कानपुर सेंट्रल पर 52 लाख रुपये के साथ पकड़ा गया व्यापारी, पूछताछ में अब तक नहीं बता पाया स्रोत
चौरीचौरा एक्सप्रेस से उतरा था फतेहपुर का व्यापारी कानपुर के भूसाटोली में जाना था। जीआरपी कर रही पूछताछ आयकर और एटीएस को दी सूचना। जीआरपी ने रुपये का स्रोत और किस व्यापारी को कितना पैसा देना है यह भी पूछा।
कानपुर, जेएनएन। स्वतंत्रता सेनानी के पेंट्रीकार से 1.40 करोड़ रुपये मिलने का मामला अभी शांत नहीं हुआ था कि अब आरपीएफ ने फतेहपुर के खागा के व्यापारी को 52 लाख रुपये से भरे झोले के साथ पकड़ा। वह कानपुर में एक रिश्तेदार के यहां जा रहा था। व्यापारी रुपये का स्रोत नहीं बता पाया। अधिकारी अनुमान लगा रहे हैं कि रुपये पंचायत चुनाव के लिए तो नहीं मंगवाए गए। सूचना पर पहुंचे इंटेलीजेंस ब्यूरो के सीओ ने भी व्यापारी से पूछताछ की। आंतकी कनेक्शन से जोड़कर भी पड़ताल की जाएगी। इसके लिए एटीएस भी जल्द पूछताछ करेगी।
इस तरह पकड़ा गया कारोबारी: कानपुर सेंट्रल स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर एक पर गुरुवार को चौरीचौरा एक्सप्रेस आई तो खागा का व्यापारी विकास गुप्ता प्लेटफार्म नंबर दस की ओर से लाइन पार करके घंटाघर की ओर जाने लगा। आरपीएफ के दारोगा राहुल यादव व सिपाही कारेलाल शर्मा ने उसे रोका और पूछा-झोले में क्या है। विकास ने कहा कि कैश लेकर जा रहे हैं। कितना कैश है, इस सवाल पर बताया कि 22 लाख रुपये हैंं। पान मसाला रखने का झोला खुलवा देखा गया तो 500, 2000, 200 रुपये के नोट की गड्डियां भरी हुई थीं। दारोगा ने सहायक सुरक्षा आयुक्त एके राय को सूचना दी और व्यापारी को आरपीएफ थाने लेकर पहुंचे, जहां से उसे जीआरपी को सौंप दिया गया। जब जीआरपी सीओ की मौजूदगी में रुपये गिने गए तो 52,36,720 रुपये मिले। पूछताछ में विकास ने बताया कि वह खागा में साबुन, अगरबत्ती और पान मसाला का व्यापार करता है। कानपुर के व्यापारियों से माल खरीदता है, उसी का पैसा देना है। जीआरपी ने रुपये का स्रोत और किस व्यापारी को कितना पैसा देना है पूछा, लेकिन वह किसी भी सवाल का संतोषजनक जवाब नहीं दे सका। उसने बताया कि वह भूसाटोली स्थित रिश्तेदार के यहां आया था। जीआरपी रिश्तेदारों का भी पता लगा रही है।
इनका ये है कहना: व्यापारी रुपये के स्रोत की सही जानकारी नहीं दे पा रहा। एटीएस, आइबी और आयकर विभाग को भी सूचना दे दी गई है। हर बिंदु पर पड़ताल की जाएगी। - कमरूल हसन खां, सीओ जीआरपी