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    Chaitra Navratri 2022 : त्रेतायुग का है इस मंदिर का इतिहास, शिलालेख पर आकृति बना माता सीता ने की थी पूजा

    By Abhishek AgnihotriEdited By:
    Updated: Mon, 04 Apr 2022 11:19 AM (IST)

    कानपुर के कल्याणपुर क्षेत्र में आशा माता मंदिर काे त्रेतायुग कालीन बताया जाता है। यहां नवरात्र पर हजारों भक्तों की भीड़ जुटती है कहा जाता है कि यहां शिलालेख पर आकृति बनाकर माता सीता ने पूजन किया था।

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    कानपुर में विशेष आस्था का केंद्र है माता आशा देवी मंदिर।

    कानपुर, जागरण संवाददाता। कल्याणपुर क्षेत्र में स्थित माता आशा देवी का मंदिर शहर व आस-पास के जिलों में भक्तों की आस्था का प्रमुख केंद्र है। इस ऐतिहासिक मंदिर का इतिहास माता सीता से जुड़ा हुआ है। त्रेतायुग कालीन इस मंदिर में नवरात्र के दिनों में हजारों भक्त पहुंचते हैं और मां से सुख-समृद्धि की कामना करते हैं। भक्तों का मानना है कि माता सीता ने शिला पर माता की आकृति बनाकर पूजन अर्चन शुरू किया था। मां सीता की कामना पूरी होने की वजह से मंदिर का नाम आशा देवी मंदिर पड़ा। मंदिर में माता आशा देवी के साथ भगवान ओंकारेश्वर, शनि देव व भैरो बाबा की प्रतिमाएं भी स्थापित हैं। भक्त मां के दर्शन के बाद गौशाला में गाय की सेवा भी करते हैं।

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    क्या है इतिहास : भक्तों के मुताबिक, माता सीता बिठूर में रहते हुए एक शिला पर आशा माता की आकृति बनाकर महामाया स्वरूप का पूजन शुरू किया था। इससे उनकी सभी मनोकामना पूर्ण हुई और प्रभु श्रीराम के दर्शन हुए।

    ये है मान्यता : त्रेतायुग कालीन आशा देवी मंदिर प्राचीन शैली से निर्मित हैं। महंत आशुतोष गिरि के मुताबिक, मां आशा देवी के पूजन के बाद ओंकारेश्वर महादेव, भैरो बाबा और शनि महाराज के दर्शन किया जाता है। मुख्य मंदिर परिसर की छत पर आज भी कोई निर्माण नहीं किया गया है। मां खुले आसमान के नीचे रहकर भक्तों पर अपनी कृपा लुटाती हैं।

    ऐसे पहुंचें मंदिर : रामादेवी की ओर से आने वाले भक्त कल्याणपुर होकर जीटी रोड के किनारे स्थित मंदिर पहुंचते हैं। सचेंडी, घंटाघर, परेड, चुन्नीगंज और शहर के किसी भी भाग से आने वाले भक्त कल्याणपुर चौराहे से मंदिर तक आते हैं।

    -नवरात्र में पूरे देशभर से भक्त दर्शन पूजन व शृंगार के लिए आते हैं। मनोकामना पूर्ण होने पर भक्त माता को हलवे का भोग लगाकर भंडारा कराते हैं। -आशुतोष गिरी, महंत।

    -यहां मां एक शिला में विराजमान हैं, जिनका दर्शन करने देश भर से लोग आते हैं। सच्चे मन से देवी मां को पुष्प अर्पित करने से सभी आस पूरी होती है। -अयोध्या गिरी, महंत।