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    अमेरिका पर खत्म होगी भारत की आत्मनिर्भरता, कानपुर में बनेंगे तेजस विमानों के पायलट पैराशूट

    Updated: Thu, 28 Nov 2024 07:52 AM (IST)

    Kanpur News भारत की आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देते हुए कानपुर में तेजस विमानों के लिए सीट इजेक्शन पैराशूट का निर्माण किया जाएगा। यह उपलब्धि भारत को अमेरिका और अन्य यूरोपीय देशों पर निर्भरता से मुक्त करेगी। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) और ग्लाइडर्स इंडिया लिमिटेड कंपनी के सहयोग से ओपीएफ कानपुर इस महत्वपूर्ण परियोजना पर काम कर रहा है।

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    कानपुर में बनेंगे तेजस विमानों के पायलट पैराशूट

    जागरण संवाददाता, कानपुर। रक्षा प्रतिष्ठान आत्मनिर्भर भारत की मुहिम आगे बढ़ाने में लगे हैं। अब आर्डनेंस पैराशूट फैक्ट्री (ओपीएफ) तेजस विमानों के पायलट के लिए सीट इजेक्शन पैराशूट बनाएगा। ये पैराशूट बनने के बाद भारत की अमेरिका सहित अन्य यूरोपीय देश पर से निर्भरता खत्म हो जाएगी। अभी तक भारतीय सेना लड़ाकू विमानों के लिए वहां से सीट इजेक्शन पायलट पैराशूट खरीदती थी।

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    रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) की इकाई एरियल डिलीवरी रिसर्च एंड डेवलपमेंट एस्टेब्लिशमेंट (एडीआरडीई) के इंजीनियरों ने तेजस के सभी संस्करण के विमानों को उड़ाने वाले फाइटर पायलट को आपात स्थिति में सुरक्षित जमीन पर लाने वाले सीट इजेक्शन पैराशूट का डिजाइन तैयार किया।

    डिजाइन को मंजूरी मिलने के बाद एडीआरडीई के साथ मिलकर रक्षा मंत्रालय के पीएसयू ग्लाइडर्स इंडिया लिमिटेड कंपनी की इकाई ओपीएफ कानपुर ये पैराशूट बनाने में जुटा है। ओपीएफ के इंजीनियर के अनुसार तेजस मार्क 1ए फाइटर जेट की टाप स्पीड 2205 किमी प्रति घंटा से ज्यादा है। यह 50 हजार फीट की ऊंचाई तक उड़ान भर सकता है। ऐसे में आपात स्थिति में पायलट को सुरक्षित उतारने के लिए सीट इजेक्शन पायलट पैराशूट बनाने की सेना ने मांग की है। इस पर काम शुरू हो गया है।

    ओपीएफ के महाप्रबंधक एमसी बालासुब्रमणियम ने बताया कि ओपीएफ के लिए बड़ी उपलब्धि है कि तेजस विमान के लिए सीट इजेक्शन पायलट पैराशूट बनाने की जिम्मेदारी एडीआरडीई ने दी है। दोनों संगठन साथ मिलकर सेना के लिए ये पैराशूट बनाकर देंगे। इससे आत्मनिर्भर भारत की मुहिम को बढ़ावा मिलेगा।

    ऐसे समझें सीट इजेक्शन

    पायलट पैराशूट की खासियत लड़ाकू विमानों में सीट सहित पायलट को जमीन पर लाने वाला पैराशूट बेहद अहम होता है। इसलिए लड़ाकू विमानों की पायलट सीट पर स्वदेशी सीट इजेक्शन पैराशूट फिट किया जाएगा। वो आपात स्थिति में पायलट के कंट्रोल पावर बटन दबाते ही विमान से सीट सहित बाहर आएगा और पैराशूट खुलते ही वो सुरक्षित जमीन पर उतर सकेगा। पैराशूट में स्टील, एल्युमिनियम, मिश्र धातु, टाइटेनियम मिश्र धातुओं से उपकरण बने होते हैं।

    सीट में कार्बन फाइबर-प्रबलित पालिमर (सीएफआरपी) मिश्रित सामग्री शामिल की जाती है। इजेक्शन सीटों के सीट कुशन, हार्नेस और अन्य घटक आमतौर पर अग्निरोधी कपड़ों से बने होते हैं। जो इजेक्शन या आग लगने के जोखिम को कम करने में मददगार साबित होते हैं।

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