जयमाल हुआ-सातफेरे लिए और विदाई के समय बिन दुल्हन लौट गई बारात, तुरंत बुलानी पड़ी पुलिस
सनिगवां में शादी समारोह में अजब गजब घटना हुई। घराती और बाराती विदाई की तैयारियां कर रहे थे इसी बीच दुल्हन का पहला पति सामने खड़ा हो गया। इस दौरान लंबी बहसबाजी और कहासुनी भी हुई। पुलिस भी बुलानी पड़ गई। आखिर में दुल्हन के बिना ही बारात लौट गई। इस दौरान पुलिस भी आ गई। हालांकि किसी पक्ष से कोई तहरीर नहीं दी गई है।

जागरण संवाददाता, कानपुर। चकेरी के सनिगवां में शादी समारोह में अजब गजब घटना हुई। घराती और बाराती विदाई की तैयारियां कर रहे थे, इसी बीच दुल्हन का पहला पति सामने खड़ा हो गया। इस दौरान लंबी बहसबाजी और कहासुनी भी हुई। पुलिस भी बुलानी पड़ गई। आखिर में दुल्हन के बिना ही बारात लौट गई।
आपको बता दें कि चकेरी के सनिगवां में बुधवार की रात एक गेस्ट हाउस में शादी समारोह का आयोजन चल रहा था। क्षेत्र का ही रहने वाला दूल्हा बारात लेकर समारोह में पहुंचा। धूमधाम से शादी हुई फिर सात फेरे हुए। अगले दिन गेस्ट हाउस में विदाई की तैयारियां चल रहीं थी, तभी युवती का पहला पति पहुंच गया।
तीन साल पहले की थी कोर्ट मैरिज
पत्नी की शादी का उसने विरोध शुरू कर दिया। इस दौरान युवक ने बताया कि उसने युवती से करीब तीन साल पहले कोर्ट मैरिज की थी, लेकिन कुछ माह पहले विवाद के चलते युवती को छोड़ दिया। इधर युवती के स्वजन ने उसकी शादी तय कर दी। वहीं दूल्हे के स्वजन को इस बात का पता चला तो उनके पैरों तले जमीन खिसक गई।
पुलिस भी पहुंची
इस पर दूल्हे समेत उसके परिजनों ने हंगामा शुरू कर दिया और डायल-112 पर शिकायत की। सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने जांच की तो युवती ने भी शादी होने की बात स्वीकार करते हुए विदाई करने से इन्कार कर दिया। इसके बाद बारात लौट गई।
किसी ने नहीं दी कोई तहरीर
इस मामले में चौकी प्रभारी अंकित खटाना ने बताया कि शादी के बाद विदाई होने के टाइम पर युवती के पहले पति ने आकर शादी का विरोध किया था। युवती ने भी ससुराल जाने से इन्कार कर दिया। इस कारण बारात बिना दुल्हन के ही लौट गई। किसी पक्ष से कोई तहरीर नहीं दी है।
अनाथ बेटियों के सपनों को लगा रहे पंख
कानपुर। अनाथ बेटियों के जीवन में खुशियां संजाेने वाले श्याम नगर निवासी अजीत अग्रवाल समर्पण भाव से जुटे हैं। वह उनकी शिक्षा का खर्च तो उठाते ही हैं उनका विवाह भी कराते हैं। इस कार्य मेंं अजीत अकेले नहीं हैं बल्कि उनकी पत्नी रत्ना, बेटी मुस्कान, बेटा तनुष अग्रवाल भी साथ हैं।
अजीत आठ साल से अपने विवाह की वर्षगांठ पर गरीब बेटियों की शादी कराते हैं। अब तक 336 बेटियों का विवाह का खर्च खुद ही उठा चुके हैं। उन्होंने बताया कि 21वीं वर्षगांठ में 11, 22वीं में 11, 23वीं में 12, 24वीं में 15, 25वीं में 25, 26वीं में 81 और 27वीं में 181 कन्याओं का विवाह कराया।
सभी कन्याओं को स्त्री धन के रूप में गृह उपयोगी सभी वस्तुएं दी जाती हैं। सभी मंगलसूत्र, पायल, बिछिया और एक तुलसी का गमला देकर विदा किया जाता है। इसके लिए वे किसी से चंदा नहीं लेते। इस साल अग्रवाल परिवार 16 फरवरी को 101 बेटियों की शादी करवा रहा है। इसमें 51 बेटियां अनाथ हैं। पूरा परिवार सामूहिक विवाह के आयोजन की तैयारी में जुटा है।
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