UP News: AI बनेगा जवाबदेह और जिम्मेदार, IIT में तैयार हुआ प्रोटोकॉल; विश्व के लिए मानक तय करेंगे भारतीय तकनीक
IIT कानपुर में एआइ रिस्पांसिबल और एआइ सस्टेनबेल का मानक प्रस्ताव तैयार किया गया है। इस पर जल्द ही वैश्विक स्तर पर निर्णय होने की उम्मीद है। भारत के विज्ञानियों ने कई अन्य उत्पादों के मानकीकरण निर्धारित किए हैं जिन्हें वैश्विक स्तर पर अपनाया गया है।

आइआइटी कानपुर में आयोजित कार्यशाला के बारे में जानकारी देने के दौरान ( बाएं से दाएं ) एसआइआइसी के पीयूष मिश्रा, डीन रिसर्च एंड डवलपमेंट प्रो. तरुण गुप्ता, बीआइएस की उप महानिदेशक रीना गर्ग, बीआइएस के यूपी प्रमुख सुधीर बिश्नोई और आइआइटी के प्रो. एम जलील अख्तर। संस्थान
जागरण संवाददाता, कानपुर। आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस को जवाबदेह और जिम्मेदार बनाया जाएगा। एआइ रिस्पांसिबल और एआइ सस्टेनबल के लिए तैयार हो रहे वैश्विक मानक के लिए भारत ने प्रोटोकाल तैयार किया है। इसमें आइआइटी कानपुर की अहम भूमिका है। यह जानकारी गुरुवार को आइआइटी पहुंची भारतीय मानक ब्यूरो की उप महानिदेशक रीना गर्ग ने दी है।
वह आइआइटी में भारतीय मानक ब्यूरो के मानकों के स्टार्टअप व नवाचार पर पड़ने वाले प्रभाव से संबंधित कार्यशाला में शिरकत करने के लिए आइआइटी कानपुर पहुंची थीं। उन्होंने बताया भारत के विज्ञानियों ने कई महत्वपूर्ण मानक प्रोटोकाल प्रस्ताव तैयार किए हैं । वैश्विक मानकों में इन्हें शामिल किए जाने का फैसला अभी होना है।
उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पिछले दिनों कहा था कि हम विश्व के स्टैंडर्ड का अनुसरण ही नहीं करें बल्कि अपने मानक खुद बनाएं। इसके लिए भारतीय मानक ब्यूरो ने तकनीकी क्षेत्र में मानकीकरण के लिए देश के बड़े इंजीनियरिंग संस्थानों के साथ तालमेल बढ़ाया है। आइआइटी कानपुर के 87 शिक्षक हमारे से साथ जुड़कर काम कर रहे हैं। अगले चरण में इसमें नवाचार करने वाले युवाओं और विद्यार्थियों को भी शामिल किया जाएगा।
आइआइटी कानपुर में एआइ रिस्पांसिबल और एआइ सस्टेनबेल का मानक प्रस्ताव तैयार किया गया है। इस पर जल्द ही वैश्विक स्तर पर निर्णय होने की उम्मीद है। भारत के विज्ञानियों ने कई अन्य उत्पादों के मानकीकरण निर्धारित किए हैं जिन्हें वैश्विक स्तर पर अपनाया गया है। आइआइटी कानपुर में आयोजित कार्यशाला का उद्देश्य युवाओं के साथ मिलकर नए मानक प्रस्ताव तैयार करना भी है।
स्टार्टअप और नवाचार करने वालों को इस कार्यशाला के माध्यम से बताया गया है कि डिजाइन स्तर पर ही अपने उत्पाद को वैश्विक व राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप तैयार करें। इससे उन्हें बाजार में समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा।
आइआइटी के डीन रिसर्च एंड डवलपमेंट प्रो. तरुण गुप्ता ने बताया कि कार्यशाला में स्टार्टअप इंक्यूबेशन एंड इनोवेशन सेंटर और आइआइटी के छात्रों ने हिस्सा लिया है। लगभग 100 से ज्यादा प्रतिभागी शामिल हुए हैं।
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