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    मायावती को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत, बसपा सुप्रीमो पर अब मूर्तियों के मामले में नहीं चलेगा मुकदमा

    Updated: Thu, 16 Jan 2025 12:54 PM (IST)

    सुप्रीम कोर्ट ने मायावती को बड़ी राहत दी है। कोर्ट ने उनके द्वारा बनवाई गई मूर्तियों पर सरकारी खजाने का पैसा खर्च करने का मुद्दा उठाने वाली जनहित याचिका को बंद कर दिया है। कोर्ट ने यह भी कहा कि चुनाव आयोग पहले ही इस मुद्दे पर दिशानिर्देश जारी कर चुका है। अब इस मामले पर कोर्ट से कोई नया आदेश नहीं आएगा।

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    बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती (फाइल फोटो)

    जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। बसपा सुप्रीमो मायावती को जन्मदिन पर बड़ी राहत वाली खबर मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने उनके द्वारा बनवाई गई मूर्तियों पर सरकारी खजाने का पैसा खर्च करने का मुद्दा उठाने वाली जनहित याचिका पर बुधवार को सुनवाई बंद कर दी। कोर्ट ने 2009 से लंबित जनहित याचिका निस्तारित कर दी है। अब इस मामले पर कोर्ट से नया आदेश नहीं आएगा। यह निर्णय मायावती के लिए उपहार की तरह है।

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    जस्टिस बीवी नागरत्ना और जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा की पीठ ने सुप्रीम कोर्ट के वकील रविकांत और सुकुमार की ओर से दाखिल जनहित याचिका यह कहते हुए निपटा दी कि इसमें की गईं ज्यादातर मांगें महत्वहीन हो चुकी हैं और अब इन पर सुनवाई का औचित्य नहीं है।

    चुनाव आयोग जारी कर चुका है दिशा निर्देश

    कोर्ट ने यह भी कहा कि चुनाव आयोग पहले ही इस मुद्दे पर दिशानिर्देश जारी कर चुका है। साथ ही मूर्तियां स्थापित करने पर रोक का आदेश नहीं दिया जा सकता क्योंकि वे स्थापित हो चुकी हैं।

    वकील रविकांत और सुकुमार ने 2009 में सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दाखिल कर मायावती पर आरोप लगाया था कि उन्होंने उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री रहते हुए सरकारी खजाने के करीब 2,000 करोड़ रुपये बसपा के चुनाव चिह्न हाथी और स्वयं की मूर्तियां व स्थल बनवाने में खर्च किए हैं।

    हाथियों की मूर्ति पर खर्च हुए थे 52.2 करोड़ रुपये

    याचिका में कहा गया था कि विभिन्न स्थानों पर हाथियों की 60 मूर्तियां बनवाई गई हैं जिन पर करीब 52.2 करोड़ रुपये खर्च हुए जो कि न सिर्फ सरकारी धन की बर्बादी है बल्कि चुनाव आयोग द्वारा जारी सर्कुलर का भी उल्लंघन है।

    मायावती की ओर से अप्रैल, 2019 में अपनी आदमकद मूर्तियों और हाथी की मूर्तियों के निर्माण को सही ठहराते हुए सुप्रीम कोर्ट में कहा गया था कि मुख्यमंत्री जनता की इच्छा का प्रतिनिधित्व करता है। पूर्व में भी ऐसा किया गया है। कांग्रेस ने अपने नेताओं जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा, राजीव गांधी आदि की मूर्तियां देशभर में लगवाईं।

    उन्होंने हाल में गुजरात में सरदार वल्लभ भाई पटेल की मूर्ति (स्टैच्यू ऑफ यूनिटी) स्थापित किए जाने का उदाहरण भी दिया था। ये भी दलीलें दी गई थीं कि मूर्तियों और स्मारक के निर्माण का बजट विधानसभा से कानून के मुताबिक पारित हुआ था। मायावती ने याचिका खारिज करने का अनुरोध किया था।

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