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कन्नौज : जेल में फंदा लगाकर युवक ने दी जान, दुष्कर्म के प्रयास का था आरोपित

कन्नौज में दुष्कर्म के आरोप में जिला कारागार में बंद युवक ने फंदे से लटक कर जान दे दी । युवक ने गमछे से फंदा बनाया और पानी के पाइप में लटका कर जान दे दी । घटना की जानकारी पाकर डीएम व एसपी समेत आलाअधिकारी मौके पर पहुंचे ।

By Abhishek VermaEdited By: Updated: Sun, 01 May 2022 11:11 PM (IST)
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कन्नौज में जेल में आरोपित ने दी जान ।

कन्नौज,जागरण संवाददाता। दुष्कर्म के प्रयास आरोप में जिला कारागार में निरुद्ध युवक ने फंदा लगाकर जान दे दी। जेल में बैरक के पीछे की दीवार पर पानी के पाइप से उसे गमछे से फंदा बनाया और खुदकुशी कर ली। बदीं रक्षक ने जब उसे देखा तो फंदे से उतार कर जेल चिकित्सालय में भर्ती कराया, जहां डाक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया। इस घटना से जेल प्रशासन में हड़कंप मच गया। मौके पर डीएम-एसपी भी पहुंचे और घटना के बारे में जानकारी ली।

रविवार की शाम 7:15 बजे जिला कारागार अनौगी में बंदी रक्षक सत्यपाल सिंह सिसौदिया ने बैरक की पीछे की दीवार पर पानी के पाइप से एक युवक को फंदे से लटका देखा। उन्होंने उसे नीचे उतारा और जेल चिकित्सालय ले गए, जहां जेल के डा. श्रीकृष्ण ने उसे मृत घोषित कर दिया। युवक की शिनाख्त इंदरगढ़ थाना क्षेत्र के ग्राम भोरामऊ निवासी अभिनव प्रताप सिंह बैस उर्फ प्रखर के रूप में हुई। वह दुष्कर्म के प्रयास के एक मामले में 24 मार्च को जिला कारागार में आया था। उसके खिलाफ गांव की ही एक युवती ने दुष्कर्म का प्रयास, अपहरण, आत्महत्या दुष्प्रेरण का मुकदमा दर्ज कराया था। अभिनव स्वयं को निर्दोष बता रहा था, जबकि युवती ने कोर्ट में उसके खिलाफ बयान दिए थे। इसी आधार पर इंदरगढ़ थानाध्यक्ष रुद्रप्रताप नारायण त्रिपाठी ने उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। घटना की जानकारी पाकर जिलाधिकारी राकेश कुमार मिश्र व पुलिस अधीक्षक प्रशांत वर्मा भी जिला कारागार पहुंचे और जेल प्रशासन से घटना की जानकारी ली। सदर एसडीएम उमाकांत तिवारी ने शव का पंचनामा भरकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। डीएम ने घटना की मजिस्ट्रेटी जांच कराए जाने के निर्देश दिए हैं।

एससी-एसटी एक्ट ने बुझा दिया घर का इकलौता चिराग

अभिनव प्रताप सिंह के पिता शिवप्रताप सिंह बैस ने बताया कि गांव की रंजिश में उनके बेटे के खिलाफ एक युवती ने एससी-एसटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज करा दिया था, जिसमें दुष्कर्म का प्रयास तथा आत्महत्या के लिए उकसाने की धाराएं लगाईं थीं। अभिनव इकलौता बेटा था और इंटर में पढ़ रहा था। जिस दिन 24 मार्च को उसे जेल भेजा गया था, उस दिन पहला पेपर था। पिता ने कई बार अफसरों के चक्कर लगाए मगर किसी ने परीक्षा देने की मोहलत नहीं दी और उनके बेटे को जेल भेज दिया गया। जेल अधीक्षक विष्णुकांत मिश्रा ने बताया कि जिलाधिकारी के निर्देश पर घटना की मजिस्ट्रेटी जांच की जाएगी।

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