Delhi Blast: कानपुर में ATS, NIA और IB को मिला अहम सुराग, दिल्ली धमाके के बाद 132 संदिग्ध लोग परिवार सहित गायब
Delhi Blast: दिल्ली ब्लास्ट मामले में कानपुर में एटीएस, एनआईए और आईबी को महत्वपूर्ण जानकारी मिली है। खुफिया एजेंसियों ने 132 संदिग्धों की पहचान की है, लेकिन उनके घरों पर ताला लगा होने से जांच में बाधा आ रही है। यह घटनाक्रम सुरक्षा एजेंसियों के लिए एक बड़ी चुनौती है।

जागरण संवाददाता, कानपुर। Delhi Blast: दिल्ली धमाके के बाद शहर में आतंकी कनेक्शन मिला। एटीएस ने जीएसवीएम में प्रवक्ता रही डा. शाहीन की गिरफ्तारी के बाद अशोक नगर में किराये के मकान से जम्मू-कश्मीर मूल के एवं लक्ष्मीपत सिंहानिया हृदय रोग संस्थान (कार्डियोलाजी) से डाक्टरेट आफ मेडिसिन (डीएम) कर रहे डा. मो. आरिफ मीर को उठाया लिया। इसके बाद से एटीएस, एनआइए, आइबी ने शहर में डेरा डाल दिया। खुफिया एजेंसियों को कानपुर (Kanpur) से अहम सुराग लगा है।
अलग-अलग मुहल्लों में पहुंची टीम
अब तक खुफिया संवेदनशील मुहल्लों के 132 संदिग्धों लोगों को चिह्नित कर चुकी है, लेकिन दिल्ली धमाके के बाद से इन सभी के घरों में ताले लगे मिले। वहीं, डा. शाहीन की महिला विंग की नौ युवतियों से पूछताछ के बाद खुफिया को 30 और महिलाओं के बारे में जानकारी मिली है। अब उनके बारे में पता लगाया जा रहा है। शनिवार को भी खुफिया एजेंसियां अलग-अलग संवेदनशील मुहल्लों में घूमकर छानबीन करती रही।
20 से ज्यादा संदिग्धों की फोटो लेकर जुटा रही जानकारी
एटीएस, एनआइए व आइबी पिछले कई दिनों से शहर के पाश मुहल्ले में डेरा जमाए हुए है। यहां से उनकी अलग-अलग टीमें जाजमऊ, बेकनगंज, चमनगंज, काकादेव, रावतपुर क्षेत्र में निगाह गढ़ा रखी है। टीमों के पास 20 से ज्यादा संदिग्ध लोगों की फोटो है, जिसके बारे में जानकारी जुटा रही थी।
दिल्ली धमाके के बाद से गायब परिवार
सूत्रों के अनुसार, इसी छानबीन के दौरान खुफिया एजेंसियों की टीमों को पता चला कि इन संवेदनशील क्षेत्रों के कई घरों में ताला लगा है। ये परिवार दिल्ली धमाके के बाद से ही यहां पर नहीं हैं। ऐसे में उन घरों को चिह्नित किया जाने लगा। अब तक ऐसे 132 संदिग्ध लोगों के घर चिह्नित हो चुके हैं, जहां ताले लगे हुए हैं।
ब्लास्ट के दौरान मोबाइल भी थे एक्टिव
इसके अलावा खुफिया दिल्ली धमाके के दौरान शहर के दर्जनों मोबाइल फोन के नंबरों के सक्रिय मिलने की भी जांच कर रही है। इन नंबरों की सीडीआर का विश्लेषण भी किया जा रहा है। उधर, डा. शाहीन की जैश-ए-मोहम्मद के महिला विंग की मिली नौ युवतियों से पूछताछ में खुफिया को उन्होंने डा. शाहीन के व्यवहार, देशी विरोधी गतिविधियों में उसकी सक्रियता समेत जीवन से जुड़ी कई जानकारियां दीं। उन युवतियों के जरिए ही खुफिया को 30 और युवती-महिलाओं के बारे में जानकारी हुई। अब उनकी तलाश तो की ही जा रही है।
शहर लाई जाएगी शाहीन
वहीं, डा. शाहीन को भी शहर लाने की योजना बनाई जा रही है, जिससे उनसे पूछताछ की महिला विंग के सदस्यों का पूरी तरह से राजफाश किया जा सके। सूत्रों के अनुसार, डा. शाहीन को शहर लाकर खुफिया की 22 सदस्यीय टीम कैंटोमेंट एरिया में पूछताछ कर सकती है। इसके बाद उसे लखनऊ, बाराबंकी, बहराइच समेत उत्तर प्रदेश के कई जिलों में ले जाया जा सकता है। पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि खुफिया एजेंसियां अपने स्तर से जांच कर रही हैं। शहर में कई लोगों को वह चिह्नित कर रही हैं, जिससे उसके बारे में पूरी जानकारी कर आतंकी नेटवर्क खंगाला जा सके।
इधर, एटीएस, एनआइए बता वसूली करने वाला गिरोह सक्रिय !
शहर के संवेदनशील व अतिसंवेदनशील मुहल्लों में इन दिनों एक गिरोह सक्रिय है, जो खुद को कहीं एटीएस, तो कहीं एनआइए व आइबी, एसटीएफ से बता रहा है। वह लोगों को आतंकी कनेक्शन मिलने की बात कहकर डराता है और नाम हटवाने का झांसा देकर रुपये वसूलने का प्रयास कर रहा है। गिरोह के सदस्य काले जूते, काली जैकेट बहनकर पहुंचते हैं। घनी आबादी वाले संवेदनशील मुहल्लों में जाकर लोगों से बात करते हुए पहले खुद को एटीएस, एनआइए व आइबी होने व क्षेत्र में जांच करने की भूमिका बनाते हैं और कई नाम बोलकर जानकारी लेते हैं।
आतंकी कनेक्शन की बात बता करते जांच
ऐसे में जब लोग कारण पूछते हैं तो आतंकी घटना से कनेक्शन बता जांच होने का हवाला देते हैं। इसके बाद रुपयों की डील शुरू हो जाती है। रुपये न मिलने पर उन लोगों का पीछा करते रहते हैं। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि अगर किसी के पास कोई इस तरह का व्यक्ति आता है तो उससे उसका आइडी कार्ड मांगे। अगर वह नहीं दिखाता है और किसी तरह का दबाव बनाता है तो तुरंत यूपी 112 पर या संबंधित थाने में सूचना दें।

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