ठंड में आवाज लड़खड़ाए तो ब्रेन स्ट्रोक का अटैक, वरिष्ठ न्यूराेलाजिस्ट ने इन लोगों को सावधान रहने की सलाह दी
कानपुर के वरिष्ठ न्यूरोलाॅजिस्ट ने ठंड में आवाज लड़खड़ाने पर ब्रेन स्ट्रोक के अटैक की आशंका जताई है। उन्होंने कुछ लोगों को विशेष रूप से सावधान रहने की ...और पढ़ें

दैनिक जागरण हेलो में पाठकों के सावलों का जवाब देते डा.नवनीत कुमार । जागरण
जागरण संवाददाता, कानपुर। ठंड के मौसम रक्त वाहिकाओं के सिकुड़ने से ब्रेन स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है। यह समस्या अनियंत्रित रक्तचाप, डायबिटीज, मोटापा से ग्रसित लोगों में होती है। इसमें मस्तिष्क के किसी हिस्से में रक्त की आपूर्ति अचानक रुक जाती है। जो रक्त का थक्का जमने का कारण बनती है। अगर सर्दी के दिनों में अचानक शारीरिक संतुलन बिगड़ना, देखने में दिक्कत होना, आवाज का बदलना, हाथ में कमजोरी आना और शरीर का एक भाग कमजोर होना ब्रेन स्ट्रोक के मुख्य लक्षण हैं।
ऐसे लक्षण दिखने पर बिना देरी किए डाक्टर को दिखाएं। यह छह लक्षण दिखने पर साढ़े चार घंटे में सीटी स्कैन कर गंभीरता का अध्ययन कर स्ट्रोक ग्रसित के जीवन को बचाया जा सकता है। यह बातें शनिवार को दैनिक जागरण के हेलो डाक्टर में जीएसवीएम मेडिकल कालेज के पूर्व प्राचार्य और वरिष्ठ न्यूराेलाजिस्ट डा. नवनीत कुमार से पाठकों के सवालों का उत्तर देते हुए कही। पेश है बातचीत...
- अनियंत्रित बीपी व डायबिटीज के साथ मोटापा स्ट्रोक का कारण बन सकता है क्या। - जय प्रकाश तिवारी, बर्रा। पूजा श्रीवास्वत, साकेत नगर।
- जी हां, अनियंत्रित बीपी, डायबिटीज व मोटापा ब्रेन स्ट्रोक का कारण बन सकता है। इसलिए मौसम में बदलाव के साथ ही बीपी, डायबिटीज व कोलेस्ट्राल के मरीज दवा का संशोधन जरूर कराएं। डाक्टर की सलाह पर ही दवाएं लें। हाई बीपी के मरीजों अनदेखी ब्रेन स्ट्रोक का खतरा बढ़ा जाता है।
- अगर किसी को ब्रेन स्ट्रोक हुआ तो प्राथमिक उपचार क्या करना चाहिए। ताकि मरीज की जान बच सके? - पुष्पेंद्र यादव, बर्रा आठ। - करमवीर सिंह, के ब्लाक किदवई नगर। मिथिलेश यादव, ग्वालटोली।
- ब्रेन स्ट्रोक में अचानक खून का थक्का जम जाता है। जो शारीरिक संतुलन को बिगाड़ देता है। ब्रेन स्ट्रोक की पहचान के लिए बी फास्ट। बैलेंस बिगड़ना, आंख से देखने में दिक्कत, चेहरे पर झुकाव या तिरछापन, हाथ में कमजोरी आना, बोलने में दिक्कत होने लगे तो यह ब्रेन स्ट्रोक के लक्षण हैं। ऐसे लक्षण दिखने पर बिना देरी किए डाक्टर को दिखाएं। यह छह लक्षण दिखने पर साढ़े चार घंटे में सीटी स्कैन कर गंभीरता का अध्ययन कर स्ट्रोक ग्रसित के जीवन को बचाया जा सकता है।
- सर्दी के दिनों में ब्रेन स्ट्रोक के मामले क्यों बढ़ते हैं। इसका खतरा सबसे ज्यादा किन लोगों में रहता है? - सीमा जैन, श्याम नगर। जय प्रकाश साहू, आजाद नगर।
- ब्रेन स्ट्रोक का खतरा अनियंत्रित बीपी के मामलों में ज्यादा दिखता है। इसलिए दवा समय पर लें। शरीर में पानी की कमी न होने दें। शरीर में पानी की कमी से भी खून गाढ़ा होने लगता है। इसलिए गुनगुना पानी पिएं। सुबह जल्दी टहलने से बचें। धूप निकलने पर ही व्यायाम करें। खान-पान को संतुलित करें। इसका खतरा बीपी, डायबिटीज और कोलेस्ट्राल के मरीजों में होता है।
- डायबिटीज और बीपी की मरीज हूं। क्या मुझे ब्रेन स्ट्रोक का खतरा हो सकता है? - नीलिमा तिवारी, रामादेवी। राम किशोर यादव, विजय नगर।
- स्ट्रोक का खतरा किसी को भी किसी भी समय हो सकता है। अगर आप डायबिटीज व बीपी की मरीज हैं तो दवाएं समय पर लें। शराब व स्मोकिंग से बचें। घर के वातावरण में ही टहलें। रात में स्ट्रोक होने के खतरा अधिक रहता है। क्यों कि सोते समय ब्रेन में ब्लड की सप्लाई ब्रेन के लिए प्रभावित होती है। जो खतरा बन सकती है। यह समस्या शराब का सेवन करने वालों में ज्यादा होती है।
