श्मशान घाट पर मुर्दा फूंकने को लेकर भिड़ गए लोग, लड़-झगड़कर थाने पहुंचे… फिर इस फैसले पर बनी बात
कानपुर के जाजमऊ स्थित सिद्धनाथ घाट पर शवों के अंतिम संस्कार को लेकर दो गुटों में विवाद हो गया। डोम और पंडा समाज के लोग थाने पहुंचकर हंगामा करने लगे। एक पक्ष ने दूसरे पर अंतिम संस्कार के अधिकार को छीनने का आरोप लगाया जिससे पीढ़ियों से उनका भरण-पोषण हो रहा है। पुलिस ने दोनों पक्षों को समझाकर मामला शांत कराया।

जागरण संवाददाता, कानपुर। जाजमऊ के सिद्धनाथ घाट में गुरुवार सुबह उस समय हंगामा खड़ा हो गया, जब शवों का अंतिम संस्कार कराने के विवाद में दो पक्ष भिड़ गए।
दोनों पक्ष को लोग थाने पहुंचकर हंगामा करने लगे। मामले में पुलिस ने दोनों को अपना-अपना पारंपरिक करने की बात समझा बुझाकर मामला शांत कराया।
यह है पूरा मामला
जाजमऊ स्थित मोक्षधाम (मुर्दाघाट) में करीब एक माह से अंतिम कराने को लेकर दो गुटों में तनातनी चल रही है, गुरुवार सुबह इस बाद को लेकर आमने सामने आ गए। फिर बात बढ़ी को मारपीट तक जा पहुंची।
इसके बाद डोम समाज के लोग जाजमऊ थाने पहुंचे। वहीं, पीछे से पंडा समाज के लोग भी थाने जा पहुंचे। इस दौरान एक पक्ष ने अंतिम संस्कार क्रिया से मुर्दो को फूंकने के अपने अधिकार को छीनने के प्रयास का आरोप लगाया।
एक पक्ष से राजरानी ने बताया कि वह सात पीढ़ियों से सिद्धनाथ घाट पर शव (मुर्दा) फूंकते हैं, जिससे उनकी परिवार के भरण पोषण के साथ पारिवारिक जिम्मेदारी पूरी होती है। साथ ही बेटियों की शादी भी इसी काम के भरोसे है, लेकिन इस अधिकारी को दूसरा पक्ष हथियाना चाहते है। जिससे विरोध पर हाथापाई में उतारू हो गए।
वहीं, दूसरे पक्ष के रामजी तिवारी का कहना था कि दूसरे पक्ष के लोग पूजा पाठ भी कराना चाहते हैं।
मामले में जाजमऊ थाना प्रभारी जितेंद्र थाना प्रभारी जितेंद्र सिंह ने बताया कि गंगा घाट पर अंतिम संस्कार करवाने काे लेकर विवाद हुआ था। दोनों पक्षों में अपने अपने काम को लेकर आपसी समझौता हो गया है।
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