भाजपा नेता ने फर्जी दस्तावेज बनवा कब्जाई 16 करोड़ की जमीन, विरोध पर गलत तरह से फंसा कराया मुकदमा
कानपुर के पनकी में एक परिवार ने भाजपा नेता पर 16 करोड़ की जमीन कब्जाने का आरोप लगाया है। पीड़ित परिवार का कहना है कि आरोपियों ने फर्जी तरीके से जमीन की लिखा-पढ़ी करवा ली और विरोध करने पर झूठा मुकदमा दर्ज करा दिया। पुलिस आयुक्त से मामले की जांच की गुहार लगाई गई है। बैनामे में भी गड़बड़ी का आरोप है जिसकी जांच एसीपी पनकी को सौंपी गई है।

जागरण संवाददाता, कानपुर। पनकी के कपली गांव के एक परिवार ने भाजपा नेता और उसके साथियों पर फर्जीवाड़ा कर करीब 16 करोड़ की 10 बीघा जमीन कब्जाने का आरोप लगा पुलिस आयुक्त से गुहार लगाई है। आरोप है कि जमीन का विवाद मामा-भांजे के परिवार के बीच चल रहा था, जिसमें आरोपितों ने पहले एक पक्ष को अपने साथ ले लिया और फर्जी तरह से जमीन की लिखापढ़ी करवा ली।
इसकी जानकारी दूसरे पक्ष को हुई और दोनों परिवार ने विरोध किया तो आरोपितों ने उन पर धोखाधड़ी का झूठा मुकदमा दर्ज करा दिया। पीड़ित ने अब मामले की जांच और कार्रवाई के लिए पुलिस आयुक्त आयुक्त से गुहार लगाई, जिसकी जांच एसीपी पनकी को दी गई है।
पनकी के कपली गांव निवासी बबलू कमल ने बताया कि गांव की करीब 10 बीघा जमीन आराजी संख्या 293, 301 और 313 दादी दुर्गादेवी के नाम से थी। 14 मार्च 2008 में दादी का निधन हो गया, जिसके बाद दादी के बेटे देवी प्रसाद, कालीदीन व बेटी जमुना देवी के बेटे अशोक व जगदीश के बीच वारिसान को लेकर विवाद शुरू हो गया।
बबलू के मुताबिक, पिता व चाचा ने दाखिल खारिजज का केस दुर्गा देवी के रजिस्टर्ड वसीयत के आधार पर किया, जिसे अशोक ने फर्जी बताया था। इस तरह से मामले में राजस्व विभाग के अधिकारी जांच कर रहे थे और पिता का उनके दोनों भांजों से विवाद चला आ रहा था। कोर्ट ने वर्ष 2014 में विवादित जमीन में यथास्थिति बनाए रखने का आदेश किया। आरोप है कि इसीबीच वर्ष 2019 में एक भाजपा नेता बुआ के बेटाें को अपने जाल में फंसाकर उनके जरिए जमीन की दो पावर आफ अटार्नी रमेश चंद्र वर्मा के नाम करा दी गई। फिर उससे बैनामा भाजपा नेता ने अपने ड्राइवर रहे व्यक्ति को करवा दी। जबकि रमेश चंद्र के नाम पर अटार्नी की जानकारी होने पर जगदीश ने अपनी अटार्नी पहले कटवा दी थी।
इसकी जानकारी होने पर आरोपितों ने मुझपर, पिता, चाचा व बुआ के दोनों बेटों के खिलाफ धोखाधड़ी समेत धाराओं में मुकदमा दर्ज करा दिया, जिसमें अशोक को जेल भी हुई थी। इसीबीच आरोपितों ने जमीन पर प्लाटिंग करा निर्माण कार्य शुरू कराया और उसे बेचने लगे। आरोप है कि वर्ष 2020 में अधिकारी ने आरोपितों के खिलाफ कार्रवाई के भी आदेश दिए थे और खतौनी से भाजपा नेता के ड्राइवर का नाम निरस्त करने का भी आदेश दिया गया, लेकिन कुछ नहीं हुआ।
पीड़ित ने पुलिस आयुक्त से गुहार लगाई है, जिसकी जांच एसीपी पनकी को मिली। हालांकि एसीपी शिखर ने बताया कि मामला जानकारी मे नहीं है। हो सकता है डाक से शिकायती पत्र आया हो। पता कर जांच करेंगे।
बैनामे में दर्शायी गई चेकें किसके खाते में पहुंची पता नहीं
पीड़ित बबलू ने बताया कि आरोपितों ने बैनामे के दौरान 10 लाख रुपये की दो चेकें और 40 लाख रुपये नकद व दूसरे बैनामे में 10 लाख की दो चेकें व 40 लाख रुपये नकद अदा करना पंजीकृत कराया था, लेकिन चेकें किसके खाते में लगी। कुछ भी स्पष्ट नहीं किया गया।
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