संगठन की आड़ में वसूली और कब्जेदारी का कारोबार कर रहे अपराधी, दर्ज हैं गैंग्स्टर समेत कई मुकदमे
कानपुर भाजपा में अपराधियों की बढ़ती संख्या चिंता का विषय है। कई पदाधिकारियों पर गंभीर आरोप हैं, जिनमें गैंग्स्टर एक्ट के तहत मामले भी शामिल हैं। पार्टी ऐसे लोगों से किनारा करने का दावा करती है, लेकिन वे अक्सर नेताओं के साथ दिखाई देते हैं। पहले भी कई अपराधी भाजपा में शामिल हो चुके हैं, जिससे पार्टी की छवि पर सवाल उठ रहे हैं।

जागरण संवाददाता, कानपुर। अनुशासन वाली पार्टी भाजपा में अब दागदार पदाधिकारी व कार्यकर्ता जुड़ने लगे हैं। पिछले कुछ सालों में ऐसे कई पदाधिकारी सामने आ चुके हैं, जिन पर गैंग्स्टर समेत कई मुकदमे दर्ज हैं। जब इस संबंध में संगठन से बात होती है तो पदाधिकारी न होने का दावा कर दिया जाता है, लेकिन कुछ समय बाद फिर वही बड़े नेताओं संग फोटो में दिख जाता है।
हाल ही में दीनू के इंटररेंज गैंग में भाजपा के दो नेता भी शामिल हुए, जिसमें एक अमन शुक्ला और दूसरा रचित पाठक है। इन सभी पर गैंग्स्टर का मुकदमा भी दर्ज हो चुका है। दोनों ही भाजपा में सक्रिय थे। इसी तरह से दीनू गैंग का दीपक जादौन भी अधिवक्ता के साथ खुद को भाजपा कार्यकर्ता बताता था। वहीं, नारायण सिंह भदौरिया, जो भाजपा का पहले पदाधिकारी भी था, लेकिन पूर्व में जब उसे जेल हुई तो पार्टी ने दावा कर दिया कि वह किसी पद पर नहीं है, पर जब वह जमानत पर छूटा तो पार्टी का फिर से दामन थाम लिया था।
एक बार फिर दीनू गैंग में जुड़े होने के साक्ष्य मिलने व मुकदमे दर्ज होने पर पुलिस ने उसे जेल भेजा, लेकिन पार्टी उसके किसी भी पद पर न होने का दावा करती रही। इसी तरह से भाजपा पार्षद अभिषेक गुप्ता उर्फ मोनू के लिए भी सात मुकदमे दर्ज हैं, जिसमें रंगदारी समेत धाराओं में चार मुकदमे तो बीते दो माह में दर्ज हुए हैं। सभी में चार्जशीट भी लग चुकी है। ऐसे ही न जाने कितने अपराधी हैं, जिन्होंने भाजपा संगठन का चोला ओढ़ा हुआ है और उसकी आढ़ में जमीन कब्जाने, रंगदारी- मारपीट करने का काम करते हैं।
मामले में भाजपा के कानपुर-बुंदेलखंड के क्षेत्रीय अध्यक्ष प्रकाश पाल ने बताया कि मामला संज्ञान में आया है। तीनों जिलाध्यक्षों से रिपोर्ट मांगी है। उनकी रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई होगी। फिलहाल कोई अपराधी पदाधिकारी नहीं है।
हिस्ट्रीशीटर समेत कई अपराधी शामिल रह चुके भाजपा में
भाजपा में ऐसा पहली बार नहीं हुआ है। इससे पहले हिस्ट्रीशीटर रहे संदीप ठाकुर, हत्या समेत धाराओं के आरोपित अरविंदराज त्रिपाठी समेत अपराधी भाजपा में शामिल थे। हालांकि संदीप की हिस्ट्रीशीट खत्म हो चुकी है।

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