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    नौकरी के नाम पर सवा लाख लोगों को ठग चुका है गैंग, दो युवतियों समेत चार गिरफ्तार, तरीका जान… पुलिस भी हैरान

    Updated: Mon, 31 Mar 2025 11:21 PM (IST)

    UP Crime - कानपुर में एक बड़ा ठगी गिरोह पकड़ा गया है जो ऑस्ट्रेलिया अमेरिका और दुबई में नौकरी का झांसा देकर देश भर से 1.20 लाख लोगों को ठगता था। साइबर क्राइम टीम ने गिरोह के मास्टरमाइंड और दो युवतियों समेत चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है जिन्होंने अब तक तीन से चार करोड़ रुपये के आसपास रकम ठगी है।

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    ठगी के आरोप में पकड़े गए आरोपी (बाएं से दाएं) हरिओम पांडेय, अनुराग दीक्षित, अरीबा अंसारी और कीर्ति गुप्ता। जागरण

    जागरण संवाददाता, कानपुर। ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका और दुबई में नौकरी का झांसा देकर देश भर से 1.20 लाख लोगों को ठगने वाला गिरोह पकड़ा गया है। साइबर क्राइम टीम ने गिरोह के मास्टरमाइंड और दो युवतियों समेत चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है। 

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    आरोपी नौकरी डॉट कॉम जैसी नामी वेबसाइटों से लोगों का डाटा चुराते थे। बाद में वीडियो काल पर कई चरणों में फर्जी इंटरव्यू कराकर मोटी फीस वसूली जाती थी। वर्ष 2015 से सक्रिय गिरोह में शामिल 15 से 20 और लोगों की तलाश क्राइम ब्रांच कर रही है। 

    आरोपियों के पास से तीन लैपटाप, नौ स्मार्टफोन, 14 कीपैड मोबाइल, आठ सिम, राउटर, बैंक पासबुक, डेबिट कार्ड समेत कई दस्तावेज और कार बरामद हुई है। ठगी का शिकार होने वालों डॉक्टर, इंजीनियर, बड़ी कंपनियों में मैनेजर पद पर काम करने वाले, इनमें ज्यादातर दक्षिण के राज्यों के लोग हैं। किसी को संदेह न हो इसके लिए ठग छोटी छोटी रकम ही ऐंठते। क्राइम ब्रांच के मुताबिक, गिरोह ने अब तक तीन से चार करोड़ रुपये के आसपास रकम ठगी है।

    पंजाब के युवक ने की थी शिकायत

    गिरोह के बारे में पंजाब के मूल निवासी विकास शर्मा ने शिकायत की थी। वर्तमान में वह कानपुर में रहते हैं। उन्होंने साइबर क्राइम थाने में विदेश में नौकरी लगवाने के नाम पर 26,800 रुपये की ऑनलाइन धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कराया था। 

    साइबर क्राइम टीम ने जांच की, जिसके आधार पर प्रतापगढ़ के पट्टी क्षेत्र के हरिओम पांडेय, चौबेपुर के विशुनपुर गांव के अनुराग दीक्षित, चमनगंज के भन्नानापुरवा की अरीबा अंसारी और किदवई नगर डी ब्लाक की कीर्ति गुप्ता को गिरफ्तार किया गया। 

    डीसीपी क्राइम एसएम कासिम आबिदी ने बताया कि गिरोह का मास्टरमाइंड हरिओम पांडेय है। उसे वर्ष 2015 में बस्ती से एसटीएफ ने साइबर अपराध में ही जेल भेजा था। वर्ष 2021 में स्वाट टीम ने हरबंश मोहाल से उसे गिरफ्तार किया। उसके कई साथी अलग अलग शहरों में सक्रिय हैं। डीसीपी ने बताया कि गिरोह के सदस्यों पर गैंगस्टर की कार्रवाई की जाएगी। 

    फर्जी वेबसाइट के सहारे कर रहे थे खेल

    डीसीपी क्राइम के मुताबिक, आरोपी फर्जी वेबसाइट के सहारे ठगी का खेल कर रहे थे। गिरोह ने इलीट ग्लोबल कैरियर्स और ओवरसीज कंसल्टेंसी नाम की फर्जी वेबसाइट बनाई थी। इसमें फर्जी पहचान पत्रों के सहारे हासिल मोबाइल नंबर को रजिस्टर्ड किया गया था। 

    गिरोह में शामिल टेलीकालर ठगने वाले युवकों को कॉल करके इंटरव्यू कराते थे। इसकी जिम्मेदारी युवतियों की थी और कई चरणों में इंटरव्यू कराया जाता था। युवकों से रुपये हासिल करने के बाद नंबर बंद हो जाते थे। 

    कोई पुलिस से शिकायत भी करता था तो मोबाइल नंबर बंद आने पर उसकी पहचान नहीं हो सकती थी। पहले चरण में 25 से 30 हजार और दूसरे में 45 से 90 हजार रुपये तक वसूले जाते थे।

    नामी वेबसाइट का ले रखा था सब्सक्रिप्शन

    एडीसीपी क्राइम अंजलि विश्वकर्मा के मुताबिक आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि उन लोगों ने दो लाख 47 हजार रुपये में नौकरी डॉट कॉम और इनफोएज डॉट कॉम का एक साल का सब्सक्रिप्शन लिया था। 

    इसके सहारे वेबसाइट पर विदेश में नौकरी के लिए आवेदन करने वालों का डेटा हासिल कर लेते थे, फिर उन युवकों को फर्जी कॉल सेंटर के सहारे काल की जाती थी।

    वीओआईपी के इस्तेमाल से होती थी कॉल   

    पुलिस अधिकारियों ने बताया कि इंटरव्यू के लिए आरोपी वॉइस ओवर इंटरनेट प्रोटोकॉल (वीओआईपी) का इस्तेमाल करते थे। इसके लिए ‘जोइपर5’ कॉल साफ्टवेयर की जरूरत पड़ती है। 

    वीओआईपी की मदद से टेलीकॉलर इंटरव्यू के दौरान विदेशी कंपनी के आधिकारिक नंबरों को जोड़ लेती थी। इससे विदेश जाने वाले युवक को विश्वास हो जाता था कि उनका इंटरव्यू विभिन्न विदेशी कंपनियों के माध्यम से हो रहा है।

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