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    कानपुर में छठ महापर्व पर दिखेगा अलौकिक नजारा, साढ़े छह लाख श्रद्धालु इन घाटों पर देंगे अर्घ्य

    Updated: Fri, 24 Oct 2025 03:53 PM (IST)

    कानपुर में छठ महापर्व को लेकर श्रद्धा और आस्था का अद्भुत नजारा देखने को मिलेगा। शहर के गंगा घाटों पर साढ़े छह लाख से अधिक श्रद्धालु सूर्य उपासना के इस पावन पर्व में शामिल होंगे। प्रशासन ने घाटों पर सुरक्षा, स्वच्छता और यातायात की विशेष व्यवस्था की है। 

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    अरमापुर बड़ी नहर और पनकी नहर पर छठ पूजन के लिए वेदी तैयार करतीं आरती और मुस्कान। जागरण

    जागरण संवाददाता, कानपुर। लोक आस्था का महापर्व छठ पूजा धूमधाम और श्रद्धा के साथ मनाए जाने की तैयारी अंतिम चरण में है। 25 अक्टूबर शनिवार को नहाय खाय के साथ शुरू होकर 28 अक्टूबर मंगलवार को सूर्योदय अर्घ्य और व्रत परायण के साथ पर्व का समापन होगा। शनिवार को सबसे पहले व्रती महिलाएं और पुरुष भगवान सूर्य की आराधना कर गंगा और नहरों में स्नान करेंगे। सूर्य को जल अर्पित कर परिवार के कल्याण की कामना की जाएगी। इसके बाद गंगा जल पात्रों में भरकर घर ले जाकर पूजन कर खरना और डाला के लिए पकवान तैयार किए जाएंगे। शहर में रहने वाले बिहार, झारखंड व पूर्वाचल के करीब साढ़े छह लाख लोग छठ महापर्व मनाएं। घाटों की सजावट, सुरक्षा व्यवस्था और स्वच्छता अभियान को लेकर प्रशासन और स्थानीय समितियां तैयारियों को अंतिम रूप देने में जुटी हैं।

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    पनकी, अर्मापुर, सीटीआइ, साकेत नगर, गंगा तट गोला घाट, सरसैया घाट पर साफ-सफाई के साथ वेदियां तैयार की जा रही हैं। गुरुवार को घरों से लेकर घाटों तक छठ पूजा की तैयारी चलती रही। देवी षष्टी माता और भगवान सूर्य को प्रसन्न करने के लिए स्त्री और पुरुष दोनों ही व्रत रखते हैं। भोजपुरी महासभा केंद्रीय छठ पूजा समिति के अध्यक्ष संतोष गहमरी बताते हैं कि शहर में बिहार और झारखंड के लोग काफी संख्या में रहते हैं। प्रदेश के पूर्वांचल के गाजीपुर, गोरखपुर, देवरिया,सुल्तानपुर, वाराणसी, बस्ती, आजमगढ़, मऊ, बलिया, बहराइच जिलों के लोग भी निवास करते हैं। यह सभी घाटों पर परिवार के साथ पूजा करते हैं। शहर के घाटों पर करीब साढ़े छह लाख लोग छठ पूजा करते हैं।
    भोजपुरी महासभा ने जारी किया हेल्पलाइन नंबर: भोजपुरी महासभा केंद्रीय छठ पूजा समिति ने अपना हेल्पलाइन नंबर 9450137878 जारी किया है। अध्यक्ष संतोष गहमरी ने बताया कि घाटों सफाई के लिए भोजपुरी महासभा टाक्स फोर्स का गठन किया गया है। अगर किसी घाट गंदगी या अन्य तरह की समस्या हो तो तुरंत फोन करें। टीम के लोग घाटों पर तुरंत पहुंचकर घाटों की सफाई करेंगे।

    चार दिनों का होता है व्रत

    • 25 अक्टूबर (नहाय खाय) : श्रद्धालु नदी या तालाब में स्नान करते हैं। कच्चे चावल, चने और लौकी की सब्जी भोजन के तौर पर खाते हैं। इस दिन नमक वाला भोजन एक बार किया जाता है।
    • 26 अक्टूबर (खरना) : इस दिन व्रती दिनभर निर्जला व्रत रखती हैं। शाम को पूजा के बाद खीर, रोटी, फल खाए जाते हैं। मिट्टी के चूल्हे पर साढ़ी के चावल, गुड़, दूध की खीर बनती है।
    • 27 अक्टूबर (शाम का अर्घ्य) : इस दिन व्रती सूर्यास्त के समय नदी या तालाब के किनारे जाकर सूर्य देव के अर्घ्य देती हैं।
    • 28 अक्टूबर (सुबह का अर्घ्य) : इस दिन उगते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है। इसके बाद व्रती अपने व्रत का परायण करती हैं। प्रसाद वितरण किया जाता है।

    छठ पूजन के लिए सज गया बाजार

    घरों से लेकर घाटों तक छठ पूजा की तैयारी शुरू हो गई है। बाजार सज गया है। सूप, डाला से लेकर अन्य पूजना सामग्री की बिक्री शुरू हो गई है। विजय नगर में एक दर्जन दुकानों में छठ पूजन सामग्री की बिक्री हो रही है। दुकानदार राम अवतार शुक्ला के अनुसार डाला और सूप के दामों में पिछले साल की अपेक्षा मामूली बढ़ोतरी हुई है। बड़े डाला के रेट 50 रुपये तक बढ़े हैं। इस बार पीतल के सूप की बिक्री भी ठीक है। पीतल का सूप 550 से 850 में है। पिछले वर्ष यह 300 से 700 रुपये तक का था। फल विक्रेता सोनेलाल ने बताया कि छठ पूजा के मद्देनजर फलों की संख्या और मात्रा बढ़ाई है। फलों की कीमत में पिछले वर्ष की अपेक्षा 10 से 20 रुपये प्रति किलो की वृद्धि हुई है।