्हें एक टेलीग्राम ग्रुप में जोड़ा गया, जहां अन्य लोगों के टास्क पूरा करने के स्क्रीनशाट भी साझा किए गए, जिससे उन्हें भरोसा हो गया। शुरुआत में कुछ रकम का भुगतान भी हुआ। फिर प्रीपेड टास्क, आर्डर कंप्लीट, क्रेडिट स्कोर बढ़ाने और वीआईपी चैनल एक्टिव करने के नाम पर बार-बार पैसे मांगे गए।
पीड़िता ने अपने दोस्तों और परिचितों से उधार लेकर यूपीआइ, एनईएफटी और आनलाइन के माध्यम से कई बार में 5.65 लाख रुपए जमा किए। लगातार भुगतान के बाद भी रकम वापस नहीं मिली। काफी समय बाद एक परिचित ने उन्हें साइबर ठगी बताते हुए शिकायत दर्ज कराने की सलाह दी।
घटना चार : पनकी के रतनपुर निवासी सौरभ मंडल के मुताबिक 18 दिसंबर 2025 को उनके मोबाइल फोन पर टेलीग्राम एप के माध्यम से एक अनजान व्यक्ति का संदेश आया। बातचीत के दौरान ठग ने निवेश पर मोटा मुनाफा मिलने का दावा करते हुए कहा कि तीन हजार रुपये जमा करने पर सात हजार मिलने की बात कही।
लालच में आकर सौरभ ने तीन हजार रुपये ट्रांसफर कर दिए, लेकिन तय समय बीतने के बाद भी रकम वापस नहीं मिली। दोबारा संपर्क करने पर ठग ने अलग-अलग बहाने बनाते हुए पहले 25 हजार रुपये और जमा करने की बात कही। इसके बाद अलग-अलग बहाने बनाकर साइबर अपराधियों ने 61 हजार 118 रुपये की ठगी कर ली। ठगी का अहसास होने पर उन्होंने शिकायत दर्ज कराई।

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