भाजपा विधायक अशोक चंदेल का कोर्ट में सरेंडर, सभी आठ सजायाफ्ता को पुलिस ले गई जेल
कोर्ट के बाहर और अंदर समर्थक नारेबाजी करते रहे और तीन जिलों की फोर्स तैनात रही।
By AbhishekEdited By: Published: Mon, 13 May 2019 12:43 PM (IST)Updated: Mon, 13 May 2019 06:05 PM (IST)
हमीरपुर, जेएनएन। सामूहिक हत्याकांड में सजायाफ्ता विधायक अशोक सिंह चंदेल समेत पांच अभियुक्तों ने पुलिस की चौकसी को धता बताते हुए सोमवार सुबह कोर्ट में सरेंडर कर दिया। करीब दो हजार की भीड़ के साथ पहुंचे विधायक सीधे कोर्ट कक्ष में पहुंचे। पीछे जा रहे समर्थकों को पुलिस ने रोका तो धक्का मुक्की हो गई। पुलिस ने लाठी पटक कर भीड़ को तितर-बितर किया और कोर्ट परिसर का मेन गेट बंद करा दिया। इस बीच कोर्ट में सरेंडर करने आ रहे तीन सजायाफ्ता लोगों को गिरफ्तार कर लिया। कोर्ट में कार्यवाही पूरी होने के बाद विधायक समेत आठ सजायाफ्ता लोगों को पुलिस जेल ले गई।
हाईकोर्ट ने सुनाई थी उम्रकैद की सजा
करीब 22 वर्ष पूर्व 26 जनवरी 1997 को मुख्यालय निवासी राजीव शुक्ला के दो भाइयों व एक भतीजे सहित पांच लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। 19 अप्रैल को उच्च न्यायालय ने भाजपा सदर विधायक अशोक सिंह चंदेल सहित नौ लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। स्थानीय अदालत ने आठ लोगों के खिलाफ उच्च न्यायालय के आदेश के अनुपालन में गिरफ्तारी वारंट जारी किया था। कोर्ट ने 13 मई तक न्यायालय में पेश करने का आदेश पुलिस को दिए थे। इसमें एक सजायाफ्ता सुमेरपुर कस्बा निवासी श्याम सिंह किसी दूसरे मामले में जेल में होने के कारण गिरफ्तारी के आदेश उच्च न्यायालय द्वारा नहीं दिए गए थे। बाद में वादी पक्ष द्वारा श्याम सिंह के जेल से बाहर होने की जानकारी उच्च न्यायालय को दी गई है।
विधायक के आने से पहले पहुंच गए समर्थक
सामूहिक हत्याकांड में हाईकोर्ट से उम्रकैद की सजा सुनाए जाने के बाद भाजपा विधायक आशोक सिंह चंदेल समेत नौ सजायाफ्ता लोगों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस तलाश कर रही थी। पुलिस की चौकसी को धता बताते हुए सोमवार की सुबह विधायक अशोक चंदेल समेत छह सजायाफ्ता अभियुक्त अपनी फाच्र्यूनर कार से कोर्ट परिसर में पहुंचे। उनके आने से पहले करीब दो हजार समर्थकों की भीड़ कोर्ट के बाहर जमा हो चुकी थी। उनके आते ही समर्थकों ने नारेबाजी शुरू कर दी। सरेंडर को लेकर हमीरपुर, महोबा और बांदा का पुलिस फोर्स कोर्ट परिसर में मौजूद था लेकिन सजायाफ्ता पांच लोग सीधे एडीजे द्वितीय की कोर्ट कक्ष में प्रवेश कर गए। कोर्ट कक्ष में पहुंचने से पुलिस विधायक को गिरफ्तार नहीं कर सकी। हालांकि तीन सजायाफ्ता लोगों को कोर्ट आने से पहले पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।
यह भी पढ़ें : हाईकोर्ट का आदेश, विधायक अशोक सिंह चंदेल समेत दोषियों की जल्द कराएं गिरफ्तारी
पुलिस ने लाठी पटक बंद कराया गेट
कोर्ट परिसर में घुस रही समर्थकों की भीड़ को पुलिस ने रोकने का प्रयास किया तो धक्का मुक्की शुरू हो गई। पुलिस ने लाठी पटकते हुए भीड़ को खदेड़कर कोर्ट परिसर का मेन गेट बंद करा दिया। इससे पहले करीब पांच सौ समर्थक कोर्ट परिसर के अंदर पहुंच गए थे। परिसर के अंदर और बाहर समर्थक नारेबाजी कर रहे हैं। तीन जिलों की फोर्स तैनात होने से कोर्ट के आसपास का क्षेत्र छावनी में तब्दील रहा। कोर्ट के बाहर की दुकानें बंद करा दी गईं।
कोर्ट ने सभी सजायाफ्ता लोगों को भेजा जेल
सजायाफ्ता विधायक की सरेंडर अर्जी एडवोकेट प्राणेश सिंह ने कोर्ट में दाखिल की थी। सबसे कोर्ट कक्ष में सजायाफ्ता नसीम अहमद, फिर भान सिंह ने अधिवक्ता की ड्रेस में प्रवेश किया। कुछ देर बात समर्थकों की भीड़ के साथ सदर विधायक अशोक चंदेल, रघुवीर सिंह, आशुतोष सिंह उर्फ डब्बू भी कोर्ट कक्ष में आ गए। जबकि कोर्ट आ रहे साहब सिंह, उत्तम सिंह व प्रदीप सिंह को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया और मेडिकल कराने के बाद कोर्ट में पेश किया गया। अदालत में जरूरी कार्यवाही पूरी होने के बाद न्यायाधीश ने सभी सजायाफ्ता लोगों को जेल भेजने का आदेश दिया। सभी को कड़ी सुरक्षा के बीच पुलिस जेल ले गई, इस दौरान समर्थकों के बीच से निकलने में काफी मशक्कत करनी पड़ी। पुलिस वाहन से विधायक ने हाथ हिलाकर अपने समर्थकों को इशारा भी किया।
