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    Amla Navami 2025: आंवला नवमी किस दिन है? जानें आंवला के पेड़ के पूजा की उचित विधि

    Updated: Tue, 28 Oct 2025 05:15 PM (IST)

    कार्तिक मास की नवमी, अक्षय नवमी कहलाती है, जो दान-पुण्य के लिए शुभ है। इस दिन आंवले के पेड़ की पूजा की जाती है, दान किया जाता है और ब्राह्मणों को भोजन कराया जाता है। मान्यता है कि इससे अक्षय पुण्य मिलता है, घर में सुख-समृद्धि आती है और रोगों से मुक्ति मिलती है। यह दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी को समर्पित है।

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    जागरण संवाददाता, कानपुर। कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को अक्षय नवमी कहा जाता है। इस बार नवमी 30 अक्टूबर को है। यह तिथि बहुत ही शुभ और पुण्यदायी है। ऐसा विश्वास है कि इस दिन किए गए दान-पुण्य, स्नान, पूजा और व्रत का अक्षय फल यानी कभी न समाप्त होने वाला पुण्य प्राप्त होता है। अक्षय नवमी जिसे आंवला नवमी के नाम से भी जाना जाता है इस दिन किया गया कोई भी शुभ कार्य या दान-पुण्य कभी खत्म नहीं होता और इसका फल ‘अक्षय’ यानी अनंत काल तक बना रहता है।

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    आंवले के पेड़ की पूजा

    आंवले के पेड़ के तने को जल से सींचें पेड़ के तने के चारों ओर कच्चा सूत (कलावा) लपेटें फल, फूल, धूप, दीप, रोली, चंदन आदि से पूजा करें आरती करें और 108 बार परिक्रमा करें। पूजा के बाद पेड़ के नीचे बैठकर अपनी मनोकामनाएं कहें। इस दिन सामर्थ्य अनुसार वस्त्र, अन्न, सोना, चांदी या फल-सब्जियों का दान करना चाहिए। दान करने से पुण्य ‘अक्षय’ हो जाता है। पूजा के बाद आंवले के पेड़ के नीचे ब्राह्मणों को भोजन कराएं और स्वयं भी प्रसाद ग्रहण करें। ऐसा करने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है।

    अक्षय नवमी का लाभ

    इस दिन किए गए दान-पुण्य से जीवनभर सुख, शांति और समृद्धि बनी रहती है। भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की कृपा से घर में धन-धान्य की वृद्धि होती है। इस दिन व्रत रखने से संतान की उन्नति और दीर्घायु का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

    अक्षय नवमी का महत्व

    अक्षय नवमी का महत्व अक्षय तृतीया के समान ही है। इस दिन से ही द्वापर युग का आरंभ हुआ था। यह दिन भगवान विष्णु को समर्पित है। अक्षय पुण्य इस दिन किए गए स्नान, दान, तर्पण, पूजा और सेवा कार्यों का पुण्य कभी खत्म नहीं होता और जन्म-जन्मांतर तक व्यक्ति के साथ रहता है। आंवले के पेड़ की पूजा पौराणिक कथाओं के अनुसार, इस दिन भगवान विष्णु ने सृष्टि को आंवले के पेड़ के रूप में स्थापित किया था। इस दिन भगवान विष्णु आंवले के पेड़ में निवास करते हैं इसलिए इस दिन आंवले के पेड़ की पूजा करने से व्यक्ति के समस्त पाप नष्ट हो जाते हैं और उसे हर कार्य में सफलता मिलती है। रोग मुक्ति आंवले के पेड़ के नीचे बैठकर भोजन करने से व्यक्ति को रोग-दोष से मुक्ति मिलती है और उत्तम स्वास्थ्य प्राप्त होता है। मां लक्ष्मी का आशीर्वाद यह नवमी मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए भी अत्यंत शुभ होती है।

    (जैसा कि ज्योतिष सेवा संस्थान के संस्थापक और अध्यक्ष आचार्य पवन तिवारी ने बताया )