कानपुर का डॉग शो का अजब नजारा... चश्मा लगा अमेरिकी बुली मिस्टर माफिया कैटवॉक करता दिखा, पिटबुल पहुंचा तो मचा हंगामा
कानपुर के मोतीझील में आयोजित डॉग शो में विभिन्न नस्लों के 228 कुत्तों ने भाग लिया। रूसी साइबेरियन हस्क आकर्षण का केंद्र रहा, जिसकी कीमत 10 लाख रुपये थी। अमेरिकन बुली मिस्टर माफिया और जर्मन शेफर्ड भी शो में शामिल हुए। शो में कुत्तों का मुफ्त टीकाकरण और पंजीकरण किया गया। पिटबुल नस्ल के कुत्ते को मेयर ने प्रवेश करने से रोक दिया।

मोतीझील में आयोजित डाग शो में आकर्षण का केंद्र रहा साइबेरियन हस्की कुत्ता लेनाय व कुत्ते माफिन के साथ गौरी । फोटो: संजय यादव
जागरण संवाददाता, कानपुर। चश्मा लगा कैटवॉक करता अमेरिकी बुली मिस्टर माफिया। बेमिसाल खूबसूरत 10 लाख का साइबेरियन हस्क। इंडिया का चैंपियन अल्सेशियन नस्ल का जर्मन शेफर्ड। तभी इन सबके बीच पहुंचा पिटबुल तो हंगामा मच गया। एक से एक बढ़कर विदेशी नस्ल के कुत्ते डाग लवर्स को आकर्षित कर रहे थे। नजारा था मोतीझील में डाग शो का।
मोतीझील मैदान में शनिवार को आयोजित डाग शो में देसी और विदेशी नस्ल के कुत्ते शामिल हुए। शो में 42 नस्लों के 228 कुत्तों के साथ उनके हैंडलर ने हिस्सा लिया। कानपुर केनल वेलफेयर एसोसिएशन और नगर निगम की ओर से आयोजित आल इंडिया आल ब्रीड्स चैम्पियनशिप डाग शो का शुभारंभ महापौर प्रमिला पांडेय ने किया।
मोतीझील में आयोजित डाग शो में आकर्षण का केंद्र रहा साइबेरियन हस्की कुत्ता लेनाय । जागरण
रूस का साइबेरियन हस्क
10 लाख रुपये में खरीदे गए साइबेरियन हस्क के आकर्षण ने मेले में आए सभी लोगों को लुभाया और सेल्फी और वीडियो बनाने वालों की भीड़ लगी रही। कोलकाता की नित्या बांगर ने तीन महीने पहले ही साइबेरियन हस्क श्वान को रूस से मंगाया है। डाग हैंडलर दीपांजन दत्ता ने बताया कि साइबेरिया के बर्फीले क्षेत्र में इस नस्ल का प्रयोग स्लेज खींचने के लिए किया जाता रहा है। इसका रंग भी आकर्षक है और देखने में यह किसी भेड़िये जैसा है। इसलिए इसकी खूबसूरती बेमिसाल है। 25 किलोग्राम वजन वाले इस कुत्ते की उम्र अभी ढाई साल है। इसका नाम लेनाय है और यह सर्बिया, रूस और मेसेडोनिया के डाग शो का विजेता है। भारत में पहली बार किसी डाग शो में शामिल हो रहा है।

