कानपुर में जीएसटी फर्जीवाड़ा, जांच में अधिकारी हैरान, 14.74 करोड़ की जीएसटी चोरी
कानपुर में राज्य कर विभाग ने दो फर्मों द्वारा 14.74 करोड़ रुपये की जीएसटी चोरी का मामला उजागर किया है। मेरठ के विवेक और उन्नाव के दीपक हरिपाल यादव पर फर्जी दस्तावेजों से जीएसटी रजिस्ट्रेशन कराकर करोड़ों की टैक्स चोरी करने का आरोप है। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है और कर विभाग ने सबूत भी सौंपे हैं।

जागरण संवाददाता, कानपुर। Kanpur Latest News: कानपुर में जीएसटी फर्जीवाड़ा सामने आया है। दो फर्जी फर्म बनाकर करोड़ों रुपये की जीएसटी चोरी का आरोप है। रजिस्ट्रेशन में दिए गए पते भी फर्जी हैं। राज्य कर विभाग की ओर से दोनों पर केस दर्ज कराया गया है।
राज्य कर विभाग ने जीएसटी (GST) चोरी के दो बड़े मामले पकड़े है। राज्य कर अधिकारी गोपाल कृष्ण सारस्वत की शिकायत पर कल्याणपुर थाने में मेरठ निवासी विवेक और उन्नाव निवासी दीपक हरिपाल यादव के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया। दोनों पर फर्जी दस्तावेजों के जरिए जीएसटी रजिस्ट्रेशन कराने और करोड़ों रुपये की टैक्स चोरी करने का आरोप है।
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राज्य कर विभाग (State Tax Department) की द्वारा दी गई पहली तहरीर में बताया गया कि मेरठ निवासी विवेक ने वीके इंटरप्राइजेज नाम से फर्म रजिस्टर्ड कराई और इसका पता उन्नाव प्रियदर्शनी नगर बताया लेकिन जांच में पाया गया कि वहां कोई दुकान या आफिस नहीं है, वह सिर्फ एक घर है। जांच में यह भी पता चला कि विवेक ने साल 2024-25 में करीब 2.28 करोड़ और 2025-26 में 1.81 करोड़ का फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट (आइटीसी) लिया।
इस तरह सरकार को 4.1 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। वहीं दूसरे मामले में उन्नाव के दीपक हरिपाल यादव ने श्रीश्याम सप्लायर नाम से फर्म रजिस्टर कराई और गंगाघाट, उन्नाव में उसका पता दिखाया। उसने प्लास्टिक के सामान की खरीद-बिक्री का दावा किया, लेकिन जांच में बताए गए स्थान कोई कारोबार नहीं मिला।
वित्तीय वर्षों 2024-25 और 2025-26 में दीपक ने करीब 5.12 करोड़ का फर्जी आइटीसी लिया और 5.60 करोड़ की टैक्स देनदारी दिखाकर 10.73 करोड़ से ज्यादा की सरकार को चपत लगा दी। कल्याणपुर थाना प्रभारी सुधीर कुमार ने बताया कि दोनों मामलों में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। राज्य कर विभाग ने कुछ दस्तावेज और सबूत पुलिस को सौंपे हैं। जांच के आधार पर आगे की कार्यवाही की जाएगी।
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