2 साल से अटकी थी डिग्री, बैक पेपर और... IIT कानपुर में छात्र के सुसाइड की वजह आई सामने
आईआईटी कानपुर में दो साल में आठवीं आत्महत्या ने संस्थान की छात्र सहायता व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं। हाल ही में बीटेक छात्र जयसिंह मीणा ने आत्महत्या की, ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, कानपुर। आइआइटी कानपुर में हुईं आत्महत्या की आठ घटनाओं ने संस्थान की काउंसिलिंग और छात्र सहयोग व्यवस्था को कठघरे में खड़ा कर दिया है। सोमवार को घटना की जानकारी मिलने के बाद से संस्थान प्रशासन भी सकते में है।
शाम तक घटना की जांच के लिए आइआइटी की समिति की घोषणा भी नहीं हो पाई। दूसरी ओर बताया जा रहा है कि आत्महत्या करने वाले छात्र की बीटेक डिग्री दो साल से अटकी है।
दूसरा साल है जब वह प्लेसमेंट प्रक्रिया में शामिल नहीं हो पाया। अगले महीने से शुरू होने वाले प्लेसमेंट अभियान में भी शामिल होने की उम्मीद कम थी क्योंकि अब भी एक प्रश्न पत्र में उसकी बैक पेपर परीक्षा होनी बाकी है।
आइआइटी कानपुर में दिसंबर 2023 से जनवरी 2024 के बीच तीन होनहारों ने आत्महत्या की थी, जिसके बाद आइआइटी प्रशासन ने छात्रों का ओपन हाउस मंच भी आयोजित किया था। आइआइटी के काउंसिलिंग सेंटर में मनोविज्ञानियों की संख्या भी बढ़ाकर 10 की गई है।
इसके बावजूद आत्महत्या की घटनाएं थम नहीं रही हैं। सोमवार सुबह आत्महत्या करने वाले जयसिंह मीणा ने वर्ष 2020 में बीटेक के बायोलाजिकल सांइसेज एंड बायोइंजीनियरिंग विभाग में प्रवेश लिया था। चार साल का बीटेक कोर्स 2024 में पूरा हो जाना चाहिए था।
बैकपेपर की वजह से उसे अधिक समय लगा और 2025 की वार्षिक परीक्षा में भी वह सभी प्रश्नपत्र में उत्तीर्ण नहीं हो सका। बताया जा रहा है कि अब भी एक प्रश्न पत्र को वह पूरा नहीं कर सका था। दिसंबर में शुरू हुए प्लेसमेंट की प्रक्रिया में भी वह अपनी डिग्री अधूरी रहने के कारण शामिल नहीं हो सका था।
संस्थान प्रशासन हालांकि इस बारे में आधिकारिक बयान नहीं दे रहा है लेकिन बताया जाता है कि पुलिस और प्रशासन दोनों ही छात्र की अकादमिक और मानसिक पहलुओं संबंधी तथ्यों जांच कर रहे हैं। आइआइटी प्रशासन का दावा है कि छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए व्यापक प्रबंध किए गए हैं।
संस्थान में 10 मनोवैज्ञानिक और मनोचिकित्सक तैनात हैं, जो 24 घंटे उपलब्ध रहते हैं। इसके साथ ही आनलाइन हेल्पलाइन भी 24 घंटे सक्रिय है। प्रीवेंशन आफ इंडिया फाउंडेशन के माध्यम से छात्रों के नियमित प्रशिक्षण, डी-एडिक्शन क्लीनिक की सुविधा दी गई है। हर 30 स्नातक छात्र पर एक फैकल्टी एडवाइजर भी नियुक्त है।
साल भर में चौथी मौत
वर्ष 2025 में आइआइटी कानपुर में यह चौथी मौत है। इससे पहले दोन छात्र और एक साफ्टवेयर डेवलपर आत्महत्या कर चुके हैं। आइआइटी कानपुर के डीन आफ एकेडमिक्स अफेयर्स प्रो. अशोक डे ने बताया कि निदेशक कार्यालय से मिली मेल के माध्यम से घटना की जानकारी मिली है। छात्र के अकादमिक प्रदर्शन की रिपोर्ट तैयार की जा रही है।
आइआइटी में इन छात्रों ने की आत्महत्या
- 19 दिसंबर 2023 : शोध सहायक स्टाफ डा. पल्लवी चिल्का
- 10 जनवरी 2024 : एमटेक छात्र विकास मीणा
- 18 जनवरी 2024 : पीएचडी छात्रा प्रियंका जायसवाल
- 10 अक्टूबर 2024 : पीएचडी छात्रा प्रगति
- 10 फरवरी 2025 : पीएचडी रिसर्च स्कालर अंकित यादव
- 25 अगस्त 2025 : साफ्टवेयर डेवलपर दीपक चौधरी
- 01 अक्टूबर 2025 : बीटेक अंतिम वर्ष का छात्र धीरज सैनी
- 29 दिसंबर 2025 : बीटेक अंतिम वर्ष छात्र जयसिंह मीणा

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