IIT Kanpur का प्लेसमेंट अगले सप्ताह से, टैरिफ और वीजा नियमों ने बदला माहौल
आईआईटी कानपुर में अगले सप्ताह से प्लेसमेंट शुरू होने जा रहा है। इस बार टैरिफ और वीजा नियमों में बदलाव के कारण माहौल बदला हुआ है, जिससे छात्रों को चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। संस्थान छात्रों को सहायता प्रदान कर रहा है और विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए हैं। छात्रों को बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद है।
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जागरण संवाददाता, कानपुर। आइआइटी कानपुर में अगले सप्ताह से नया प्लेसमेंट अभियान शुरू होने जा रहा है। इसके पहले ही इंजीनियरिंग संस्थानों और बीटेक उत्तीर्ण करने वाले युवाओं की नजर अमेरिका की टैरिफ और आव्रजन नीति पर टिकी हुई है। इस साल अमेरिका से कम नौकरियां आने की संभावना है ऐसे में इंजीनियरिंग संस्थानों ने यूरोप और गल्फ देशों से उम्मीद लगा रखी है। आइआइटी कानपुर के प्लेसमेंट अभियान में पिछले साल करीब 25 छात्रों को अंतरराष्ट्रीय पैकेज प्रस्ताव मिले थे।
आइआइटी कानपुर में प्लेसमेंट की तैयारियां हर साल की तरह ही हो रही हैं। शिक्षकों और छात्रों की ओर से सकारात्मक संकेत मिल रहे हैं लेकिन आइआइटी के पूर्व छात्रों की नजर में इस साल का प्लेसमेंट अभियान अपने आप में अप्रत्याशित हो सकता है। इस साल इंजीनियरिंग की कुल नौकरियों में कमी आने के आसार हैं। इसकी बड़ी वजह अमेरिका की आव्रजन नीति और टैरिफ नियम हैं। जिसकी वजह से भारतीय कंपनियों का अमेरिका निर्यात घटा है। आइआइटी का प्लेसमेंट अभियान एक दिसंबर से शुरू होगा। अभी तक प्री प्लेसमेंट रूझान भी अच्छे नहीं आए हैं।
पीएसआइटी के ग्रुप डायरेक्टर प्रो. मनमोहन शुक्ला ने बताया कि अमेरिकी राष्ट्रपति की नीतियों का असर नई नौकरियों के साथ ही सभी क्षेत्रों में दिख रहा है। अंतरराष्ट्रीय स्तर मिलने वाली नौकरियों की संख्या हालांकि ज्यादा नहीं होती है लेकिन अमेरिका में अवसर घटने से यूरोप, खाड़ी देशों और पूर्वी एशिया में नौकरी मिलने के अवसर बढ़ सकते हैं। अमेरिका में नौकरी देने वाली बहुराष्ट्रीय कंपनियां भी अभी एच-1 वीजा और टैरिफ नियमों की समीक्षा कर रही हैं। भारत और अमेरिकी संबंधों में सुधार होने पर चयन प्रक्रिया में तेजी दिखाई दे सकती है।
दूसरी ओर आइआइटी के शिक्षक हालांकि इस मामले में अपनी प्रतिक्रिया नहीं दे रहे हैं। लेकिन बताया जा रहा है कि आइआइटी ने अपने प्लेसमेंट अभियान की रणनीति में बदलाव किया है। 15 दिसंबर तक अभियान में इसका असर देखने को मिल सकता है। इस बार के अभियान में देश - विदेश की लगभग 250कंपनियां शामिल हो सकती हैं। से अधिक कंपनियों के शामिल होने की उम्मीद है।

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