- क्या मोटे लोगों में ब्रेन स्ट्रोक का खतरा अधिक रहता है। ब्रेन स्ट्रोक के लक्षण दिखने के कितने समय पर उपचार मिल जाएं तो मरीज की गंभीरता को बचाया जा सकता है? - अनूप शुक्ला, बिल्हौर।
- नहीं ऐसा नहीं है। सिर्फ मोटापा ब्रेन स्ट्रोक का कारण नहीं बनता है। हालांकि फिर भी वजन को नियंत्रित रखना चाहिए। अगर मोटापे के साथ आपको बीपी व डायबिटीज है। तो आप स्ट्रोक के घेरे में आ सकते हैं।
- डायबिटीज का मरीज हूं, क्या ब्रेन स्ट्रोक का खतरा हो सकता है? - उमेश गुप्ता, यशोदा नगर।
- अनियंत्रित डायबिटीज व बीपी, कोलेस्ट्राल के कारण ब्रेन स्ट्रोक का खतरा हो सकता है। बीपी के स्तर को नियंत्रित करें। खान-पान व संतुलित दिनचर्या का पालन करके स्ट्रोक से बचा जा सकता है। इसलिए बीपी व डायबिटीज को नियंत्रित करके स्ट्रोक जैसी जानलेवा बीमारी से बचा जा सकता है।
- बीपी व डायबिटीज का स्तर कंट्रोल रहता है। क्या फिर भी मुझे खतरा है? - उर्मिला वर्मा, इंद्रिरा नगर।
- जी हां, बीपी व डायबिटीज को नियंत्रित रखने के बाद स्ट्रोक का खतरा बहुत कम हो जाता है। सर्दी के दिनों में सीधे कम तापमान में आने से बचें। खान-पीने में सावधानी बरतें। गुनगुना पानी पर्याप्त मात्रा में पिएं। ठंड से बचाव के लिए सिर व छाती को गर्म कपड़ों से कवर रखें।
- अधिक वजन उठाने से पैरों में कमजोरी आ गई थी। क्या यह ब्रेन से जुड़ी समस्या है? - निर्मल सिंह सिसोदिया, अन्ना चौराहा।
- अधिक उम्र में कई बार अधिक वजन उठाने से स्पाइन पर दबाव बढ़ जाता है। जो नसों के दब जाने से पैर में कमजोरी का कारण बन सकता है। इसलिए एक बार सुपर स्पेशलिस्ट न्यूरोलाजिस्ट को दिखा लें। मेडिकल कालेज में न्यूरोलाजी व न्यूरो सर्जरी के विशेषज्ञ हैं। उनकी सलाह लें। सीटी जांच के बाद नसों के दबाव की स्थिति को देखा जा सकता है।
- मेरे पति के सीधे कान में झनझनाहट और सीटी बज रही है। क्या यह स्ट्रोक का लक्षण है? - कुलविंदर, रतनलाल नगर।
- नहीं, कान में सीटी की आवाज आने के कई कारण हो सकते हैं। यह ब्रेन से जुड़ी समस्या नहीं है। इसके लिए ईएनटी विशेषज्ञ को दिखाएं। अगर सिर में झनझनाहट हो रही है तो एक बार एलएलआर अस्पताल के ईएनटी ओपीडी में दिखा लें। कान की नसों में बदलाव के कारण इस प्रकार की समस्याएं हो सकती है।
- मेरे पति हाई बीपी व डायबिटीज के मरीज हैं। उन्हें क्या सावधानी बरतनी चाहिए? - अलका द्विवेदी, पी रोड। श्रवण दीक्षित, घंटाघर।
- डायबिटीज के लिए टाइड चार्ट का पालन करें। बीपी के मरीज हैं तो नमक की मात्रा कम रखें। आलू, चावल और शुगर वाले खाद्य पदार्थ लेने से बचें। हरी सब्जियों के साथ सूप का सेवन करें। एक बार बीपी व डायबिटीज की जांच कराकर डाक्टर को दिखाएं। बीपी व डायबिटीज की अनदेखी स्ट्रोक का कारण बन सकती है।
इन्होंने किए प्रश्न
मीरा, गोविंद नगर। भुवन जोशी, बर्रा विश्व बैंक। गोविंद चौधरी, पनकी। राकेश गुप्ता, केशवपुरम। आदित्य प्रकाश, नौबस्ता। एसके मिश्रा, विकास मिश्रा। नरेश वर्मा, कल्याणपुर। अशोक कुमार, मीरपुर।
इन बातों का रखें ध्यान
- 40 वर्ष से अधिक आयुवर्ग के लोग बीपी, डायबिटीज व कोलेस्ट्राल की जांच कराएं।
- सर्दी के दिनों में शरीर में पानी की कमी न होने दें।
- स्मोकिंग और शराब के सेवन से बचें।
- दिनचर्या को बेहतर करें। नियमित एक्सरसाइज करें।
- पांच दिन में करीब 150 मिनट जरूर चलें।
- तनाव से बचें। तनाव लिपिड, बीपी को बढ़ाता है। जो स्ट्रोक का कारण बनता है।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।