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    Kanpur News: पीलीभीत में तीन ग्रामीणों को खाने वाली नरभक्षी बाघिन पहुंची कानपुर चिड़ियाघर, मार रही लोगों को झपट्टा

    By Anurag Shukla1Edited By: Anurag Shukla1
    Updated: Sun, 27 Jul 2025 03:43 PM (IST)

    पीलीभीत में तीन ग्रामीणों पर हमला करने वाली नरभक्षी बाघिन को कानपुर चिड़ियाघर लाया गया है। उसे कुछ दिनों के लिए एकांत में रखा जाएगा। बाघिन जो पिछले 46 दिनों से आतंक मचा रही थी को पकड़ने के लिए वन विभाग ने कई प्रयास किए। कानपुर चिड़ियाघर के डा. नासिर ने उसे बेहोश कर कैद किया। शासन की अनुमति के बाद उसे कानपुर भेजा गया।

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    कानपुर चिड़ियाघर में लाई गई नरभक्षी बाघिन।

    जागरण संवाददाता, कानपुर। पीलीभीत में तीन ग्रामीणों को निशाना बनाने वाली आदमखोर बाघिन देर रात शहर के चिड़ियाघर पहुंच लाई गई। उसे कुछ दिन एकांत में रखा जाएगा। बाघिन के चिड़ियाघर पहुंचने पर उसके स्वास्थ्य की जांच कर व्यवहार को देखा गया। चिड़ियाघर पहुंचने पर बाघिन पिंजड़े से ही झपटने का प्रयास करती रही।

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    आदमखोर बाघिन पीलीभीत के गांवों से लेकर उत्तराखंड के सीमावर्ती क्षेत्रों तक आतंक मचाए थी। बाघिन पिछले 46 दिनों से जंगल के बाहर न्यूरिया क्षेत्र गांवों में घूम रही थी। बाघिन के डर से ग्रामीण खेतों में नहीं जा रहे थे। वन विभाग ने बाघिन को पकड़ने के लिए कई टीमें लगाईं थीं लेकिन सफलता नहीं मिल रहीं थी। बाघिन को पकड़ने के लिए कानपुर के चिड़ियाघर से डा.नासिर को भी बुलाया गया।

    उन्होंने गुरुवार को डार्ट गन से बाघिन को बेहोश कर दिया। इसके बाद उसे कैद कर लिया गया। शासन से अनुमति मिलने पर उसे पीलीभीत से शहर के चिड़ियाघर भेजा गया है। बाघिन की उम्र साढ़े तीन वर्ष है, इसका वजन करीब 175 किलो है।

    दो माह पहले महोफ रेंज में छोड़ी गई थी बाघिन

    न्यूरिया थाना क्षेत्र में तीन लोगों को हमला कर खाने वाली खूंखार बाघिन के बारे में चौंकाने वाला तथ्य सामने आया है, जिसके तहत इसी बाघिन ने विगत मई माह में पूरनपुर तहसील क्षेत्र के जंगल में दो लोगों को हमला कर मार डाला था। जिसके बाद बाघिन को ट्रैक्यूलाइज करके टाइगर रिजर्व के महोफ रेंज के जंगल में छोड़ दिया गया था। यह वही बाघिन है, इस बारे में जिम्मेदार वनाधिकारी अभी तक कोई अधिकारिक पुष्टि तो नही कर रहे हैं, लेकिन कानपुर चिड़ियाघर पहुंचने के बाद इस तथ्य की जांच पड़ताल कराने की बात कह रहे हैं। 

    महोफ रेंज के जंगल में छोड़ा था

    यह वही बाघिन है, जिसने विगत मई माह में सेहरामऊ क्षेत्र में दो लोगों को हमला कर मार डाला था। सेहरामऊ उत्तरी के गांव नजीरगंज निवासी किसान हंसराज को 13 मई को तथा चतीपुर गांव निवासी किसान रामप्रसाद को 18 मई को हमला कर बाघिन ने मार डाला था। विगत 25 मई को वन विभाग की टीम ने इस बाघिन को ट्रैक्यूलाइज कर लिया था। इसके दो दिन बाघिन को टाइगर रिजर्व के महोफ रेंज के जंगल में छोड़ दिया गया था। महोफ रेंज का जंगल का काफी हिस्सा न्यूरिया थाना क्षेत्र में स्थित है। माना जा रहा है कि लगातार इंसानों को अपना शिकार बनाने के कारण ही बाघिन को कानपुर चिड़ियाघर भेजने का निर्णय लिया गया है।

     36 घंटे बाद सामान्य स्वभाव की ओर बढ़ रही बाघिन

    गुरुवार की शाम करीब सात बजे बेहोश कर बाघिन को रेस्क्यू किया गया था। इसके लगभग पंद्रह मिनट बाद ही बाघिन को एंटी डार्ट इंजेक्शन (होश में लाने के लिए) दे दिया गया। बाघिन को टाइगर रिजर्व मुख्यालय स्थित डीएफओ आवासीय परिसर में मोबाइल पिंजरे में रखा गया। शुक्रवार रात तक बाघिन पर बेहोश की दवा का असर देखने को मिला।