Move to Jagran APP

कानपुर में सामने आया बड़ा फर्जीवाड़ा, सेंट्रल रेलवे स्टेशन पर काम करते पकड़े गए 16 फर्जी कर्मचारी

Big Fraud in Kanpur बुधवार की देर रात टिकट निरीक्षक सुनील पासवान प्लेटफार्म नंबर दो तीन पर चेकिंग कर रहे थे। इसी दौरान उनकी निगाह दिनेश कुमार गौतम पर पड़ी जिसने गले में रेलवे की आइडी डाल रखी थी।

By Shaswat GuptaEdited By: Published: Thu, 10 Jun 2021 09:34 PM (IST)Updated: Fri, 11 Jun 2021 10:11 AM (IST)
कानपुर में सामने आया बड़ा फर्जीवाड़ा, सेंट्रल रेलवे स्टेशन पर काम करते पकड़े गए 16 फर्जी कर्मचारी
पकड़े गए आरोपितों से बरामद फर्जी आइकार्ड।

कानपुर, जेएनएन। Big Fraud in Kanpur सेंट्रल स्टेशन पर फर्जी आइडी और नियुक्ति पत्र से पिछले नौ दिनों से नौकरी कराने का मामला सामने आया है। जीआरपी ने इस मामले में बुधवार को 16 लोगों को पकड़ा। जिसमें तीन लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की गई है, जबकि गिरोह के सरगना समेत चार लोगों की तलाश में टीमें दबिश दे रही हैं। फर्जी आइडी और नियुक्ति पत्र के साथ पकड़े गए लोगों से पूछताछ चल रही है। प्राथमिक जांच में सामने आया कि इन लोगों से गिरोह ने रेलवे में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी की थी। 

loksabha election banner

इस तरह हुआ राजफाश: बुधवार की देर रात टिकट निरीक्षक सुनील पासवान प्लेटफार्म नंबर दो तीन पर चेकिंग कर रहे थे। इसी दौरान उनकी निगाह दिनेश कुमार गौतम पर पड़ी जिसने गले में रेलवे की आइडी डाल रखी थी। सुनील ने उसे रोककर पूछा कहां से हो तो उसने जवाब दिया स्टाफ हैं। सुनील को शक हुआ तो और पूछताछ की। जिस पर दिनेश ने बताया कि वह ट्रेनिंग कर रहा है। उसकी तरह कई और लोग भी सेंट्रल स्टेशन पर प्रशिक्षण ले रहे हैं। आइडी मांगी तो वह नहीं दिखा सका। इस पर साथियों को बुलाने के लिए कहा। दिनेश ने फोन लगाया लेकिन एक घंटा गुजर जाने के बाद भी कोई नहीं आया तो सुनील उसे आरपीएफ सिपाहियों की मदद से जीआरपी ले आए। यहां सख्ती से पूछताछ हुई तो बड़े गिरोह की आशंका में तत्काल जीआरपी और आरपीएफ की चार टीमें बनाई गईं जिन्होंने एक-एक कर 16 लोगों को पकड़ा। इनके पास से फर्जी आइडी बरामद हुई। अनुज प्रताप सिंह और अभिषेक कुमार के पास से नियुक्ति पत्र भी प्राप्त हुआ जो जांच में फर्जी पाया गया। 

यह भी पढ़ें: कानपुर में पकड़ा गया साइबर ठगों का गिरोह, कई प्रांतों के बीमाधारकोंं को लगाई करोड़ों की चपत, जानिए- कैसे

डायरी में नोट कर रहे थे ट्रेनों के कोच नंबर: दिनेश की सूचना पर सक्रिय हुई जीआरपी और आरपीएफ टीम ने जब सुरागकशी शुरू की तो कुछ फर्जी कर्मचारी डायरी में ट्रेनों के कोच नंबर नोट करते मिले। पूछताछ में उन लोगों ने बताया कि हर दिन बदल बदलकर प्लेटफार्म दिए जाते हैं जिसमें आने वाले ट्रेनों के कोच नंबर नोट करने का काम दिया गया है। बताया कि ड्यूटी रात दस बजे से सुबह छह बजे तक करते हैं। 

यह भी पढ़ें:  कानपुर सेंट्रल पर फर्जी नौकरी करते पकड़े गए 13 युवकों को पुलिस ने माना पीड़ित, एक एजेंट को जेल

पांच से पंद्रह लाख की करते थे ठगी: सीओ जीआरपी कमरूल हसन ने बताया कि रुपये लेकर फर्जी नियुक्ति देने के गिरोह की जानकारी मिली है। यह लोग बेरोजगार युवकों का फायदा उठाते हैं और रुपये लेकर रेलवे में नौकरी के नाम पर ठगी करते हैं। टीसी के लिए पांच से पंद्रह लाख रुपये तक वसूल किए जाते थे जबकि पार्सल पोर्टर (सामान उठाने रखने वाला) के लिए एक लाख रुपये लिए जाते हैं। 

जीआरपी के पहुंचने से पहले फरार हो गया सरगना: जीआरपी ने गैंग के सरगना रुद्र प्रताप ठाकुर की तलाश में पनकी में छापेमारी की लेकिन वह पकड़ में आने से पहले ही निकल गया। जीआरपी ने उसकी गाड़ी जब्त कर ली है। रुड़की का प्रापर्टी डीलर राकेश भट्ट बेरोजगारों को फंसाने का काम करता है और युवकों को रुद्र के पास भेजता था। इनके साथी अनुज अवस्थी और रोहित की भी तलाश की जा रही है। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.