मोतीझील में आयोजित डाग शो में अपने पालतू कुत्ते मिस्टर माफिया और मिस्टर हंटर के साथ जीवन यादव। जागरण
बाप-बेटे मिस्टर माफिया और मिस्टर हंटर की जोड़ी
डाग शो में अपने अमेरिकन बुली डाग्स को लेकर पहुंचे जीवन यादव ने बताया कि मिस्टर माफिया और मिस्टर हंटर नाम के दोनों पिता - पुत्र हैं। यह सर्बिया की नस्ल है। वह हिमाचल प्रदेश से खरीद कर चार साल पहले लाए थे। 50 किग्रा वजन वाले इन डाग्स की विशेषता है कि यह अपने मालिक की रक्षा करने के लिए हमेशा तैयार रहते हैं।
मोतीझील में आयोजित डाग शो में अपने पालतू कुत्ते ब्रोनी के साथ मनीष । जागरण
ढाई साल की उम्र में इंडिया का चैंपियन जर्मन शेफर्ड
जर्मन शेफर्ड -अल्सेशियन नस्ल को लेकर मेरठ से आए शहजाद खान ने बताया कि यह डाग उन्होंने सीधे जर्मनी से मंगाया है। अभी ढाई साल की उम्र है। यह इंडिया चैंपियन है। इसके चलने का स्टाइल, अगले दोनों पैर की ऊंचाई लाजवाब है।
मोतीझील में आयोजित डाग शो में शामिल लिली और स्पार्क । जागरण
लिली और स्पार्क को संजने संवरने में लगता समय
टायपुडल श्रेणी में लिली और स्पार्क को लेकर दिल्ली से आए नकुल चंदेल ने बताया कि इनको सजाने में कई घंटे का समय लगता है। इस नस्ल की खासियत इसके खूबसूरत बालों में है जिसे मनचाहे ढंग से संवारा जा सकता है। इसकी ग्रूमिंग, कटिंग और क्राउनिंग आसान है। यह स्पेन की मूल प्रजाति है और बहुत एक्टिव रहती है। पहले सर्कस में इसी प्रजाति को लेकर शो किए जाते थे। इनकी न्यूनतम कीमत एक लाख रुपये तक है।
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मोतीझील में आयोजित डाग शो में अपने पालतू कुत्ते लियो को तैयार करतीं कोलकत्ता की तापसी मुखौटी । जागरण
गोल्डन रिट्रीवर का रखरखाव महंगा
कोलकाता से आई तापसी मुखौटी ने बताया कि उनका स्कूल और रेस्टोरेंट का बिजनेस है। परिवार में पहली शख्स है जिसे डाग शो में आना अच्छा लगता है। साइबेरिया का गोल्डन रिट्रीवर नस्ल का इंडियन चैंपियन लियो लेकर आई हैं। यह गन डाग समूह का श्वान है। इसका रखरखाव बेहद महंगा है। हर महीने 30 हजार रुपये से ज्यादा भोजन और अन्य सप्लीमेंट पर खर्च हो जाते हैं।

मोतीझील में आयोजित डाग शो में ट्रेनर के साथ प्रदर्शन करते कुत्ते। संजय यादव
टीकाकरण भी हुआ
प्रशिक्षित और अच्छी नस्ल वाले श्वान को देखने के लिए बड़ी तादाद में श्वान प्रेमी एकत्र हुए। कानपुर नगर निगम के मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डा. आरके निरंजन ने बताया कि इस मेले में सभी देसी-विदेशी श्वानों को फ्री एंटी रैबीज वैक्सीनेशन एवं फ्री हेल्थ चेकअप की व्यवस्था की गई । कुल 126 श्वानों का मुफ्त टीकाकरण किया गया एवं 92 श्वानों का कानपुर नगर निगम में पंजीकरण किया गया। पालतू श्वानों का पंजीकरण कराने वालों को उपहार पैकेट भी दिए गए। निराश्रित श्वानों को सर्दी से बचाने के लिए स्वयंसेवी संस्थाओं के माध्यम से मुफ्त गद्दे भी वितरित किए गए।
मोतीझील में आयोजित डाग शो में अपने पालतू कुत्ते फ्लेम के साथ उड़ीसा के रहने वाले प्रत्यूष देवता। संजय यादव

पिट़्बुल लेकर पहुंचे तो मेयर ने डाग शो से लौटाया
डाग शो में हिस्सा लेने के लिए एक आदमी पिटबुल नस्ल के कुत्ते को लेकर पहुंचा था। डाग शो में शामिल होने वालों का पंजीकरण पहले ही कराया जा चुका था इसलिए जब शो में शामिल होने की अनुमति नहीं मिली तो संबंधित व्यक्ति ने मेयर प्रमिला पांडेय से अनुमति दिलाए जाने का अनुरोध किया। इस पर मेयर ने कहा कि जो पहले से पंजीकृत हैं उन्हें ही प्रवेश मिलेगा। वैसे भी पिटबुल प्रजाति पर रोक लगी है।


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