CSJMU में बेटियों का मेडल रेन, HBTU-CSA के छात्रों ने बढ़ाई शान
कानपुर के विश्वविद्यालयों में दीक्षांत समारोह शुरू हो रहे हैं। सीएसजेएमयू में छात्राओं का दबदबा रहेगा जहाँ उन्हें 28 में से 25 कुलाधिपति पदक मिलेंगे। सीएसए और एचबीटीयू में छात्रों ने बेहतर प्रदर्शन किया है और मंच पर अनुपात को संतुलित किया है। सीएसजेएमयू में साहित्य कला जैसे विषयों में छात्राओं की रुचि अधिक है।

जागरण संवाददाता, कानपुर। विश्वविद्यालयों के दीक्षा समारोहों में लड़कियों के दबदबे को कम करने में प्रोफेशनल पाठ्यक्रमों के छात्रों ने दम दिखाया है। बुधवार से शुरू हो रहे दीक्षा समारोहों के दौरान पहले दिन छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय के मंच पर लड़कियां ही लड़कियां दिखेंगी। दूसरे और तीसरे दिन के समारोहों में चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय और हरकोर्ट बटलर टेक्निकल यूनिवर्सिटी के मेडल पाने वाले छात्रों ने यह संतुलन साधने की कोशिश करते हुए मंच का अनुपात संभाल लिया है।
छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय के दीक्षा समारोह की मेधावी सूची में छात्राओं की जोरदार उपस्थिति ने अध्ययन अभिरुचियों को भी सामने ला दिया है। साहित्य, कला व संस्कृति समेत विभिन्न सैद्धांतिक विषयों के अध्ययन में लड़कियों की रुचि सबसे ज्यादा है जबकि मेधावी छात्रों को प्रोफेशनल कोर्स पसंद आ रहे हैं।
सीएसजेएमयू के 28 कुलाधिपति पदकों में 25 छात्राओं को मिलने जा रहे हैं जबकि छात्रों के हिस्से में केवल तीन मेडल हैं। 18 सितंबर को चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय में मेधावियों को पदक देकर सम्मानित किया जाएगा। यहां मेधावी मेडल पाने में छात्र आगे हैं। कुल 63 मेडल में 35 पदक छात्रों और 28 मेधावी पदक छात्राओं को दिए जाएंगे।
इसी तरह 19 सितंबर को एचबीटीयू में होने वाले समारोह में कुल 46 मेधावी पदक दिए जाएंगे जिसमें से 21 मेडल छात्राओं को और शेष छात्रों के हिस्से में हैं। सीएसजेएमयू में 89 प्रतिशत छात्राओं को पदक मिलने जा रहा है। जबकि सीएसए में 55.55 प्रतिशत छात्रों और 44.44 प्रतिशत छात्राओं के हिस्से में मेडल है और एचबीटीयू में 45 प्रतिशत छात्राओं और 55 प्रतिशत छात्रों को मेडल दिया जाएगा।
सीएसजेएमयू के निदेशक महाविद्यालय विकास परिषद प्रो. राजेश कुमार द्विवेदी ने कहा कि विश्वविद्यालय से संबद्ध महाविद्यालयों में भी मेधावी पदक पाने में छात्राएं आगे हैं। विषयों का चयन छात्रों की शैक्षिक व व्यावसायिक प्रतिबद्धता के अनुरूप है। छात्राओं के मेडल पाने को सकारात्मक तरीके से लिया जाना चाहिए। अकादमिक क्षेत्रों में छात्राओं का आगे आना समाज के लिए अच्छा संकेत है।
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