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    Chhath Puja 2025: अस्ताचलगामी को अर्घ्य देने को कानपुर में श्रद्धा का सैलाब, जानें क्या है खास

    Updated: Sun, 26 Oct 2025 11:58 PM (IST)

    कानपुर में छठ पूजा 2025 के दौरान डूबते सूर्य को अर्घ्य देने के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी। गंगा घाटों पर विशेष व्यवस्था की गई थी, जहाँ भक्तों ने पारंपरिक वेशभूषा में छठ मैया के गीत गाए। यह त्योहार, जो बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश में लोकप्रिय है, अब कानपुर में भी महत्वपूर्ण हो गया है, जो सामाजिक एकता का प्रतीक है।

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    रंग-बिरंगी रोशनी से जगमगाता पनकी नहर स्थित छठ पूजा घाट। जागरण

    जागरण संवाददाता, कानपुर। सूर्य भगवान के अस्त होते ही पनकी और अर्मापुर समेत ज्यादातर घाट रोशनी से जगमग दिखे। लग रहा था कि छठी मैया के स्वागत के लिए धरा पर तारे उतार आए हैं। नहर के पानी में लाइट की ऐसी रोशनी लग रही थी कि दिये जलाए गए हों। सभी प्रमुख घाटों में रंगीन झालरों की रोशनी मनोहारी छठा बिखेरती दिखी। शाम को महिलाओं के साथ उनके स्वजन वेदियों को सजा रहे थे। अर्मापुर नहर स्थित सूर्य देवता मंदिर और पनकी नहर स्थित शिव मंदिर को भी मनोहारी स्वरूप दिया गया है। छठ पूजन में रविवार को खरना पूजन के साथ 36 घंटे का निर्जला व्रत शुरू हो गया।

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    छठ पूजा में खरना का प्रसाद बनातीं व्रती महिलाएं। जागरण


    रविवार को महिलाओं ने खरना पूजन किया। 36 घंटों का निर्जला व्रत मंगलवार को भोर पहर के अर्घ्य के बाद पूरा होगा। सोमवार को होने वाले अस्ताचलगामी (संध्या घाट) की तैयारी होती रही। देर रात तक व्रती वेदी और डाला सजाने में जुटे रहे। अर्मापुर, पनकी, साकेत नगर, सीटीआइ में डाला और अन्य पूजन सामग्री की खरीद के लिए बाजारों में भीड़ रही। संतान की समृद्धि और दीर्घायु की कामना के साथ सोमवार को छठ पूजन घाटों पर श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ेगा।

    दोपहर तीन बजे से नंगे पांव ही महिलाएं घाटों के लिए निकल पड़ेगी। सुहागिनें पहले वेदी पूजन करेंगी और फिर छठ मैया का पूजन कर जल में खड़े होकर भगवान सूर्य को अर्घ्य देंगी। एक दूसरे की मांग में सिंदूर भरेंगी और अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद मांगेगी। अर्घ्य के बाद घर आएंगी और रात भर छठ मैया की कथा सुनेंगी। पूजन के लिए पकवान बनाए जाएंगे। घर-घर ठेकुआ बनाया जाएगा। छठी मैया का विशेष भोग ठेकुआ ही होता है।

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    रंग-बिरंगी रोशनी से जगमगाता पनकी नहर स्थित छठ पूजा घाट। जागरण

    यह है प्रमुख छठ पूजा स्थल

     

    • गंगा घाट: मैस्कर घाट, सरसैया घाट, अटल घाट, गोला घाट, सिद्धनाथ घाट
    • नहर में बने घाट: पनकी, अर्मापुर, रतनपुर, नौरैया खेड़ा, साकेत नगर, बर्रा, दबौली, सीटीआइ
    • कृत्रिम तालाब: कमला नगर,रामलीला मैदान लाजपत नगर, बड़ा सेंट्रल पार्क शास्त्रीनगर, पीली कालोनी पार्क शास्त्रीनगर, केंद्रीय विद्यालय अर्मापुर, मेहराबन सिंह का पुरवा, विजय नगर, गुलाब गार्डन विश्व बैंक, श्यामनगर स्थित रक्षा विहार कालोनी मंदिर में जलकल व नगर निगम द्वारा पानी भरा जा रहा है।

    पांच लाख लोग रखते व्रत

    शहर में बिहार और झारखंड के लोग काफी संख्या में रहते हैं। प्रदेश के पूर्वांचल के गाजीपुर, गोरखपुर, देवरिया, सुल्तानपुर, वाराणसी, बस्ती, आजमगढ़, मऊ, बलिया, बहराइच जिलों के लोग भी निवास करते हैं। करीब साढ़े छह-सात लाख लोग छठ पूजा करते हैं। इसमें करीब पांच लाख लोग व्रत रखते हैं। भोजपुरी महासभा केंद्रीय छठ पूजा समिति की बैठक अध्यक्ष संतोष गहमरी की अध्यक्षता में हुई। इसमें कहा गया कि सभी घाटों पर नगर निगम ने सफाई करा दी है। छठ पूजा के दिन घाटों पर भोजपुरी महासभा टाक्स फोर्स मौजूद रहेगी। बैठक में बिल्लू ठाकुर, राकेश सिद्धार्थ, छोटे लाल, मनीष राजपूत, अभिमन्यु यादव मौजूद रहे।


    छोटा सेंट्रल पार्क में कृत्रिम नहर

    श्रीराम लीला समिति जवाहर पार्क के आयोजकों ने छोटा सेंट्रल पार्क शास्त्री नगर में कृत्रिम नहर बनाई है। संरक्षक सर्वेश शुक्ला और अध्यक्ष आरती लाल ने बताया कि बिना खोदाई के पांडाल में लगने वाले पाइप, तिरपाल और पालीथिन की मदद से दो फिट गहरा कृत्रिम तालाब तैयार किया गया है। इसमें पौने दो फिट तक पानी भरा गया है। छट पूजन के बाद पानी बहाकर पाइप उठा लिए जाएंगे। इससे पार्क की घास को भी किसी तरह का नुकसान नहीं होगा। कृत्रिम नहर के आसपास वेदी बनाई गई हैं। रोशनी के इंतजाम किए गए हैं। महामंत्री निखिल सिंह ने बताया कि पूजन करने वाली व्रती महिलाओं का चुनरी उढ़ाकर स्वागत किया जाएगा।
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