यह भी पढ़ें : विधायक अशोक चंदेल के सरेंडर की चर्चाओं के बीच पुलिस ने भी बिछाया जाल
हाईकोर्ट ने सुनाई थी उम्रकैद की सजा
करीब 22 वर्ष पूर्व 26 जनवरी 1997 को मुख्यालय निवासी राजीव शुक्ला के दो भाइयों व एक भतीजे सहित पांच लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। 19 अप्रैल को उच्च न्यायालय ने भाजपा सदर विधायक अशोक सिंह चंदेल सहित नौ लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। स्थानीय अदालत ने आठ लोगों के खिलाफ उच्च न्यायालय के आदेश के अनुपालन में गिरफ्तारी वारंट जारी किया था। कोर्ट ने 13 मई तक न्यायालय में पेश करने का आदेश पुलिस को दिए थे। इसमें एक सजायाफ्ता सुमेरपुर कस्बा निवासी श्याम सिंह किसी दूसरे मामले में जेल में होने के कारण गिरफ्तारी के आदेश उच्च न्यायालय द्वारा नहीं दिए गए थे। बाद में वादी पक्ष द्वारा श्याम सिंह के जेल से बाहर होने की जानकारी उच्च न्यायालय को दी गई है।
विधायक के आने से पहले पहुंच गए समर्थक
सामूहिक हत्याकांड में हाईकोर्ट से उम्रकैद की सजा सुनाए जाने के बाद भाजपा विधायक आशोक सिंह चंदेल समेत नौ सजायाफ्ता लोगों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस तलाश कर रही थी। पुलिस की चौकसी को धता बताते हुए सोमवार की सुबह विधायक अशोक चंदेल समेत छह सजायाफ्ता अभियुक्त अपनी फाच्र्यूनर कार से कोर्ट परिसर में पहुंचे। उनके आने से पहले करीब दो हजार समर्थकों की भीड़ कोर्ट के बाहर जमा हो चुकी थी। उनके आते ही समर्थकों ने नारेबाजी शुरू कर दी। सरेंडर को लेकर हमीरपुर, महोबा और बांदा का पुलिस फोर्स कोर्ट परिसर में मौजूद था लेकिन सजायाफ्ता पांच लोग सीधे एडीजे द्वितीय की कोर्ट कक्ष में प्रवेश कर गए। कोर्ट कक्ष में पहुंचने से पुलिस विधायक को गिरफ्तार नहीं कर सकी। हालांकि तीन सजायाफ्ता लोगों को कोर्ट आने से पहले पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।
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पुलिस ने लाठी पटक बंद कराया गेट
कोर्ट परिसर में घुस रही समर्थकों की भीड़ को पुलिस ने रोकने का प्रयास किया तो धक्का मुक्की शुरू हो गई। पुलिस ने लाठी पटकते हुए भीड़ को खदेड़कर कोर्ट परिसर का मेन गेट बंद करा दिया। इससे पहले करीब पांच सौ समर्थक कोर्ट परिसर के अंदर पहुंच गए थे। परिसर के अंदर और बाहर समर्थक नारेबाजी कर रहे हैं। तीन जिलों की फोर्स तैनात होने से कोर्ट के आसपास का क्षेत्र छावनी में तब्दील रहा। कोर्ट के बाहर की दुकानें बंद करा दी गईं।
कोर्ट ने सभी सजायाफ्ता लोगों को भेजा जेल
सजायाफ्ता विधायक की सरेंडर अर्जी एडवोकेट प्राणेश सिंह ने कोर्ट में दाखिल की थी। सबसे कोर्ट कक्ष में सजायाफ्ता नसीम अहमद, फिर भान सिंह ने अधिवक्ता की ड्रेस में प्रवेश किया। कुछ देर बात समर्थकों की भीड़ के साथ सदर विधायक अशोक चंदेल, रघुवीर सिंह, आशुतोष सिंह उर्फ डब्बू भी कोर्ट कक्ष में आ गए। जबकि कोर्ट आ रहे साहब सिंह, उत्तम सिंह व प्रदीप सिंह को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया और मेडिकल कराने के बाद कोर्ट में पेश किया गया। अदालत में जरूरी कार्यवाही पूरी होने के बाद न्यायाधीश ने सभी सजायाफ्ता लोगों को जेल भेजने का आदेश दिया। सभी को कड़ी सुरक्षा के बीच पुलिस जेल ले गई, इस दौरान समर्थकों के बीच से निकलने में काफी मशक्कत करनी पड़ी। पुलिस वाहन से विधायक ने हाथ हिलाकर अपने समर्थकों को इशारा भी किया।
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