महाराष्ट्र के बाद अब साइबर सुरक्षा कवच के साथ दौड़ेगी दिल्ली मेट्रो भी, IIT Kanpur ने किया एमओयू
दिल्ली मेट्रो ने साइबर सुरक्षा को मजबूत करने के लिए आईआईटी कानपुर के साथ समझौता किया है। इस साझेदारी का उद्देश्य दिल्ली मेट्रो के संचालन और संचार प्रणालियों को साइबर हमलों से बचाना है। आईआईटी कानपुर के विशेषज्ञ डीएमआरसी के कर्मचारियों को प्रशिक्षित करेंगे और सुरक्षा प्रोटोकॉल को मजबूत करने में मदद करेंगे। महाराष्ट्र के बाद दिल्ली मेट्रो यह सुरक्षा प्रणाली स्थापित करने वाली दूसरी मेट्रो सेवा है।
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डा. तनिमा हाजरा, सीओओ- सी3आइहब आइआइटी कानपुर। संस्थान
जागरण संवाददाता, कानपुर। देश के सबसे बड़े और तेजी से बढ़ते मेट्रो नेटवर्क दिल्ली मेट्रो की साइबर सुरक्षा भी अब आइआइटी कानपुर के साइबर विशेषज्ञों के हाथों में होगी। आइआइटी का सी3आइ हब दिल्ली मेट्रो की टिकट, सिग्नल, संचार प्रणाली को साइबर हमलों से बचाने की प्रणाली विकसित करेगा। आइआइटी इससे पहले महाराष्ट्र मेट्रो के पुणे और नागपुर शहरों की मेट्रो सेवा को साइबर हमलों से सुरक्षित करने के प्रोजेक्ट पर काम कर रहा है। अब दिल्ली मेट्रो से भी साइबर सुरक्षा प्रणाली का एमओयू किया है।
मेट्रो की डिजिटल प्रणालियों को भविष्य के साइबर खतरों से सुरक्षित करने की दिशा में आइआइटी का यह करार बेहद अहम है। इस साझेदारी के तहत शहरी रेल अवसंरचना को सुरक्षित करने की दिशा में आइआइटी की विशेषज्ञता को बढ़ावा मिलेगा। इस करार के तहत आइआइटी कानपुर के साइबर सुरक्षा विशेषज्ञों की टीम दिल्ली मेट्रो की सिग्नलिंग, स्वचालित किराया संग्रह, और संचार जैसी सभी प्रमुख प्रणालियों को आनलाइन खतरों से बचाने का तकनीकी माडल तैयार करेगी।
सी3आइ हब की ओर से दिल्ली मेट्रो को ऐसी साइबर सुरक्षा प्रणाली बनाकर दी जाएगी जिससे भविष्य में भी साइबर हमलों को रोका जा सके। मेट्रो कर्मचारियों को भी साइबर सुरक्षा का प्रशिक्षण देकर उन्हें साइबर कमांडो बनाया जाएगा। विभिन्न देशों से भारत के प्रमुख संस्थानों पर पिछले कई साल से लगातार हो रहे साइबर हमलों के दृष्टिगत आइआइटी की टीम के लिए दिल्ली व महाराष्ट्र मेट्रो की साइबर सुरक्षित बनाना प्रमुख चुनौती है।
एमओयू के प्रमुख लक्ष्य
- दिल्ली मेट्रो की सिग्नलिंग , स्वचालित किराया संग्रह और संचार प्रणालियों को साइबर हमलों से पूरी तरह सुरक्षित बनाना। जिससे कभी कोई साइबर हमला प्रभावी न हो सके।
- मेट्रो परिचालन दक्षता के लिए उन्नत शहरी परिवहन रणनीतियों का विकास करना जिससे मेट्रो रेल आपरेटरों के लिए विश्व स्तरीय साइबर सुरक्षा ढांचा तैयार किया जा सके।
क्या है सी3आइ हब
आइआइटी कानपुर का सी3आइ हब भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग की मदद से स्थापित संस्था है जिसे केंद्र सरकार के राष्ट्रीय अंतःविषय साइबर-भौतिक प्रणाली मिशन (एनएम -आइसीपीएस) के तहत वित्त पोषण दिया जा रहा है। यह केंद्र उन्नत साइबर सुरक्षा समाधानों के अनुसंधान, विकास और परिनियोजन के लिए काम करता है। इस केंद्र की मदद से विभिन्न संस्थानों के डिजिटल और इंटरनेट प्रणालियों की कमजोरियों की पहचान की जाती है। इसके साथ ही साइबर सुरक्षा उपाय भी विकसित किए जाते हैं।
महा मेट्रो के बाद अब डीएमआरसी की साइबर सुरक्षा का आडिट किया जा रहा है। सी3आइ हब का लक्ष्य मेट्रो रेल सेवा के लिए विश्वस्तरीय साइबर सुरक्षा ढांचा तैयार करना है जिससे कहीं भी मेट्रो सेवा को साइबर हमलों से रोका या प्रभावित नहीं किया जा सके।
डा. तनिमा हाजरा, सीओओ- सी3आइहब आइआइटी कानपुर

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