Kanpur Chit Fund Scam: चिटफंड के चक्रव्यूह में फंसे 50 लोग, ढाई करोड़ रुपये से ज्यादा ठगे गए
कानपुर में एक चिटफंड कंपनी ने मार्केट मास्टर ऐप के माध्यम से 50 से अधिक लोगों को रकम दोगुनी करने का लालच दिया और उनसे ढाई करोड़ रुपये से अधिक की ठगी की। पीड़ितों ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है। पुलिस मामले की जांच कर रही है जिसमें पता चला है कि ऐप के जरिए चेन सिस्टम से लोगों को जोड़ा गया था और उनसे निवेश कराया गया था।

जागरण संवाददाता, कानपुर। चिटफंड कंपनी में घर बैठे रकम दोगुणा करने का झांसा देकर एप डाउनलोड करा 50 से ज्यादा लोगों से ढाई करोड़ से ज्यादा रुपये ठग लिए गए। जब एप बंद हुआ तो कुछ पीड़ितों ने बुधवार को पुलिस आयुक्त कार्यालय में शिकायत की। इसके बाद एडीसीपी साइबर क्राइम ने मामले की जांच शुरू कराई।
रामकृष्ण नगर निवासी प्राइमरी विद्यालय की शिक्षिका नीलम सिंह ने बताया कि मई माह में उनके पास परिचित शिक्षिका के पति घर आए। उन्होंने बताया कि वह सचिवालय में मीडिया प्रभारी हैं, लेकिन अब वह नौकरी छोड़ देंगे। कारण पूछने पर बताया कि वह एक ऐसी कंपनी से जुड़ गए हैं, जिसमें कुछ दिनों में रकम दोगुणा हो जाएगी। अब वह कुछ बड़ा काम करेंगे।
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उन्होंने मार्केट मास्टर एप के बारे में बताया कि घर बैठे इससे कमाई हो सकती है। इसमें 300 रुपये से शुरुआत की जा सकती है। ऐसे में रकम कुछ ही दिनों मेंं दोगुणा हो जाएगी। इस पर वह उनके झांसे में आ गई। उसके कहने पर मार्केट मास्टर एप डाउनलोड कर लिया, जिसमें पहले 300 रुपये लगाए तो दो दिन 40-40 रुपये मिले। इसके बाद आफर आया कि एक हजार लगाने पर और ज्यादा रुपये मिलेंगे। इस तरह से रुपये लगाती रही और रुपये मिलते गए।
28 मई से 20 जुलाई तक करीब चार लाख रुपये लगा दिए, लेकिन वापसी मात्र 50 हजार ही हो सकी। इसबीच उन्होंने करीब 10 और भी लोगों को जोड़ा था, जिसके लिए उन्हें 10 प्रतिशत अलग से लाभ मिलने का लालच दिया गया था।उन लोगों ने भी मोटी रकम लगाई थी, लेकिन 21 जुलाई को एप बंद हो गया, जिससे सभी के रुपये फंस गए। इसके बाद पता चला कि उनके व परिचितों के 50 से ज्यादा लोगों ने ढाई करोड़ से ज्यादा रुपये लगा रखे थे, जिसकी ठगी हुई है।
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एक दूसरे पर लगने लगे आरोप
रामकृष्ण नगर के विनय गुप्ता के मुताबिक, उन्हें नीलम सिंह ने वाट्सएप मार्केट मास्टर एप का लिंक भेजा और कहा था कि इससे कुछ रुपये लगाकर घर बैठे रकम दोगुणा कर सकते हैं। उनके लालच में आकर लिंक खोला और रकम लगाना शुरू कर दिया। नौ जून से 18 जुलाई तक करीब 14.78 लाख रुपये लगा दिए, लेकिन 21 जुलाई को एप की सर्विस ही बंद हो गई। इसके बाद एक दूसरे द्वारा जोड़े गए सदस्य आगे आए और मामले की कार्रवाई के लिए अधिकारियों से गुहार लगाई। वहीं, नीलम ने जिस व्यक्ति पर आरोप लगाया था कि उनका कहना है कि उन्हें भी किसी ने इस एप से जोड़ा था। उनके भी करीब साढ़े तीन लाख रुपये लगे हैं। सभी लोगों को इसके बारे में पता था, लेकिन उनका नाम तहरीर पर देना गलत है। जबरन किसी से जुड़ने के लिए नहीं कहा गया है।
आगरा का बताया गया ठगों का सरगना, वाट्सएप ग्रुप का था एडमिन
नीलम सिंह और विनय गुप्ता के मुताबिक, एप से जुड़ने के बाद उन्हें वाट्सएप ग्रुप से भी जोड़ा गया, जिसका एडमिन आगरा का एक व्यक्ति है। वह ग्रुप पर बताता था कि जो लोग इससे जुड़े हैं वे अन्य लोगों को जोड़े तो 10 प्रतिशत अगल से रुपये मिलेंगे। इसके अलावा सभी ग्रुप में लोगों को मिलने वाले लाभ को भी साझा करें और अन्य साथियों को भी जोड़ें।
चिटफंड कंपनी में चेन सिस्टम से लोग रुपये लगा रहे थे। साइबर क्राइम टीम इस पर काम कर रही है। जल्द मामले का राजफाश किया जाएगा।
- अंजली विश्वकर्मा, एडीसीपी क्राइम
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