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    Delhi Blast: कानपुर में युवती हिरासत में, तीन एनजीओ के अकाउंट में मिले संदिग्ध लेन-देन, कुछ बड़ा होने वाला था

    Updated: Sun, 23 Nov 2025 10:23 PM (IST)

    दिल्ली ब्लास्ट मामले में कानपुर पुलिस ने एक युवती को हिरासत में लिया है। जांच के दौरान तीन एनजीओ के खातों में संदिग्ध लेन-देन का पता चला है। पुलिस युवती से पूछताछ कर रही है और मामले की गहनता से जांच कर रही है ताकि सच्चाई सामने आ सके।

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    जागरण संवाददाता, कानपुर। दिल्ली में धमाके और फरीदाबाद में भारी विस्फोटक मिलने के बाद जांच एजेंसियां आतंकी नेटवर्क की शहर में खंगाल रही है। जांच एजेंसियां आतंकी संगठन से जुड़े लोगाें के बारे में जानकारी जुटाने के साथ ही उन्हें होने वाली फंडिंग का भी ब्यौरा जुटा रही हैं। फिलहाल एजेंसियों को संवेदनशील इलाकों की घनी बस्तियों में काम करने वाले तीन एनजीओ के अकाउंट संदिग्ध मिले हैं, जिनके तार डा.शाहीन से जुड़े होने की संभावना जताई जा रही है। वहीं, एजेंसियों ने एनजीओ के बारे में जानकारी जुटाने के लिए रायपुरवा से एक युवती को हिरासत लेकर पूछताछ की। हालांकि घंटों चली पूछताछ के बाद उसे छोड़ दिया गया।

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    विदेश से फंडिंग की बात

    डा. शाहीन और डा. आरिफ के नाम सामने आने के बाद जांच एजेंसियों ने शहर में होने वाली संदिग्ध गतिविधियों पर नजर तेज कर दी है। एजेंसी को डा.शाहीन और संदिग्ध मिले तीन एनजीओ के खातों में कई संदिग्ध लेन-देन मिले। इनके बैंक खातों में विदेश से भी फड़िंग होने की बात सामने आयी है। ऐसे में अब जांच में जुटीं एजेंसियां इन एनजीओ के दस्तावेज, बैंक डिटेल्स और इनमें काम करने वालों के पासपोर्ट, आधार आदि जानकारियां इकट्ठा करने में लग गई है। कौन-कौन इनसे जुड़ा है और कहां से कहां रकम ट्रांसफर हुई है। इसका भी पूरा ब्यौरा तैयार किया जा रहा है।

     

    युवती के खाते में भेजे जाते थे रुपये

    वहीं, एनजीओ की जांच में कर रही जांच एजेंसी ने रायपुरवा की एक युवती को हिरासत में लिया। घंटों पूछताछ की तो उसने बताया कि एनजीओ के कार्यक्रम में एक बार जाने पर उसे 1300 रुपये मिलते थे। उसका बैंक खाता भी एनजीओ की ओर से खुला था। बताया गया कि विदेश में रहने वाले लोग जरूरतमंदों की मदद उनके खातों में रुपये भेजते हैं। हालांकि पूछताछ के बाद उसे छोड़ दिया गया। इसके अलावा जांच एजेंसियां संवेदनशील और अति संवेदनशील क्षेत्रों में घूमने के साथ पुरानी कारों का कारोबार करने वाले लोगों के बारे में भी जानकारी जुटा रही हैं।

     

    कुछ ज्यादा बड़ा करने वाले थे आतंकी

    सूत्रों की मानें तो आतंकियों की योजना एक साथ कुछ ज्यादा ही बड़ा करने की थी, जिसके लिए उन्हें शहर से भी मदद मिली। जांच एजेंसियां अब उन्हीं मददगारों का पता लगाने में जुटी है। मददगारों के पकड़े जाने के बाद आतंकी संगठन से जुड़ी और भी जानकारियां हाथ लग सकती है। उनके बारे में जानकारी जुटाने के लिए जांच एजेंसियां शहर में रहकर लगातार जानकारियां जुटा रही हैं।