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    Kanpur Accident: बस से कुचले गए तीन युवक, रक्षाबंधन के 13 दिन पहले बड़े भाइयों की मौत से बेहाल हुई बहनें

    By Sarvesh Pandey Edited By: Anurag Shukla1
    Updated: Sun, 27 Jul 2025 09:25 PM (IST)

    Kanpur Bus Bike Accident कानपुर के बिधनू में एक दर्दनाक हादसे में रोडवेज बस ने तीन युवकों को कुचल दिया जिससे उनके परिवारों में कोहराम मच गया। मृतकों में सतेंद्र सोमेंद्र और नारायण शामिल हैं। घटना के बाद आक्रोशित ग्रामीणों ने बस चालक को पकड़ने की कोशिश की जिसके बाद पुलिस ने उसे हिरासत में ले लिया। रक्षाबंधन से पहले भाइयों की मौत से बहनों का रो-रोकर बुरा हाल है।

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    बिधनू अफजलपुर में हुए सड़क हादसे में मृतक नारायण, सोमेंद्र और सतेंद्र यादव की फाइल फोटो। स्वजन

    संवाद सहयोगी, जागरण, बिधनू(कानपुर)। बिधनू अफजलपुर में रविवार शाम हाईवे पर काल बनकर दौड़ रही रोड वेज बस ने तीनों परिवारों के बड़े चिराग बुझा दिए। हादसे के बाद जहां तीनों परिवारों में कोहराम मचा गया तो पूरे गांव में मातम का सन्नाटा पसर गया। ह्रदय विदारक घटना को सुनकर पूरा गांव तीनों परिवारों के दरवाजे पहुंचकर आहत सदस्यों को ढांढस बधाने में लग गया।

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    हादसे में जान गवाने वाले सतेंद्र यादव के बुजुर्ग पिता सियाराम बड़े बेटे का शव देख बदहवास हो गए। उन्होंने बताया कि बेटा सतेंद्र एक निजी कार का चालक था। परिवार के पालन पोषण में वह सहयोग करता था। अपने दो मासूम बेटे सार्थक व विष्णु की परवरिश के साथ छोटे भाई बहनों की भी जिम्मेदारी का निर्वाह कर रहा था। बेटे की मौत से पूरे परिवार का बोझ उनके बूड़े कंधों पर आ गया है।

    Kanpur Road Accident bhidnu

    वहीं सोमेंद्र दो भाई व दो बहनों में सबसे बड़ा था। वह पिता का स्वास्थ्य ठीक न होने की वजह से वह गिट्टी मौरंग का कारोबार करके छोटी बहन की शादी की और छोटे रमी को पढ़ाने के साथ परिवार की सभी जिम्मेदारियों संभाल रहा था। बेटे का शव देख बुजुर्ग मां रमाकांति गशखकर गिर पड़ी। पिता शिवसिंह ने रुंधी जुबान से बोले बड़े बेटे की मौत ने उनके परिवार की कमर टूट गई। शिवराजपुर निवासी नारायण यादव भी अपने परिवार में दो भाइयों में सबसे बड़ा था। इसी वर्ष उसने इंटरमीडियट की परीक्षा पास की थी।

    सूचना पर मौके पर पहुंचे पिता वीरेंद्र ने बताया कि नाग पंचमी के त्योहार जिद्द करके वह मामा शिवमोहन के घर आया था। उन्हें क्या पता था कि वह अब कभी घर लौटकर नहीं आएगा। गांव में तीन युवकों की हादसे में मौत से पूरा गांव गमगीन से हो गया। पूरे गांव के पुरुष व महिलाएं बेहाल परिवार को संभालने में लगे रहे। परिवार में मची चीत्कार को सुन सभी की आखों में आंशू छलक रहे थे।

    बड़े भाइयों की मौत से बेहाल हुई बहनें

    रक्षाबंधन से 13 दिन पहले तीनों मृतक युवकों की बहने बड़े भाइयों के शव देख बेहाल हो गई। सतेंद्र की छोटी बहन सुनीता, ममता रन्नो भाई का शव देख बेसुद सी हो कर जमीन पर सिर पटकने लगी। तीनों बहने बार बार यही बोल रही थी अब भैया को राखी कैसे बांधेंगे। वहीं सोमेंद्र की एकलौती बहन सोनी भाई का शव देख बेहोश हो गई। उसके भी जुबान से यही निकल रहा था कि भैया अब राखी के दिन नहीं मिलेगा। नारायण की छोटी बहन का रोरोकर बुरा हाल था।

    भीड़ के आक्रोश से चालक को पुलिस ने बचाया

    हादसे के बाद बस के आगे के पहिये में बाइक को फंसकर भाग रहे चालक को पकड़ने के लिए गांव से जरीब सौ ग्रामीणों की भीग दौड़ पड़ी। आक्रोशित भीड़ पीछा करते हुए थाने के पास तक पहुंच गई। भीड़ ने जैसे ही थाने के सामने रुकी बस से पुलिस द्वारा चालक को उतरते देखा। उनका गुस्सा भड़क गया। भीड़ ने पहले चालक को पुलिस के गिरफ्त से खींचने का मन बनाया। पुलिस ने फोर्स बल के साथ चालक को थाने के अंदर कर लिया। इस दौरान भीड़ थाने के सामने खड़े होकर चालक सौंपने के लिए हंगामा करती रही। आक्रोशित भीड़ ने चालक को भी ट्रकों के नीचे कुचलने की नारेबाजी की। पुलिस के समझाने पर सभी वापस लौट गए।