बैंकों को मिलेगी बड़ी राहत, संपत्ति बंधक को लेकर एक अगस्त से शुरू हो रही नई व्यवस्था
बंधक या बंधक मुक्त संपत्ति को लेकर एक अगस्त से नई व्यवस्था शुरू होने जा रही है । इससे समय की बचत के साथ ही खरीद-फरोख्त में धोखाधड़ी कम हो जाएगी और बैंकों सबसे बड़ी राहत मिल जाएगी।

कानपुर, आलोक शर्मा। बैंक से जमीनों पर ऋण लेकर उसे फिर से बेच देने के मामले अक्सर सामने आते हैं लेकिन, अब इन पर प्रभावी रोक लगनी तय है। यह खतौनी में संपत्ति के बंधक या बंधक मुक्त होने की जानकारी आनलाइन मिलने से संभव होगा। यह व्यवस्था एक अगस्त से शुरू होने के बाद धोखाधड़ी रुकेगी, जबकि बैंक कमियों को भी तहसीलों के चक्कर लगाने से निजात मिल जाएगी।
राजस्व विभाग के भूलेख पोर्टल पर बंधक संपत्ति का विवरण दर्ज कराने के लिए बैंकों को अभी राजस्व अधिकारियों के चक्कर लगाने पड़ते हैं। जब काश्तकार या संपत्ति मालिक ऋण अदा कर देता है तो खतौनी में संपत्ति को बंधक मुक्त दर्ज कराने के लिए उन्हें परेशान होना पड़ता है। अब बंधक संपत्ति का विवरण बैंक खतौनी में दर्ज करा सकेंगे।
इसके लिए बैंक अधिकारी सीधे अपनी लागिन से भूलेख पोर्टल पर जाकर संपत्ति को बंधक या बंधक मुक्त करने की संस्तुति करेंगे, जिसे रजिस्ट्रार कानूनगो बैंक द्वारा जारी प्रमाण पत्र व संस्तुति के आधार पर आर-6 रजिस्टर में दर्ज कर लेंगे, जिसे बाद में खतौनी में दर्ज कर लिया जाएगा। राजस्व परिषद की आयुक्त एवं सचिव मनीषा त्रिघाटिया की ओर से इस संबंध में प्रदेश के सभी जिलाधिकरियों को जारी किए गए निर्देश में यह व्यवस्था एक अगस्त, 2022 से शुरू कराने को कहा गया है।
यह है वर्तमान प्रक्रिया : बैंक काश्तकारों को जमीन पर ऋण देते हैं तो वह संपत्ति ऋण की अदायगी तक बैंक के पास बंधक होती है। बैंक बंधक प्रमाण पत्र जारी कर इसे रजिस्ट्रार कानूनगो कार्यालय में भेजते हैं। रजिस्ट्रार कानूनगो प्रमाण पत्र के आधार पर इसे आर-6 में दर्ज कर लेते हैं। आर-6 एक तरह का रजिस्टर होता है, जिसमें किसान का नाम, खाता संख्या, गाटा संख्या और बंधक संपत्ति व धनराशि का विवरण होता है। इसके बाद इसे खतौनी में चढ़ाया जाता है। इस प्रक्रिया में न्यूनतम 15 दिन लगते हैं, जबकि अधिकतम समय सीमा कोई नहीं है। संपत्ति पर ऋण अदा होने के बाद बैंक बंधक मुक्त प्रमाण पत्र जारी करते हैं। इसे भी खतौनी में दर्ज कराने की यही प्रक्रिया है।
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