SIR Updates: कानपुर की 3 विधानसभा में 1.37 लाख मतदाताओं के कट सकते नाम, इसमें यूपी विधानसभा अध्यक्ष का क्षेत्र भी
SIR Updates: कानपुर की 3 विधानसभा क्षेत्रों से 1.37 लाख मतदाताओं के नाम काटे जा सकते हैं, जिसमें उत्तर प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष का निर्वाचन क्षेत्र भी ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, कानपुर। SIR Updates: भाजपा दक्षिण जिला में आने वाले महाराजपुर, किदवई नगर और कैंट विधानसभा क्षेत्र में करीब 1.37 लाख मतदाताओं के नाम सूची से गायब हैं। इसको लेकर भाजपा नेता चिंतित हैं। शुक्रवार को जिलाध्यक्ष शिवराम सिंह ने इस संबंध में बैठक की जिसमें यह बात उभर कर आई कि ग्रामीण क्षेत्रों से जो लोग शहरी क्षेत्र में आकर मतदाता बने थे, उन्हें डर है कि ग्रामीण क्षेत्र में मतदाता सूची में उनका नाम न होने की स्थिति में उन्हें सरकारी सुविधाएं नहीं मिलेंगी। इसलिए वे अपने गांवों में लौटकर मतदाता बन गए हैं।
मतदाता गहन पुनरीक्षण अभियान (एसआइआर) के अब तक आए आंकड़ों में छावनी में करीब 65 हजार, महाराजपुर में 55 हजार और किदवई नगर विधानसभा क्षेत्र में करीब साढ़े 17 हजार मतदाताओं के नाम गायब हैं। इसको लेकर शुक्रवार को हुई बैठक में चिंता भी जताई गई। पार्टी नेताओं ने कहा कि पार्टी का शहरी क्षेत्र की विधानसभा सीटों पर ज्यादा प्रभाव है।
शहरी क्षेत्र में इतनी बड़ी संख्या में मतदाताओं के नाम कटने से पार्टी को विधानसभा चुनाव में नुकसान हो सकता है। बैठक में बताया गया कि पार्टी कार्यकर्ता अनुपस्थित व शिफ्टेड मतदाताओं को तलाश रहे हैं ताकि उन्हें फिर से यहां मतदाता बनाया जा सके। बैठक में जिलाध्यक्ष शिवराम सिंह, गणेश शुक्ला, जसविंदर सिंह, मनीष त्रिपाठी, संजीव बेरी, अनुराग शुक्ला, अरविंद वर्मा, शिवम मिश्रा, शिवपूजन सविता आदि मौजूद रहे।
इधर, विपक्ष के समर्थकों की सूची तैयार कर रही भाजपा
एसआइआर के साथ ही भाजपा कार्यकर्ताओं की बूथ क्षेत्र में रहने वाले प्रत्येक मतदाता पर निगाह है। वहां कौन भाजपा का समर्थन कर रहा है और कौन विपक्षी दल का समर्थक है, सबका लेखा जोखा तैयार किया जा रहा है। बुधवार को दक्षिण जिला कार्यालय में हुई बैठक में कार्यकर्ताओं को इसमें तेजी लाने के लिए कहा गया। एसआइआर अभियान को लेकर दक्षिण जिलाध्यक्ष शिवराम सिंह ने जिला पदाधिकारियों व मंडल अध्यक्षों के साथ बुधवार को बैठक की थी। इसमें शिफ्टेड व अनुपस्थित मतदाताओं को तलाशने के निर्देश दिए गए। विपक्षी दलों के समर्थकों पर भी पैनी निगाह रखने को कहा गया। पार्टी एसआइआर के साथ वर्ष 2027 में होने वाले विधानसभा चुनाव में विपक्षी दलों को पटखनी देने के लिए बूथों को मजबूत करने में जुट गई है।

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