चिप्स-पापड़ बेचने वाले ने कर डाली डेढ़ करोड़ की ठगी, खाते में मिले केवल चार सौ रुपये, चुटकियों में बनाया था शिकार
यूपी के कानपुर की साइबर थाना पुलिस ने नागपुर से चिप्स-पापड़ विक्रेता को गिरफ्तार किया है जो एक करोड़ 80 लाख रुपये की ठगी के मामले में आरोपी है। आरोपी को ट्रांजिट रिमांड में लाने के बाद कोर्ट में पेश करके जेल भेज दिया गया। पुलिस के मुताबिक आरोपी कर्ज से परेशान था और वह ठगों के झांसे में आया था। उसके खाते में मात्र चार सौ रुपये मिले हैं।

जागरण संवाददाता, कानपुर। साइबर थाना पुलिस ने एक करोड़ 80 लाख रुपये की ठगी के मामले में नागपुर से चिप्स-पापड़ विक्रेता को गिरफ्तार किया। आरोपी के खिलाफ साइबर थाने में कैंट निवासी कारोबारी ने प्राथमिकी दर्ज कराई थी। आरोपी को ट्रांजिट रिमांड में लाने के बाद कोर्ट में पेश करके जेल भेज दिया गया।
यह है पूरा मामला
कैंट थाना क्षेत्र के नवशील अपार्टमेंट निवासी कारोबारी विनोद कुमार केवलरमानी ने 20 जून को साइबर थाने में तहरीर दी थी, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि फेसबुक में उनके पास मैसेज आया था। जिसमें शेयर ट्रेडिंग के लिए टिप्स देकर रुपये इन्वेस्ट कराए जाते थे।
आरोपियों के झांसे में 14 फरवरी से 24 मई 2024 तक सात अलग-अलग खातों में एक करोड़ 80 लाख रुपये ट्रांसफर कर दिए। इस दौरान मोबाइल एप अपोलो लेमा में प्रॉफिट 33 करोड़ रुपये दिखाने लगा, तो उन्होंने रुपये निकालने का प्रयास किया। इस पर आरोपियों ने ढाई करोड़ रुपये और जमा करने का दबाव बनाया।
रुपये नहीं जमा करने पर आरोपियों ने मोबाइल नंबर बंद कर लिए थे। ठगी का अहसास होने पर पीड़ित ने साइबर थाने में तहरीर देकर प्राथमिकी दर्ज कराई थी। पुलिस ने जांच के बाद चंदशेखर नत्थूजी भुजाड़े निवासी मस्कासाथ इतवारी नागपुर महाराष्ट्र को गिरफ्तार कर लिया।
लालच में आ गया था आरोपी
पुलिस की पूछताछ में आरोपी ने बताया कि वह चिप्स-पापड़ बेचने का काम करता है। उस पर 60 लाख रुपये का कर्ज था, जिससे वह परेशान रहता था। इस दौरान जनवरी 2024 में बैंक में उसे कुछ लोग मिले थे, जिन्होंने खाते में रुपये मंगाने पर 40 प्रतिशत कमीशन देने का लालच दिया था।
आरोपियों के झांसे में आकर अलग-अलग नाम से छह बैंक खाते खुलवाए थे। इन्हीं खातों में ठगी की रकम ट्रांसफर होकर आती थी, जिसके बाद पकड़ा गया आरोपी अलग-अलग राज्यों के बैंक खातों में स्थानांतरित कर देता था।
पुलिस को आरोपी के खाते में कुल चार सौ रुपये मिले हैं। साइबर थाना प्रभारी हरमीत सिंह ने बताया कि आरोपी को ट्रांजिट रिमांड में लाने के बाद कोर्ट में पेश करके जेल भेज दिया गया।
बैंक कर्मियों की भूमिका संदिग्ध
कारोबारी से ठगी की रकम को नागपुर की कासमास कोऑपरेटिव बैंक शाखा में ट्रांसफर किए गए थे। आरोपी के बैंक खातों में चार माह में पांच करोड़ रुपये से अधिक की रकम ट्रांसफर होने की जानकारी मिली।
पुलिस अफसरों का कहना है कि इतनी बड़ी रकम आने के साथ ही दूसरे राज्यों के खातों में भेजी गई, लेकिन बैंक कर्मियों ने कोई रिपोर्ट किसी भी विभाग को नहीं भेजी, जिससे बैंक कर्मियों की भूमिका संदिग्ध हैं। साइबर थाना पुलिस इस मामले में गुजरात और तेलंगाना में दो टीमों को भेजकर मुख्य आरोपियों का पता लगाने में जुटी है।

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