विवेचना में लापरवाही वा कोर्ट का आदेश तक नहीं माना, तत्कालीन चौकी इंचार्ज पर मुकदमा
कानपुर में एक पूर्व चौकी इंचार्ज प्रमोद पटेल पर साक्ष्यों से छेड़छाड़ करने और हत्या के प्रयास की धारा को बदलने का आरोप लगा है। उन पर आरोप है कि उन्होंने एक हमले में कुल्हाड़ी और फरसे के वार को डंडा बता दिया था। कोर्ट ने लापरवाही के चलते उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया।

जागरण संवाददाता, कानपुर। कठोंगर खरगपुर गांव में नौ माह पहले हुए जानलेवा हमले के मामले में साक्ष्यों को छिपा धाराओं में खेल करने पर तत्कालीन कुरियां चौकी इंचार्ज व विवेचक रहे प्रमोद पटेल के खिलाफ सेन पश्चिम पारा थाने में मुकदमा दर्ज हुआ। आरोप है कि तत्कालीन चौकी इंचार्ज ने हत्या के प्रयास की धारा हटाने के लिए कुल्हाड़ी और फरसे के वार को डंडा दर्शा दिया था।
कुरिया चौकी क्षेत्र के कठोंगर खरगपुर गांव निवासी राम सेवक ने 22 नवंबर 2024 को पड़ोसी श्याम सिंह, उसके बेटों अमित, अनुज, कपिल, अंकित, जितेन्द्र व पुन्नीलाल ने कुछ अन्य लोगों के खिलाफ हत्या के प्रयास, मारपीट समेत धाराओं में सेन पश्चिम पारा थाने में मुकदमा दर्ज कराया था। आरोप है कि आरोपितों ने मिलकर कुल्हाड़ी, फरसा और लाठी-डंडे से उन पर व परिवार के अन्य सदस्यों से जानलेवा हमला किया था, जिसमें बेटे मुकेश के सिर पर कुल्हाड़ी लगी और दूसरे बेटे विनोद का अंगूठा फरसे के हमले से कट गया था, जबकि मेरा हाथ टूट गया था।
पुलिस ने उसी दिन घायलों का मेडिकल भी कराया था। मुकेश की हालत गंभीर होने पर उर्सुला में कई दिन भर्ती रहा था। मुकदमे की विवेचना तत्कालीन कुरियां चौकी इंचार्ज प्रमोद कुमार पटेल कर रहे थे, लेकिन विवेचक ने न तो किसी गवाह के बयान दर्ज किए और न ही 10 दिनों तक घटनास्थल का मुआयना किया। इस पर उन्होंने आरोपितों के खिलाफ कार्रवाई केे लिए दो दिसंबर 2024 को पुलिस आयुक्त से गुहार लगाई। अगले दिन डाक के जरिए पुलिस अधिकारियों को भी प्रार्थना पत्र भेजा।
इसके बाद भी प्रमोद पटेल ने केस डायरी में किसी भी गवाह के बयान दर्ज नहीं किए। तब उन्होंने पांच दिसंबर 2024 को कोर्ट की शरण ली। मैं और घायल बेटों के शपथपत्रों को विवेचक को भी भेजा। इसके बाद कोर्ट ने विवेचक से विवेचना की प्रगति आख्या तलब के साथ तलब किया। सात दिसंबर को कोर्ट ने उनके शपथपत्रों को केस डायरी का हिस्सा बनाने के लिए विवेचक को अग्रसारित किए जाने का आदेश भी दिए। इसके बाद 11 दिसंबर को भी पीड़ित ने कोर्ट में विवेचना की मानटरिंग के जान के लिए के लिए फिर एक प्रार्थना पत्र दिया, जिसमें कोर्ट ने 16 दिसंबर की तारीख नियत की।
20 दिसंबर को प्रगति आख्या मंगाने का आदेश किया, लेकिन विवेचक ने आख्या नहीं भेजी और न ही 20 को केस डायरी के साथ कोर्ट में आया। इसके बाद कोर्ट ने दो जनवरी 2025 को अगली तारीख दी तो विवेचक ने चार जनवरी को कपिल व अनुज की गिरफ्तारी कर ली, लेकिन मुख्य आरोपित अमित व अन्य आरोपितों की गिरफ्तारी नहीं की। न ही घटना में इस्तेमाल हुए हथियार बरामद किए। 13 जनवरी को कोर्ट ने स्पष्ट रूप से विवेचक से मुख्य आरोपित अमित व श्याम सिंह की गिरफ्तारी व हथियार बरामदगी के संबंध में आख्या 28 जनवरी को कोर्ट में प्रस्तुत करने के आदेश दिए, जिसके बाद 10 मार्च को विवेचक ने कोर्ट में अस्पष्ट आख्या दी, जिसका पीड़ित ने विरोध किया।
पीड़ित ने आरोप लगाया कि आरोपित ने हत्या के प्रयास समेत कई धारा हटाई और आरोपित अंकित, पुन्नीलाल जितेन्द्र व श्याम सिंह के नाम विवेचना से हटा दिए। यहां तक फरसे व कुल्हाड़ी के वार को डंडा होना दर्शाया। इस पर कोर्ट ने विवेचना में लापरवाही और कोर्ट के आदेशों की अवहेलना करने पर तत्कालीन कुरियां चौकी इंचार्ज प्रमोद पटेल के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए। सेन पश्चिम पारा थाना प्रभारी कुशल पाल सिंह ने बताया कि प्रमोद पटेल के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ है। जांच की जाएगी। मामले में प्रमोद पटेल का पक्ष लेने के लिए कई काल और मैसेज किए, लेकिन उन्होंने जवाब नहीं दिया।
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