Yamuna Expressway Accident: यमुना एक्सप्रेस-वे पर मचा चीत्कार, कानपुर के बैंक मैनेजर ने बताया- आंखों देखा हाल
यमुना एक्सप्रेसवे पर कोहरे के कारण भीषण हादसा हुआ। घने कोहरे में तेज रफ्तार वाहनों की भिड़ंत में 13 की मौत और कई लोग घायल हो गए। यात्रियों ने बताया कि ...और पढ़ें
जागरण संवाददाता, कानपुर। कुछ समझ ही नहीं आ रहा था, बस एक के बाद एक वाहन आपस में भिड़ते चले जा रहे थे। घने कोहरे में लोगों की चीखें सन्नाटा तोड़ रही थी। बस की खिड़की से बाहर झांकर देखने का प्रयास किया तो कुछ भी नजर नहीं आ रहा था।
करीब एक घंटे तक फंसे रहने के बाद पुलिस ने उन्हें निकालकर अस्पताल पहुंचाया। मंगलवार तड़के यमुना एक्सप्रेसवे पर हुए भीषण हादसे में घने कोहरे के बीच तेज रफ्तार से दौड़ रहे कई वाहनों की भिड़ंत में घायल हुए लोगों ने दैनिक जागरण से बातचीत कर अपना दर्द बताया।
हादसे में घायल हुए लोगों की आपबीती
कुछ समझ नहीं आ रहा था बस वाहनों के भिड़ने और लोगों के चीखने चिल्लाने की आवाजें आ रही थी। बस की खिड़की से झांकने पर बाहर देखा तो कोहरा इतना घटना था कि कुछ नहीं ही नहीं आ रहा था। ये कहना है किदवई नगर निवासी बैंक मैनेजर कुलदीप भास्कर का।
उन्होंने बताया कि वह किसी काम से पत्नी शशि के साथ दिल्ली जा रहे थे। हादसे में उनकी रीढ़ की हड्डी और पत्नी के पैर में फ्रैक्चर हुआ है। उन्होंने बताया कि घर पर उनकी मां ही अकेली हैं उन्हें हादसे की जानकारी नहीं दी गई है।
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हादसे में घायल सरसौल बस स्टाप पर क्राकरी की दुकान चलाने वाले शेरू ने बताया कि वह बस से दिल्ली माल लेने जा रहे थे तभी हादसा हो गया। अल्लाह ने बचा लिया केवल पैर में थोड़ी चोट आई है घरवालों को सूचना देकर किराए पर कार करके लौट रहा हूं।
ग्रेटर नोएडा निवासी पुरुषोत्तम त्रिपाठी निजी स्कूल में अध्यापक हैं और मूलरूप से रायबरेली जनपद के रहने वाले हैं। उनकी पत्नी शिखा त्रिपाठी का नौबस्ता स्थित धाेबिन पुलिया के पास मायका है।
उनकी पत्नी दोनों बेटियाें अपराजिता और गोरिका के साथ मायके में थीं। वह पत्नी और बेटियों को बस से लेकर ग्रेटर नोएडा जा रहे थे। तभी वृंदावन के पास हादसा हो गया। हालांकि किसी को ज्यादा चोट नहीं आई है सभी सुरक्षित हैं, लेकिन अपराजिता के कंधे और कमर में चोट आई है उनका उपचार वृंदावन स्थित जिला अस्पताल में चल रहा है।
रावतपुर गांव के सैय्यद नगर में रहने वाले मुशर्रफ ने बताया कि वह दिल्ली की एक निजी कंपनी में काम करते हैं। तड़के हादसा हुआ इस दौरान वह सो रहे थे उनके शरीर में काफी चोंटे हैं लेकिन खतरे की बात नहीं है।
कानपुर देहात के सिकंदरा उमरपुर निवासी किसान लज्जाराम ने बताया कि उनकी बेटी खुशबू नोएडा में इलेक्ट्रॉनिक डोकामेन मल्टीनेशनल कंपनी (एमएनसी) जाब करती है। रात 11 बजे बस से गई थी। हादसे में उसका पैर टूट गया है। मौके पर हॉस्पिटल में बड़ी बेटी पहुंच गई है। जो शाम को उसे लेकर वापस घर आएगी।
बेकनगंज रूपम टाकीज के पास रहने वाले शाहिद बर्तन कारोबारी हैं वह अपने पिता शफीक के साथ बस से दिल्ली से बर्तन खरीदने के लिए निकले थे। शाहिद ने बताया कि हादसे के बाद कुछ समझ ही नहीं आ रहा था। बस हर ओर चीख पुकार मची थी। अल्लाह ने हमें बचा लिया दोनों लोग ठीक है,वापसी किराए की कार से कानपुर लौट रहे हैं।

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