Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    UP विधानसभा चुनाव से पहले इरफान के बयान से गरमाया राजनीतिक माहौल, किसकी छिनेगी सीट- कहां से लड़ेंगे चुनाव?

    Updated: Fri, 26 Sep 2025 04:13 PM (IST)

    कानपुर से सीसामऊ विधानसभा सीट के विधायक रहे इरफान सोलंकी को जमानत मिलने पर सपा खेमे में खुशी की लहर है। वहीं भाजपा ने इसे परिवारवाद का विस्तार बताया है। इरफान के जेल से बाहर आने के बाद उनके चुनाव लड़ने की चर्चा ने राजनीतिक सरगर्मी बढ़ा दी है। सपा नेताओं में एकजुटता की कमी दिखी जबकि भाजपा ने इरफान से सीधी टक्कर लेने की बात कही है।

    Hero Image
    पूर्व विधायक इरफान सोलंकी, विधायक अमिताभा बाजपेयी, हसन रूमी।

    जागरण संवाददाता, कानपुर। सीसामऊ विधानसभा सीट से विधायक रहे इरफान सोलंकी को मिली जमानत ने जहां आतिशबाजी और मिठाइयों का दौर शुरू किया है वहीं सियासत की जागीर में नेताओं ने अपनी अमानत भी संभालनी शुरू कर दी है। चुनाव की घोषणा में अभी देर है लेकिन इरफान के इरादों को भांप रहे सियासतदान अब अगला कदम भी संभाल रहे हैं। सपा के नेताओं को इरफान के साथ खाई दोस्ती की कसमें याद आने लगी हैं तो भाजपा ने इरफान से सीधी लड़ाई के तेवर दिखाते हुए एलान कर दिया कि कानपुर में सपा के परिवारवाद का विस्तार नहीं होने दिया जाएगा।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    इरफान सोलंकी को हाईकोर्ट से जमानत मिलने का एलान बृहस्पतिवार की दोपहर में ही हो गया था। सपा खेमे ने संभलते हुए देर शाम तक सोलंकी की जमानत की खुशियां मनाईं लेकिन इस मौके पर सपा की एकजुटता देखने को नहीं मिली। समाजवादी पार्टी के महानगर कार्यालय में बातों के बताशे फोडे गए तो देर शाम तक अमिताभ बाजपेई ने अपने समर्थकों को केक और मिठाई खिलाते हुए फोटो जारी कर दी। कैंट विधायक मोहम्मद हसन रूमी ने भी अपने कार्यालय में ही जश्न मनाया। इरफान सोलंकी के घर के पास जरूर आतिशबाजी हुई।

    सपा की सियासत में इस अलगाव को पेशी पर आए इरफान सोलंकी के उस बयान की देन माना जा रहा है जिसमें उन्होंने कहा था कि अब अगला विधायक और सांसद भी उनके परिवार से ही होगा। शहर की तीन विधानसभा सीटों सीसामऊ, कैंट और आर्यनगर पर पहले से समाजवादी पार्टी का कब्जा है। इन्हीं सीटों पर सपा का जनाधार भी है ऐसे में राजनीतिक हलके में यह सवाल गूंजने लगा है कि इरफान सोलंकी अगर बाहर आए तो कौन सी सीट पर चुनाव लड़ेंगे। किस विधायक का पत्ता कटेगा।

    सियासत की इस चाल ने उन लोगों की भी धड़कनों को बेचैन कर दिया है जो चुनाव लड़ने के लिए अपने दावेदारी करते आए हैं। कैंट सीट से विधायक मोहम्मद हसन रूमी कहते हैं कि कौन सी सीट पर किसे चुनाव लड़ना है यह पार्टी हाईकमान तय करेगा। अभी तो इतना तय है कि सभी लोग मिलकर अपने नेता अखिलेश यादव को मुख्यमंत्री बनाने के लिए लड़ेंगे। प्रदेश में 403 विधानसभा सीट हैं। हाईकमान इरफान को किसी भी सीट से चुनाव लडाएगा तो हम सभी मिलकर उन्हें चुनाव लड़ाएंगे। यह भी तय है कि पार्टी जहां से मुझ़े लड़ाएगी वहां इरफान भाई भी मेरा साथ देंगे।

    आर्यनगर विधायक अमिताभ बाजपेई तो इरफान के बयान को अलग संदर्भ में ग्रहण कर रहे हैं। वह कहते हैं कि इरफान ने अपने परिवार से तीन के बजाय चार विधायक बनने और एक सांसद का जिक्र किया है। समाजवादी परिवार है और इससे तीन विधायक हैं। हम सभी एक परिवार हैं। मेरी पत्नी को मेयर का टिकट मिला था तो इरफान की मां ने कहा था कि मेरी बड़ी बहू चुनाव लड़ेगी। जहां तक इरफान की जमानत का सवाल है तो यह लोकतंत्र और संविधान की जीत है। हम सभी हर कदम पर इरफान के साथ थे। अब जेल से बाहर आ जाएंगे तो हमारी ताकत बढ़ जाएगी।

    भाजपा ने बोला हमला

    अपनी-अपनी विधानसभा सीट को लेकर बेचैन सपाइयों के बीच भाजपा ने इरफान पर तीखा हमला बोला है। पार्टी के उत्तर जिला अध्यक्ष अनिल दीक्षित ने कहा कि इरफान सोलंकी जिस पार्टी में वह परिवारवादी पार्टी है। वहां सब कुछ सैफई और यादव परिवार ही है। उसी तरह से वह अपने परिवार के लोगों को सांसद और विधायक बनाना चाहते हैं। उन्हें विधायक की सीट तश्तरी में रखकर मिली है। संघर्ष से उनका कोई रिश्ता नहीं है। जब वह चुनाव मैदान में आएंगे तो कानपुर के मतदाता उनके परिवारवाद का सपना चूर - चूर कर देंगे। उन्हें कभी यह ख्याल नहीं आया कि सपा में अन्य भी मुस्लिम नेता हैं। जिन्हें विधायक और सांसद बनने का मौका मिले।