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    पंजाब-हरियाणा की बाढ़ ने बढ़ाई घी की कीमतें, दीपावली में महंगी होगी मिठाई

    Updated: Mon, 13 Oct 2025 10:30 PM (IST)

    कानपुर में दीपावली से पहले देसी घी के दामों में भारी उछाल आया है, जिससे आम आदमी परेशान है। पंजाब और हरियाणा में बाढ़ के कारण दूध की आपूर्ति कम होने से कीमतें बढ़ी हैं। शहर में रोजाना 50 क्विंटल घी की खपत है, और दीपावली में यह आंकड़ा और बढ़ने की उम्मीद है। घी महंगा होने से मिठाई विक्रेता भी चिंतित हैं, क्योंकि मिठाइयों के दाम बढ़ सकते हैं।

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    जागरण संवाददाता, कानपुर। दीपावली से ठीक पहले देसी घी की कीमतों ने बाजार में उछाल आने से आम लोग परेशान हैं। पिछले दो महीने में घी के दामों में 100 से 120 प्रति किलो की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। जो घी सितंबर तक 620 किलो बिक रहा था, वही अब 700 से 760 किलो तक पहुंच गया है। व्यापारियों का कहना है कि पंजाब और हरियाणा में आई बाढ़ ने पूरे डेयरी उद्योग की सप्लाई चेन को हिला दिया है। वहां हजारों पशु बह गए या बीमार पड़ गए, जिससे दूध उत्पादन में भारी कमी आई है। अब उन दोनों राज्यों की कमी को पूरा करने के लिए उत्तर प्रदेश से ही घी की खेप भेजी जा रही है।

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    हरियाणा-पंजाब में टूटी डेयरी सप्लाई

    घी कारोबारी कहना है कि पहले हरियाणा और पंजाब से रोजाना दर्जनों ट्रक देसी घी की खेप आती थी, जो अब लगभग बंद हो चुकी है। फतेहाबाद, हिसार, अंबाला और लुधियाना के डेयरी प्लांट्स में बाढ़ का पानी भर गया था। वहां हजारों लीटर दूध नष्ट हुआ। नतीजा यह है कि अब वही इलाके, जो पहले सप्लायर थे, अब खुद घी की मांग कर रहे हैं। उत्तर प्रदेश के डेयरी उत्पादकों पर दबाव बढ़ गया है। शहर की कलक्टरगंज मंडी के साथ ही इटावा, उन्नाव, हरदोई और बाराबंकी से प्रतिदिन ट्रक भर-भरकर घी की खेप हरियाणा और पंजाब भेजी जा रही है।

    जिले में 50 क्विंटल की रोजाना खपत

    कानपुर में घी की मांग लगातार बनी हुई है। घी व्यापारियों का कहना है कि दीपावली के सीजन में रोज लगभग 50 से सौ क्विंटल देसी घी की बिक्री होती है। यह आंकड़ा सामान्य दिनों की तुलना में लगभग डेढ़ गुना ज्यादा है। महीने भर में लगभग 1500 क्विंटल घी बिक जाता है, जिसका मूल्य करीब 10 करोड़ रुपये के आसपास पहुंच जाता है। वहीं दीपावली में घी की खपत ढाई से तीन हजार क्विंटल तक पहुंच रही है। बढ़ती मांग के बीच सप्लाई घटने से थोक दरों में भी उछाल आया है। पहले थोक में एक किलो घी की कीमत 580 थी, जो अब 690 से 710 तक पहुंच गई है।

    मिठाई विक्रेताओं की बढ़ी चिंता, बढ़ेंगे दाम

    घी के दाम बढ़ने का सीधा असर मिठाइयों की कीमत पर पड़ने वाला है। इस असर सबसे ज्यादा गुलाब जामुन, बर्फी, लड्डू, पेड़ा, काजू कतली जैसी लगभग हर मिठाई में घी की जरूरत पड़ती है। जब घी महंगा हो गया है तो दाम बढ़ाना मजबूरी है। दीपावली तक 40 से 60 प्रति किलो तक मिठाइयों के दाम बढ़ सकते हैं। मौजूदा समय में मिठाई दुकानों में जहां प्रतिदिन 2–3 क्विंटल घी की खपत होती है, वहीं छोटे दुकानदारों के लिए इतना स्टाक जुटाना भी मुश्किल हो गया है।

    बाजार में नकली घी का खतरा बढ़ा

    घी की कीमतों में उछाल के साथ ही मिलावटखोरी का खतरा भी बढ़ गया है। खाद्य सुरक्षा विभाग ने इस पर निगरानी तेज कर दी है। शहर के विभिन्न डेयरी उत्पाद विक्रेताओं से नमूने लेकर जांच के लिए भेजे गए हैं। वहीं खाद्य विभाग की टीम निरंतर छापेमारी करके हजारों क्विंटल खोया, दूध और पनीर नष्ट करने की कार्रवाई भी कर रही है। इसका असर भी बाजार में दिख रहा है।


    बोले व्यापारी....


    शहर में प्रतिदिन 66 लाख रुपये का घी का व्यापार होता है। वहीं दीपावली,रक्षाबंधन और होली के दौरान 70 से 80 लाख तक व्यापार पहुंचता है। मौजूदा समय में पंजाब और हरियाणा की बाढ़ के चलते दूध की आपूर्ति कम होने के साथ ही घी के दाम पर असर पड़ा है। दाम आने वाले दिनों में और बढ़ने की उम्मीद है।
    अंकित गुप्ता, घी व्यापारी, कलक्टरगंज



    घी में जीएसटी घटने के बाद भी कोई फर्क नहीं पड़ा है। सरकार ने सहूलित तो दी, लेकिन बाढ़ की वजह से आपूर्ति प्रभावित हुई है। हरियाणा और पंजाब में दूध और घी उत्पादन के बड़े केंद्र हैं, ऐसे में इन राज्यों में यूपी से सप्लाई भेजी जा रही है, जिससे घी के दाम बढ़ गए हैं।
    राजेश गौतम, घी व्यापारी, कलक्टरगंज